For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

‘बाप भए चयनकर्ता तो जुगाड़ काहे न होए’

यह तो सभी जानते हैं कि आज क्रिकेट, भारत ही नहीं, दुनिया भर में एक ग्लैमरस खेल है और खेलप्रेमियों में इस खेल का जुनून सिर चढ़कर बोलता है। देश-दुनिया में ऐसे भी खेल प्रेमी मिलते हैं, जिनके लिए क्रिकेट ही सब कुछ है तथा उनके पसंदीदा क्रिकेटर भगवान होते हैं। क्रिकेट के प्रति खेलप्रेमियों में दीवानगी इस कदर देखी जाती है कि वे अपना खाना-पीना को भी दरकिनार कर देते हैं। विश्वकप समेत अन्य कई टूर्नामेंट में एक-एक बॉल पर उनकी नजरें टिकी रहती हैं और यही क्रिकेट का रोमांच उन्हें बांधे भी रखता है। एक-एक बॉल तथा एक-एक रन पर बल्लेबाजों व गेंदबाजों के बीच घंटों तक चलने वाली रस्साकसी, क्रिकेट में रोमांच पैदा करती रहती है। यही कारण है कि आज क्रिकेट, सबसे अधिक धनजुटाउ खेल बन गया है और हर कोई इससे जुड़ने की कोशिश करता है। वैसे भी भारत का क्रिकेट में एक नाम है, क्योंकि यहां कई बड़े नाम हैं, जिन्होंने अपने खेल के दम पर देश को गौरान्वित किया है, मगर इसी खेल में उभरते खेल प्रतिभाओं को रौंदने की कोशिश की जाए तो यह ‘भविष्य के भारतीय क्रिकेट’ के लिए ठीक नहीं हैं तथा यह शर्म की बात है।
देखा जाए तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अर्थात बीसीसीआई के चयन के तौर-तरीके व चयनकर्ताओं की भूमिका पर कई अवसरों पर उंगली उठती रही हैं, मगर इस बार तो हद ही हो गई है। बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता श्रीकांत ने जो किया है, उससे तो क्रिकेट के उभरते खिलाड़ियों के भविष्य पर कुठाराघात ही हुआ है। दरअसल, मीडिया में जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उसके मुताबिक मुख्य चयनकर्ता श्रीकांत ने आस्ट्रेलिया में अगले महीने होने वाले तीन दिवसीय श्रृंखला के लिए अपने ही बेटे ‘अनिरूद्ध श्रीकांत’ का चयन किया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बीसीसीआई द्वारा सीनियर चयन कमेटी के जो पैनल बनाया गया था, उसके प्रमुख श्रीकांत ही थे। ऐसे में तरह-तरह के सवाल उठना भी स्वाभाविक लगता है। ऐसा भी नहीं कि अनिरूद्ध श्रीकांत का क्रिकेट में कोई विशेष परफार्मेंस है, खराब प्रदर्शन के बाद भी अनिरूद्ध के चयन ने बीसीसीआई की चयन समिति की ‘चयन प्रक्रिया’ पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है ? चयनकर्ताओं ने केवल उभरते हुए खिलाड़ी की दुहाई देकर अनिरूद्ध का चयन किया है। जानकारों की मानें तो तमिलनाडु की रणजी टीम में ओपनर के तौर पर खेलने वाले अनिरूद्ध का प्रदर्शन आईपीएल में भी बेहतर नहीं था। चेन्नई सुपर किंग्स इलेवन की ओर से खेलते हुए अनिरूद्ध ने 9 पारियों में महज 251 रन ही बना पाए थे, जिसमें सर्वोच्च स्कोर 64 था। अनिरूद्ध का प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी कुछ अच्छा नहीं रहा है, क्योंकि उनके रन बटोरने की औसत महज 29.45 ही है। इसके इतर देखें तो आस्ट्रेलिया जाने के लिए 15 सदस्यीय टीम में जो खिलाड़ी शामिल किए गए हैं, उनमें अधिकांश का प्रदर्शन बेहतर है, सिवाय, अनिरूद्ध श्रीकांत के। जिन खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं ने नकारा माना है, उन खिलाड़ियों ने आईपीएल के मैचों में अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवाया है और यहां उनके चयन का कारण सिर्फ व सिर्फ उनका प्रदर्शन रहा है, बल्कि अनिरूद्ध श्रीकांत के चयन में केवल यह बात महत्वपूर्ण नजर आती है कि वे मुख्य चयनकर्ता श्रीकांत के बेटे हैं ? अब ऐसे में भारतीय क्रिकेट किस गर्त में जा रहा है ? और खेलप्रेमियों की आशाओं को कैसे चक्नाचूर किया जा रहा है ? यह तो सहज ही समझ में आता है। इन स्थितियों में यही कहा जा सकता है कि ‘बाप भए चयनकर्ता तो जुगाड़ काहे न होए।’
मजेदार बात यह है कि आस्ट्रेलिया में होने वाले तीन दिवसीय मैच के लिए ऐसे बहुत काबिल व उभरते खिलाड़ियों की प्रतिभाओं को नजर अंदाज किया गया है, जिनके पीछे केवल उनकी काबिलियत है, न कि किसी की छत्रछाया। ऐसे खिलाड़ियों के कोई गॉड फादर नहीं है, यही कारण हैं कि लाख काबिलियत होने के बाद भी उनके नाम को सूची में शामिल करना तो दूर, विचार तक नहीं किया गया। जानकार बताते हैं कि अनिरूद्ध श्रीकांत के मुकाबले झारखंड के इशांक जग्गी, कर्नाटक के अमित वर्मा, बड़ौदा के केदार देवधर तथा पंजाब के मनदीप सिंह का नाम उभर के सामने आए हैं, जिन्होंने अभी हाल ही में बेहतर क्रिकेट का मुजायरा पेश किए हैं। इन खिलाड़ियों ने रणजी के वनडे फार्मेट में भी अनिरूद्ध की अपेक्षा बढ़िया प्रदर्शन किए हैं, मगर जब जुगाड़ के अंतिम शिखर में कोई गिद्ध दृष्टि जमी हो तो फिर ऐसी खेल प्रतिभाएं दम ही तोड़ेगी और फिर चरमराता है, देश का हर जुनूनी खेल। ऐसी घिनौनी हरकत से खेलप्रेमियों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचती है, लेकिन इन बातों सेे चयनकर्ताओं को क्यों परवाह हो सकती है? जब चयन करने के लिए उनके मन में हिटलरशाही कायम हो गया है, तो फिर जुगाड़ू चाबुक चलाने से वे कैसे चूक सकते हैं ? क्या यह, मुख्यचयनकर्ता श्रीकांत की मनमानी नहीं है ? क्या यह, उन खिलाड़ियों की प्रतिभाओं को दम तोड़ने की कोशिश नहीं है, जो केवल अपनी काबिलियत पर भरोसा करते हैं ? यह बात किसी से छिपी नहीं है कि भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ियों के चयन में भेदभाव का ऐसा खेल पहले से चलते आ रहा है। कभी क्षेत्रवाद तो कभी भाई-भतीजावाद, क्रिकेट खिलाड़ियों के चयन में हावी नजर आता है। ऐसे में प्रतिभावान खिलाड़ी कैसे दम नहीं तोड़ेंगे तथा ऐसे ही निर्णय उनकी राह के रोड़े साबित होते हैं? रसूख के दम पर जब कोई इस तरह कार्य करता है और रेवड़ी बांटे, घर-घर की तर्ज पर काम करता है तो निश्चित ही उस संस्था या फिर संगठन का बंटाधार होना तय है, जहां ऐसी करतूत को अंजाम दिया जाता है ?
जब जरा इतिहास खंगालें तो पाते हैं कि चयन के नाम पर गोलमाल आज की बात नहीं है। खिलाड़ियों के पिछले दरवाजे से भारतीय टीम में शामिल होने का पहले भी मामला सामने आ चुका है। लिटिल मास्टर के नाम से प्रसिद्ध व भारतीय क्रिकेट को बुलंदी तक पहुंचाने वाले सुनील गावस्कर के बेटे रोहन गावस्कर की भी भारतीय टीम में एंट्री, केवल इसी दमखम के आधार पर हुई थी कि वे, सुनील गावस्कर के बेटे हैं ? भले ही दबाव में उस समय चयनकर्ताओं ने रोहन गावस्कर को खेलने का मौका तो दे दिया था, किन्तु उस स्वर्णकाल के अवसर को वे भुना न सके और क्रिकेट की बाजीगरी में फेल साबित हुए। बिना बेहतर प्रदर्शन के सुनील गावस्कर के बेटे के नाते रोहन गावस्कर को खेलने का मौका कब तक मिलते रहता ? अंततः भारतीय टीम से उनका पत्ता साफ हो गया। कहने का मतलब यही है कि पंदोली देकर किसी को कहीं बिठाया जा सकता है, रसूख व पहुंच के आधार पर प्रतिभा दिखाने का अवसर तो दिया जा सकता है, मगर इतना तो तय है कि बुलंदी, वही छू सकता है, जिनमें दमखम होता है। चाहे किसी भी क्षेत्र में हो, खुद में बिना काबिलियत के कोई भी इस स्पर्धा के युग में ठहर नहीं सकता। इस बात को बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता श्रीकांत जी को भी समझना चाहिए और उन्हें बिना विवाद में आए, अपने बेटे को पिछले दरवाजे से एंट्री देने की बात को दिमाग से निकाल देना चाहिए। उनकी कोशिश यह होनी चाहिए कि जिस तरह अन्य खिलाड़ी, देश के करोड़ों खेलप्रेमियों को क्रिकेट में अपना जौहर दिखाकर टीम में जगह बनाते हैं, कुछ ऐसी राह वे भी अपनाएं तो बेहतर होगा। खेलप्रेमियों के सब्र का बांध फूटने का इंतजार उन्हें नहीं करना चाहिए।


राजकुमार साहू
लेखक जांजगीर, छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार हैं। पिछले दस बरसों से पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तथा स्वतंत्र लेखक, व्यंग्यकार तथा ब्लॉगर हैं।

जांजगीर, छत्तीसगढ़
मोबा . - 098934-94714


                   

Views: 254

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
9 minutes ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
12 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
13 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
13 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
35 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service