For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल-जैसा जग है वैसा ही हो जाऊँ तो

बह्र-ए-मीर
पतझर में भी गीत बसंती गाऊँ तो
जैसा जग है वैसा ही हो जाऊँ तो

अंदर का अँधियारा क्या छट जायेगा
कोशिश करके बाहर दीप जलाऊँ तो

शायद लौट चले आएं रूठे पलछिन
फूलों से जो उनकी राह सजाऊँ तो

कार्य हमारे भी सारे सध जायेंगे
सुविधा शुल्क लिये ये हाथ बढ़ाऊँ तो

जग सारा देखेगा 'ब्रज' के पांव फटे
जो चादर के बाहर पग फैलाऊँ तो


(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 1077

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 25, 2020 at 5:11pm

ग़ज़ल पे हौसलाफजाई के लिए शुक्रिया यादव जी...

Comment by आशीष यादव on August 26, 2020 at 1:32am

बहुत सुंदर गजल हुई है। काबिल-ए-तारीफ है। बधाई स्वीकार कीजिए।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 18, 2020 at 11:16pm

आदरणीय शर्मा जी बिलकुल सहमत हूँ...सुन्दर शब्दों के लिए आभार

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 18, 2020 at 11:15pm

आदरणीया मधु जी आपका हार्दिक अभिनन्दन वंदन...

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 18, 2020 at 11:15pm

ग़ज़ल पे आपकी शिरक़त के लिये शुक्रिया आदरणीय समर जी..आपके बताये अनुसार सुधार करता हूँ..

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 18, 2020 at 11:13pm

सुन्दर शब्दों में उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार आदरणीय धामी जी...

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 18, 2020 at 11:12pm

आदरणीय सुरेन्द्र जी ग़ज़ल पसंदगी के लिए शुक्रगुजार है...

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 18, 2020 at 11:12pm

आदरणीय रवि जी रचना पटल पे आपकी उपस्थित के वंदनीय है..उत्साहवर्धन के लिए सादर आभार

Comment by बसंत कुमार शर्मा on August 18, 2020 at 9:00pm

आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी सादर नमस्कार 

बहुत सुंदर 

आदरणीय समर कबीर जी का सुझाव काबिले गौर है 

बधाई आपको 

Comment by Madhu Passi 'महक' on August 18, 2020 at 6:20pm

आदरणीय बृजेश कुमार' ब्रज ' जी नमस्कार! बहुत ही सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"स्वागतम"
15 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"है सियासत की ये फ़ितरत जो कहीं हादसा हो उसको जनता के नहीं सामने आने देना सदर"
16 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय पंकज जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये सादर"
16 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
16 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमित जी  बहुत बहुत शुक्रिया सज्ञान लेने के लिए कोशिश करती हूं समझने की जॉन साहब को भी…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई पंकज जी, हार्दिक आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. रिचा जी, हार्दिक आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई जयनित जी, हार्दिक आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई दिनेश जी, हार्दिक आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, हार्दिक आभार।"
17 hours ago
Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण जी ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, शेष अमित जी ने विस्तृत इस्लाह की है। "
18 hours ago
Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय बाग़पती जी अच्छी ग़ज़ल से मुशायरे की शुरुआत के लिए साधुवाद"
18 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service