For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत : कोई चाहे कुछ भी कह ले, जीवन पथ आसान नहीं है

कोशिश  है जीवन  पाने की
सबकी चाह  प्रथम आने की
कई  करोड़ों  लड़ते   लेकिन
कोई - कोई  विजयी  निकले
शेष  कहाँ जा खो जाते हैं, इसका  कुछ अनुमान नहीं है
कोई  चाहे कुछ भी  कह ले, जीवन पथ  आसान नहीं है

शाम  सुबह  या  जेठ  दुपहरी, भूख  मिटाते  जीवन  बीते
कल जैसा ही कल होगा क्या, इस असमंजस में हम जीते
रेत  सरीखे  अपने  सपने,  कब   ढह  जाए  नहीं  भरोसा
जीने  की  उम्मीद  लिए  सब, बूँद  जहर  का  चेतन  पीते
दो  रोटी  पाने  की  ख़ातिर,  जीवन  सभी  खपाते लेकिन
जीवन  ताश  सरीखा जिसके, अगले पल का भान नहीं है
कोई  चाहे  कुछ  भी  कह  ले, जीवन पथ आसान नहीं है

काम  खोजने  गए  सुबह  पर, नहीं  भरोसा काम मिलेगा
देव  भाग्य  से  काम  मिला तो, नहीं  जानते  दाम मिलेगा
स्वांसों पर  उनके  पहरा है,  भाग्य  कहीं  जाकर  ठहरा है
उनका  तन  पूरा  गिरवी  है,  उनको  क्या आराम मिलेगा
दुख  से  उनकी  रिश्तेदारी,  घर  लगता  शमशान सरीखा
घर  पर  जाके  उनके  देखो,  जीने   का  सामान  नहीं  है
कोई  चाहे  कुछ  भी  कह ले, जीवन  पथ आसान नहीं है

प्रेम-सुधा का चिर अभिलाषित, खोजे केवल फूल हमेशा
रहे  उपेक्षित  प्रतिफल  में वह, उसको चुभते शूल हमेशा
जीवन  वन में कभी - कभी तो, आती मस्त बहारें लेकिन
वे  भी  होतीं  मित्र कहाँ कब, उसके हित अनुकूल हमेशा
समय  चक्र  की  अपनी गति है, इसमें उलझा चेतन सारा
कहने  को अपना  जीवन यह, अपने  हाथ कमान नहीं है
कोई  चाहे  कुछ  भी कह ले, जीवन  पथ आसान नहीं है

नाथ सोनांचली

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 260

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on June 22, 2022 at 8:25pm

आद0 चेतन प्रकाश जी सादर अभिवादन। रचना पर आपकी गरिमामयी उपस्थिति और उत्साह बढ़ाती आत्मिक प्रतिक्रिया का हृदयतल से आभार।

Comment by Chetan Prakash on June 22, 2022 at 8:07pm

नमस्कार, भाई, नाथ सोनांचली, जीवन की अनिश्चितता और परिस्तिथियों के सापेक्ष मानव के
असहाय होते भाग्य पर उसकी निर्भरता की विषय- वस्तु लेकर सार्थक गीत की सृष्टि की आपने, बधाई !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
32 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
33 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
33 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
34 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
35 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
44 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service