For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नगर खिन्न हो देखता, खुश होता देहात
हरियाली  उपहार  में,  देती  है ब रसात।१।
**
हलधर सोया खेत में, तन पर ओढ़े धूल
रूठी बदली देखिए, जा बैठी किस कूल।२।
**
धरती के  दुख  से  हुई, अँधियारी  हर भोर
बादल बिजली चीखते, मत आना इस ओर।३।
**
जब से आयी गाँव में, फिर रिमझिम बरसात
सौंधी मिट्टी  की  महक, उठती  है  दिन-रात।४।
**
वसन धरा के जो सुना, तपन ले गयी चोर
बौराए घन  नापते, पलपल  नभ का छोर।५।
**
मेंढक जी तो हैं सदा, बरखा के मनमीत
बजा बोलता मोर नित, झींगुर को संगीत।६।
**
पहली बारिश की भले, धीमी रही फुहार
लेकिन उससे कट गयी, हर कच्ची दीवार।७।
**
पहली बारिश याद कर, फिर से भीगी आँख
पर विरहन  कैसे  उड़े, मिले  नहीं  जब पाँख।८।
**
भीगी मिट्टी की महक, नित्य बढ़ाये प्यास 
सावन सूखा रह गया, क्या भादौ से आस।९।
**
भीगे जो बरसात में, विविध कह रहे बोल
हम सूखे  घर  में  रहे, द्वार  न  पाये खोल।१०।
//
मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर

Views: 402

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 12, 2020 at 8:52pm

आ. भाई सुरेंद्र नाथ जी, सादर अभिवादन । दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार ।

Comment by नाथ सोनांचली on July 11, 2020 at 12:49pm

आद0 लक्ष्मण धामी जी सादर अभिवादन। बरसात को विषय बनाकर बहुत बेहतरीन दोहे रचे हैं।बधाई स्वीकार कीजिये

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 7, 2020 at 9:19am

आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । दोहों पर उपस्थिति और सराहना के लिए आभार ।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 7, 2020 at 8:30am

हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी। बेहतरीन दोहे।

भीगी मिट्टी की महक, नित्य बढ़ाये प्यास 
सावन सूखा रह गया, क्या भादौ से आस।९।
**

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
5 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
6 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
15 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
32 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
32 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
34 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Richa यादव जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई। इस्लाह से बेहतर हो जाएगी ग़ज़ल। "
39 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' ji, अच्छा प्रयास हुआ ग़ज़ल का। बधाई आपको। "
42 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Chetan Prakash ji, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। सुझावों से निखार जाएगी ग़ज़ल। बधाई। "
47 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, ख़ूब ग़ज़ल रही, बधाई आपको। "
51 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी। सादर अभिवादन स्वीकार करें। ग़ज़ल तक आने व प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Sanjay जी, अच्छा प्रयास रहा, बधाई आपको।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service