For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rajkumar sahu's Blog – July 2011 Archive (22)

दिलेरी का एक नाम ‘फूलबाई’, अब तक 7 हजार पोस्टमार्टम !

अक्सर कहा जाता है कि नाम बड़ा होता है या काम और अंततः कर्म की प्रधानता को तवज्जो दी जाती है। ऐसी ही एक महिला है, जिसने नाम के विपरित बड़ा काम किया है, वो भी हिम्मत व दिलेरी का। जिस काम को कोई मर्दाना भी करने के पहले हाथ-पांव फुला ले, वहीं यह नारी शक्ति की मिसाल महिला करती हैं, लाशों का पोस्टमार्टम। ऐसा भी माना जा रहा है कि संभवतः यह छत्तीसगढ़ की पहली महिला होगी, जिसने ऐसे हिम्मत के काम को चुना और एक नई मिसाल भी कायम की है। जी हां, छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा में ‘फूलबाई’ नाम की एक… Continue

Added by rajkumar sahu on July 30, 2011 at 11:23pm — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - कामनवेल्थ गुरू सुरेश कलमाड़ी, जांच एजेंसी के सामने मुंह नहीं खोल रहे हैं।

पहारू - मगर, ए. राजा तो जुबान खोलकर सरकार का सिरदर्द बन गया है।





2. समारू - बिलासपुर में आईटीआई का पर्चा लीक होने की खबर है।

पहारू - छग के लिए पर्चा लीक होना कौन सी बड़ी बात है।





3. समारू - ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने सूत की माला से जूता साफ किया।

पहारू - नेता तो जनता को बरसों से जूते के ‘तलवे’ नीचे रखते आ रहे हैं।



4. समारू - छग सरकार ने अब शहरों…

Continue

Added by rajkumar sahu on July 27, 2011 at 9:00pm — No Comments

लक्षलिंग में चढ़ता है एक लाख चावल !

छत्तीसगढ़ की काशी के नाम से विख्यात लक्ष्मणेश्वर की नगरी खरौद में सावन सोमवार पर श्रद्धालुओं का तांता लगता है। भगवान लक्ष्मणेश्वर के दर्शन के लिए प्रदेश से अनेक जिलों के अलावा दूसरे राज्यों से भी दर्शनार्थी भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां सावन सोमवार के दिन सुबह से श्रद्धालुओं की लगी कतारें, देर रात तक लगी रहती हैं और भक्तों के हजारों की संख्या में उमड़ने के कारण मेला का स्वरूप निर्मित हो जाता है। भगवान लक्ष्मणेश्वर स्थित ‘लक्षलिंग’ में एक चावल चढ़ाया जाता है और श्रद्धालुओं में असीम…

Continue

Added by rajkumar sahu on July 27, 2011 at 5:12pm — No Comments

व्यंग्य - आओ धर्मशाला में उम्र गुजारें !

जैसा नाम ही है, धर्मशाला। देखिए, इस लिहाज से मानव धर्म का कुछ तो काम होगा ही। अब यहां राजनीतिक गोटी बिछने वाली धर्मशाला की बात कर लें, क्योंकि इन दिनों देश में धर्मशाला की नई वेरायटी पर बहस शुरू हो गई है और ‘राजनीतिक धर्मशाला’ की खासियत मुझे पता नहीं है, क्योंकि कभी मेरा पाला नहीं पड़ा है। वैसे भी इस धर्मशाला में हर समय जिस तरह से हुज्जतबाजी मची रहती है, उसके बाद मेरा मन नहीं कहता कि चले जाओ और अपने को कोसने के काबिल बनाओ।

पिछले दिनों जिन्न की बोतल से ‘राजनीतिक धर्मशाला’ सामने आई। एक… Continue

Added by rajkumar sahu on July 27, 2011 at 12:05pm — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - छग के जगदलपुर में एसीबी के शिकंजे में आए करोड़पति अफसर।

पहारू - देखते रहो, कुछ और धनपशु का अवतार आने वाले दिनों में होगा।





2. समारू - वारदात को अंजाम देने के बाद नक्सली पश्चाताप कर रहे हैं।

पहारू - उनकी घर वापसी ही पश्चाताप हो सकता है।





3. समारू - वोट के बदले नोट मामले में परत-दर-परत खुलासा हो रहा है

पहारू - अभी तो सूत्रधार का सींखचों के पीछे आना बाकी है।





4. समारू - छग के एसपीओ बेरोजगार नहीं होंगे।

पहारू - ऐसा होता… Continue

Added by rajkumar sahu on July 21, 2011 at 10:35pm — No Comments

कृषि व औद्योगिक नीति, बढ़ेगा टकराव

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और व्यापक धान पैदावार के लिए अभी हाल ही में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने ‘छग सरकार’ को सम्मानित किया है। निश्चित ही यह कृषि क्षेत्र में देश में एक अलग पहचान बनाने वाले राज्य के लिए गौरव की बात है, मगर प्रदेश के कई जिलों में जिस तरह कृषि रकबा को तहस-नहस कर औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है, वह कृषि प्रधान प्रदेश के किसानों के बेहतर भविष्य निर्माण करने वाला साबित नहीं हो सकता ? यही कारण है कि अधिकांश इलाकों में औद्योगीकरण के खिलाफ किसान मुखर हो गए हैं और… Continue

Added by rajkumar sahu on July 21, 2011 at 4:57pm — No Comments

व्यंग्य - कृपापात्र आशीर्वाद का प्रतिफल

बड़ों के आशीर्वाद की अहमियत जमाने से है और जमाने तक रहेगा, क्योंकि बड़ों की कृपा बिना संभव ही नहीं कि आप फर्श से अर्श तक पहुंच पाएं। अधिकतर यह सुनने को मिलते रहता है कि फलां के आशीर्वाद से ही गगनचुंबी सफलता मिली और एक नई इबारत लिखने का अवसर मिला। मैं भी समझता हूं कि आशीर्वाद की भूमिका हर जगह है। इतना मान लीजिए कि आशीर्वाद है, तो आप हैं। इसके इतर बात करें तो एक आशीर्वाद का दस्तूर भी बरसों से चली आ रही है, वह है कृपापात्र आशीर्वाद। इसके बगैर तो आप एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकते, सफलता की बात सोचने के… Continue

Added by rajkumar sahu on July 20, 2011 at 9:23pm — No Comments

भ्रष्टाचार है कि मुरब्बा

देखो भाई, यदि आपने भ्रष्टाचार नहीं किया हो तो लगे हाथ यह सौभाग्य पा लो और बहती गंगा में हाथ धो लो। फिर कहीं समय निकल गया तो फिर लौटकर नहीं आने वाला है। भ्रष्टाचार की अभी खुली छूट है, जब जैसा चाहो, कर सकते हो। बाद में न जाने मौका मिलेगा कि नहीं, कहीं पछताने की नौबत न आए। फाइलों की सुरंग से बारी-बारी एक-एक भ्रष्टाचार का दानव बाहर निकलकर आ रहा है, ये इतने शक्तिशाली हैं कि इन पर हाथ डालने कतराना पड़ता है और जब दबाव में उसकी कमीज से मक्खी उड़ा भी लिए और वह जेल की चारदीवारी में पहुंच गया तो वहां भी मौज… Continue

Added by rajkumar sahu on July 18, 2011 at 11:17pm — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - छग के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के नेतृत्व में 12 हजार से अधिक पौधे रोपे गए।

पहारू - अगले बरस तक 12 पौधे नहीं बचेंगे, बस ठंूठ के दर्शन होंगे।





2. समारू - यूपीए के खिलाफ भाजपा का अभियान शुरू होने वाला है।

पहारू - इधर छग कांग्रेस, भाजपा का ‘भ्रष्टाचार पुराण’ बनाने में लगी है।





3. समारू - केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. चरणदास महंत 18 जुलाई को रायपुर आएंगे।

पहारू - अब देखना होगा, कितने गुट नदारद रहते हैं, यही तो छग में कांग्रेस की दस्तूर रह गई… Continue

Added by rajkumar sahu on July 18, 2011 at 6:52pm — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - प्री-पीएमटी की तीसरी बार आयोजित परीक्षा में एक ही प्रश्न दो बार पूछे गए।

पहारू - व्यापमं कुछ भी कारनामा कर ले, बहुत कम है।



2. समारू - अलग बस्तर राज्य मांग का समर्थन करने की आग ठंडी पड़ गई है।

पहारू - बयान देने वाला छग कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भी तो ठंडा पड़ गया है।



3. समारू - उज्जैन में दिग्विजय सिंह को भाजपाईयों ने दिखाया काला झंडा।

पहारू - बन गया, किसी ने जूता नहीं फेंका, आजकल यही चलन तो चल पड़ा है।



4. समारू - अन्ना हजारे ने कहा - आंदोलन… Continue

Added by rajkumar sahu on July 17, 2011 at 8:48pm — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - चावल उत्पादन के लिए छग सरकार को पुरस्कार मिला है।

पहारू - छत्तीसगढ़ का कटोरा, अब छग का परात बन गया है।





2. समारू - कल यानी 17 जुलाई को छग में प्री-पीएमटी की तीसरी बार परीक्षा होगी।

पहारू - यहां चौथी बार की नौबत आ जाए तो बड़ी बात नहीं होगी।





3. समारू - राहुल के मुंबई हादसे पर दिए बयान पर भाजपा ने पहाड़ सिर पर उठा लिया।

पहारू - क्या, एनडीए की सरकार के समय भारत अपराध मुक्त देश बन गया था ?





4. समारू - उत्तरप्रदेश की मुख्य सचिव… Continue

Added by rajkumar sahu on July 16, 2011 at 10:17pm — No Comments

परत-दर-परत फर्जीवाड़ा ?

छत्तीसगढ़ में पर्चा लीक होने के कारण पिछले महीने दूसरी बार आयोजित की गई प्री-पीएमटी परीक्षा के फर्जीवाड़े की जांच में खुलासे पर खुलासे होते जा रहे हैं। राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फर्जीवाड़े की जांच के लिए सीआईडी को जिम्मेदारी दी है और करीब एक माह से जारी जांच में अब तक कई अहम राज सामने आए हैं। जांच में जो खुलासा जांच में हुआ है, उससे किसी की भी नींद उड़ना स्वाभाविक लगता है। दरअसल, पीएमटी फर्जीवाड़े के मामले की जांच कर रही सीआईडी को व्यावसायिक परीक्षा मंडल ( व्यापमं ) द्वारा पिछले… Continue

Added by rajkumar sahu on July 14, 2011 at 1:29am — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू -छग पुलिस के मुखिया बदले गए।

पहारू - गृहमंत्री से मनमुटाव का परिणाम लगता है।





2. समारू - मुंबई फिल दहल उठी है।

पहारू - कसाब जैसों को और पालो।





3. समारू - डा. चरणदास महंत केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री बन गए हैं।

पहारू - पता है, छग के भाजपा मंत्री की मंद-मद मुस्कान देखा।





4. समारू - पीएमटी के अलावा छग व्यापमं की सभी परीक्षा में गड़बड़झाले की खबर आ रही है।

पहारू - मोटी परत है, धीरे-धीरे खुलेगी ही।





5. समारू -… Continue

Added by rajkumar sahu on July 14, 2011 at 12:01am — No Comments

व्यंग्य - ले लीजिए स्वर्णकाल का आनंद

व्यंग्य - ले लीजिए स्वर्णकाल का आनंद यह बात सही है कि हर किसी की जिंदगी में कभी न कभी स्वर्णकाल आता ही है। उपर वाला निश्चित ही एक बार जरूर छप्पर फाड़कर देता है, ये अलग बात है कि कुछ लोग उस छप्पर में समा जाते हैं तो कुछ लोग पूरे छप्पर को समा लेते हैं। कर्म तो प्रधान होना चाहिए, मगर भाग्य से भरोसा भी नहीं उठना चाहिए, क्योंकि यह तो सभी जानते हैं, जब स्वर्णकाल का दौर चलता है तो फिर फर्श से अर्श की दूरी मिनटों में तय होती है, मगर जब संक्रमणकाल चलता है तो फिर अर्श से फर्श तक आने में पल भर नहीं…

Continue

Added by rajkumar sahu on July 12, 2011 at 1:20am — 1 Comment

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - टू-जी स्पेक्ट्रम घोटाले में राजग पर भी उंगली उठी।

पहारू - भ्रष्टाचार के हमाम में सभी नंगे हैं।



2.समारू - केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल होने वाला है।

पहारू - काले कारनामे वाले कुछ जाएंगे, कुछ आएंगे।



3.समारू -  अन्ना हजारे लाठी ही नहीं, गोली खाने को तैयार हैं।

पहारू - जरा संभलकर, दिल्ली पुलिस की तरह सरकार बौखलाई हुई है।



4.समारू - किसानों की जमीन के लिए उत्तरप्रदेश में जंग छिड़ी हुई है।

पहारू - जमीन के नाम पर राजनीति कर वोट की खेती…

Continue

Added by rajkumar sahu on July 11, 2011 at 1:02am — 1 Comment

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - छग कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल ने अलग बस्तर राज्य बनने पर सहमति जताई है।

पहारू - लगता है, दिग्गी राजा की बीमारी इन्हें भी लग गई है, मीडिया में छाए रहने की।





2. समारू - राहुल गांधी की किसान महापंचायत को नौटंकी बताया जा रहा है। पहारू - आखिर, राजनीति में होता क्या है ?





3. समारू - यूपी के फतेहपुर में ट्रेन हादसा हुआ है।

पहारू - सरकार श्रद्धांजलि देगी और कर देगी, मौत की कीमत का ऐलान।





4. समारू - राहुल गांधी ने कहा कि… Continue

Added by rajkumar sahu on July 10, 2011 at 5:40pm — No Comments

क्यों नहीं किसानों की चिंता ?

भारत एक कृषि प्रधान देश है और अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि को ही मानी जाती है। बावजूद, अन्नदाताओं की चिंता कहीं नजर नहीं आती। देश में भूमिपुत्रों की माली हालत बद्तर से बद्तर होती जा रही है और सरकार द्वारा महज नीतियां बनाने की बात की जाती है और जैसे ही चुनाव खत्म होते हैं, वैसे ही किसानों से जुड़े मुद्दे भी रद्दी की टोकरी में डाल दिए जाते हैं। सरकार की ओर से कृषि बजट को बढ़ाने तथा किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के बारे में जैसा प्रयास होना चाहिए, वैसा अब तक नहीं हो सका है। यही कारण है कि देश के…

Continue

Added by rajkumar sahu on July 10, 2011 at 1:44am — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - एक-एक कर मंत्रियों पर गाज गिर रही है।

पहारू - हां, अब उनके भाग्य में जेल की रोटी लिखी है।





2. समारू - सुप्रीम कोर्ट के सख्त फैसलों से सरकारों की नींदे उड़ गई हैं।

पहारू - अब सरकारें कहां रह गई हैं, वो तो कठपुतली बनकर रह गई है।





3. समारू - राहुल बाबा, किसानों के दर्द को समझने निकले हैं।

पहारू - मगर यूपीए-2 के दर्द का मर्ज भी तो ढूंढना चाहिए।





4. समारू - सरकार, माओवादियों से वार्ता की तैयारी कर रही है।

पहारू - वार्ता के… Continue

Added by rajkumar sahu on July 9, 2011 at 2:04am — No Comments

‘बाप भए चयनकर्ता तो जुगाड़ काहे न होए’

यह तो सभी जानते हैं कि आज क्रिकेट, भारत ही नहीं, दुनिया भर में एक ग्लैमरस खेल है और खेलप्रेमियों में इस खेल का जुनून सिर चढ़कर बोलता है। देश-दुनिया में ऐसे भी खेल प्रेमी मिलते हैं, जिनके लिए क्रिकेट ही सब कुछ है तथा उनके पसंदीदा क्रिकेटर भगवान होते हैं। क्रिकेट के प्रति खेलप्रेमियों में दीवानगी इस कदर देखी जाती है कि वे अपना खाना-पीना को भी दरकिनार कर देते हैं। विश्वकप समेत अन्य कई टूर्नामेंट में एक-एक बॉल पर उनकी नजरें टिकी रहती हैं और यही क्रिकेट का रोमांच उन्हें बांधे भी रखता है। एक-एक बॉल…

Continue

Added by rajkumar sahu on July 6, 2011 at 3:13am — No Comments

जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - भारतीय क्रिकेट टीम में श्रीकांत ने अपने बेटे का चयन किया है।

पहारू - बाप भए चयनकर्ता तो जुगाड़ कैसे न जमे।

 

2. समारू - मध्यप्रदेश में चिटफंड कंपनियों पर गाज गिरी।

पहारू - छग में भी ऐसा हो, तब तो।



3. समारू - केरल के मंदिर में एक लाख करोड़ का खजाना मिला है।

पहारू - यहां तो चवन्नी भी नसीब नहीं है।



4. समारू - छग में पीएमटी की परीक्षा तीसरी बार होने वाली है।

पहारू - देखना होगा, इस बार पेपर लीक कहां से होता है ?



5. समारू -…

Continue

Added by rajkumar sahu on July 6, 2011 at 12:31am — No Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 1212 22 बेवफ़ाई ये मसअला क्या है रोज़ होता यही नया क्या है हादसे होते ज़िन्दगी गुज़री आदमी…"
16 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"धरा पर का फ़ासला? वाक्य स्पष्ट नहीं हुआ "
29 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Richa Yadav जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। हर तरफ शोर है मुक़दमे…"
58 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"एक शेर छूट गया इसे भी देखिएगा- मिट गयी जब ये दूरियाँ दिल कीतब धरा पर का फासला क्या है।९।"
59 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल से मंच का शुभारम्भ करने के लिए बहुत बहुत हार्दिक…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आदाब।  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 1212 22 बात करते नहीं हुआ क्या है हमसे बोलो हुई ख़ता क्या है 1 मूसलाधार आज बारिश है बादलों से…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"खुद को चाहा तो जग बुरा क्या है ये बुरा है  तो  फिर  भला क्या है।१। * इस सियासत को…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
5 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ग़ज़ल~2122 1212 22/112 इस तकल्लुफ़ में अब रखा क्या है हाल-ए-दिल कह दे सोचता क्या है ये झिझक कैसी ये…"
9 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"स्वागतम"
9 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service