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Albela Khatri's Blog – June 2012 Archive (19)

साहित्य विहार में बहार देवनागरी

भीनी भीनी मीठी मीठी
मधुर सुगन्ध लिए
साहित्य विहार में बहार देवनागरी

बिखरी अनेकता को
एकता में जोड़ती है
तार तार से जुड़ी सितार  देवनागरी

नेताजी,पटेल,लाला
लाजपत राय  जैसे 
क्रान्तिकारियों की तलवार देवनागरी

तुलसी,कबीर,सूर,
रहीम,बिहारी,मीरा,
रसखान से फूलों का हार देवनागरी

Added by Albela Khatri on June 26, 2012 at 11:00pm — 12 Comments

यह शादी बे मेल हो गई बाबाजी

कितनी महंगी रेल हो गई बाबाजी

पैसेन्जर भी मेल हो गई बाबाजी



आदर्शों को फांसी  दे दी दिल्ली ने

नैतिकता  को जेल हो गई बाबाजी



सुख के बादल बिखर गये हैं बिन बरसे

दुःख की धक्कमपेल हो गई बाबाजी



नकल हो रही पास आज विद्यालय में

और पढ़ाई फेल हो गई बाबाजी



आई पी एल की हाट में हमने देखा है

खिलाड़ियों  की सेल हो गई बाबाजी



खादी वाले खड़े - खड़े खा जाते हैं

भोली जनता भेल हो गई बाबाजी



लोकराज ने लज्जा का…

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Added by Albela Khatri on June 25, 2012 at 5:00pm — 41 Comments

फ़ोकट की तुकबन्दी सारी बाबाजी

हांग कांग  की छटा है प्यारी बाबाजी

पर भारत  की बात ही न्यारी बाबाजी



प्यार मिला, सम्मान मिला इस महफ़िल में

ओ बी ओ पर मैं बलिहारी बाबाजी



रूपया रोक न पाया ख़ुद को गिरने से

डॉलर ने  वो  बाज़ी मारी बाबाजी



ममता,ललिता,सुषमा तीनों गायब हैं

तन्हा रह गये अटल बिहारी बाबाजी



कौन बनेगा सदर हमारे भारत का

ये भी संकट है इक भारी बाबाजी



चाट पकौड़ी खाओ,  किरपा आएगी

कहते  बाबा लीलाधारी  बाबाजी



'अलबेला' की इस…

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Added by Albela Khatri on June 25, 2012 at 10:00am — 33 Comments

मैं क्या जानूं, क्या है डेटिंग बाबाजी

 

 

प्यारे मित्रो हमारे  लाड़ले बाबाजी  आज चार दिन की विदेश यात्रा पर जा रहे हैं  इसलिए  अगली मुलाक़ात  25 जून को ही होगी, परन्तु जाते जाते  भी बाबाजी से रहा नहीं गया .  ये आपके  समक्ष अपनी  नई रचना  परोसने के लिए मरे जा रहे हैं . इसलिए ओ बी ओ  के मंच पर  प्रस्तुत है यह  नूतन तुकबंदी :



बड़े…

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Added by Albela Khatri on June 21, 2012 at 8:12am — 15 Comments

भ्रूणहत्या रोक कर, बेटी को बचाइये

बांहें दी पसार मैंने,
कर दी पुकार मैंने,
आओ आओ आओ मेरे  गले लग जाइए

दामिनी सी चंचल मैं,
फूल जैसी कोमल मैं,
मेरी ओजस्वी आँखों से आँख तो मिलाइए

आज किलकारी हूँ मैं,
कल फुलवारी हूँ मैं, 
भारत की नारी हूँ मैं, मेरे पास आइये

वंश को बढ़ाना हो तो,
देश को बचाना हो तो,
भ्रूणहत्या रोक कर, बेटी को बचाइये

___जय हिन्द !

Added by Albela Khatri on June 19, 2012 at 8:30pm — 12 Comments

माँ से बढ़ कर कौन सखी है बाबाजी

इस दुनिया में कौन सुखी है बाबाजी

जिसको देखो, वही दु:खी है बाबाजी



तुम तो केवल चखना लेकर आ जाओ

बोतल हमने खोल रखी है बाबाजी



इसकी चन्द्रमुखी है, उसकी सूर्यमुखी

मेरी ही क्यों  ज्वालमुखी है बाबाजी



रिश्वत की मदिरा फिर उससे न छूटी

जिसने भी इक बार चखी है बाबाजी



बाप से बढ़ कर कौन सखा हो सकता है

माँ से बढ़ कर कौन सखी है बाबाजी



काम अपना जी जान से करने वालों ने

अपनी किस्मत आप लिखी है बाबाजी



पथ के…

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Added by Albela Khatri on June 16, 2012 at 5:00pm — 15 Comments

ये सुन्दर - सुन्दर बालायें बाबाजी

तुम भी खाओ, हम भी खायें बाबाजी

आओ,  मिल कर देश चबायें बाबाजी



राजनीति में किसी तरह घुस जाएँ तो

जीवन भर आनन्द मनायें  बाबाजी



चोर - चोर मौसेरे भाई हैं तो फिर…

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Added by Albela Khatri on June 15, 2012 at 10:22pm — 18 Comments

घर के बाहर खाट लगादी बाबाजी

बोतल पर क्यों  डाट लगादी बाबाजी

मखमल में क्यों टाट लगादी बाबाजी





हमने जिसको जो भी ज़िम्मेदारी…

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Added by Albela Khatri on June 14, 2012 at 8:33pm — 18 Comments

ख़बर बहुत ही दुखदायी है बाबाजी

करोड़ों  दिलों पर राज करने वाले शहंशाह-ए-ग़ज़ल एवं लोक लाड़ले  स्वर सम्राट जनाब  मेहदी हसन  के देहावसान से  हमें बहुत दुःख पहुंचा है . 

उनकी आत्मिक शान्ति के लिए  परम पिता से प्रार्थना करते हुए  एक ग़ज़ल के रूप में  दिवंगत  आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि :





आँख ग़ज़ल…

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Added by Albela Khatri on June 14, 2012 at 11:30am — 12 Comments

बहुत तेज़ है मेरी लुगाई बाबाजी

 

ओ बी ओ परिवार के समस्त स्वजनों को अलबेला खत्री का विनम्र प्रणाम .



एक शो  और एक शूटिंग के  चलते मैं  तीन दिन  सूरत से बाहर रहा . इसलिए यहाँ हाज़िरी नहीं दे पाया . परन्तु  अच्छा ये रहा कि  महा उत्सव  में एक कुंडलिया और एक  घनाक्षरी  मैंने  टी वी पर भी सुनाई तो लोगों ने  ख़ूब सराहा .  बाबाजी वाली एक ग़ज़ल भी …

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Added by Albela Khatri on June 13, 2012 at 7:27pm — 24 Comments

चीन से रहना हमें चौकन्ना बाबाजी

रामदेव से मिल गये  अन्ना बाबाजी

राहुल की माँ रह गई भन्ना बाबाजी



काला धन यदि सचमुच वापिस आया तो…

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Added by Albela Khatri on June 9, 2012 at 12:00pm — 19 Comments

यहाँ सभी की आँख सजल है बाबाजी



जिधर देखिये, जल ही जल है बाबाजी

यहाँ सभी  की आँख सजल है बाबाजी





लोग जिसे गंगाजल कह कर  पीते हैं

वह   गंगा  का  अश्रुजल  है …

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Added by Albela Khatri on June 8, 2012 at 8:50pm — 16 Comments

टूट गया है क्या वह सांचा बाबाजी

कितना झूठा, कितना साचा बाबाजी

हमने सब का  चेहरा बांचा बाबाजी



अग्निपथ टू  देख के दर्शक चौंक उठे

विजय से ज़्यादा हॉट है कांचा बाबाजी



जुहू तट पर अपनी अपनी आयटम संग…

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Added by Albela Khatri on June 7, 2012 at 9:22am — 22 Comments

संकुचित पर्यावरण हो रहा बाबाजी

यह जो शहरीकरण हो रहा बाबाजी

हरियाली का  हरण हो रहा बाबाजी



चीलें, कौए, चिड़ियाँ, तोते, तीतर संग

वनजीवन का…

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Added by Albela Khatri on June 6, 2012 at 12:00pm — 20 Comments

ये मदिरा है बहुत नशीली बाबाजी

तेज़ हवा और एक ही तीली बाबाजी

फिर भी हमने  बीड़ी पी ली बाबाजी



घर की सादी छोड़ के बाहर मत ढूंढो

रंग-रंगीली, छैल-छबीली बाबाजी…

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Added by Albela Khatri on June 5, 2012 at 8:00pm — 13 Comments

लोग कह उठें शाबा शाबा बाबाजी

दहशत-वहशत, ख़ूनखराबा  बाबाजी

गुंडई  ने है  अमन को चाबा बाबाजी

 

काम से ज़्यादा संसद में अब होता है

हल्ला-गुल्ला, शोर-शराबा  बाबाजी



मैक्डोनाल्ड में…

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Added by Albela Khatri on June 4, 2012 at 11:30pm — 25 Comments

कर देंगे वे ठीक, ग़ज़ल की कक्षा में

पाने को कुछ सीख, ग़ज़ल की कक्षा में

हम भी हुए  शरीक़, ग़ज़ल की कक्षा में



पकड़ ही लेंगे  तिलकराजजी चूकों को

बड़ी हों या बारीक, ग़ज़ल की कक्षा में



भूल-भुलैया  भूलों की  जब देखेंगे

कर देंगे  वे ठीक, ग़ज़ल की कक्षा में



ढूंढ  रहे थे कहाँ कहाँ  हम रहबर  को

मिले यहाँ नज़दीक, ग़ज़ल की कक्षा में



"अलबेला"  ने त्याग दिया टेढ़ा रस्ता

चलेंगे सीधी लीक, ग़ज़ल की  कक्षा में …

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Added by Albela Khatri on June 3, 2012 at 8:30pm — 30 Comments

दो साल पहले मैं बेरोज़गार था, बेरोज़गार था

फ़िल्म : सी आई डी

तर्ज़    : सौ साल पहले......



दो साल पहले मैं बेरोज़गार था, बेरोज़गार था,

आज भी हूँ और कल भी रहूँगा



दोस्तों-पड़ोसियों  का कल भी कर्ज़दार…

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Added by Albela Khatri on June 2, 2012 at 7:30am — 24 Comments

भारत बन्द महोत्सव.........

पप्पू ने पूछा पापा,

ये भारत बन्द क्या होता है ?

पापा मुस्कुराया

पप्पू को बताया -



बेटा,

मेरा भारत महान में लोकतान्त्रिक  सरकार है

और भारत बन्द हमारा  राजनैतिक त्यौहार है

जो विपक्ष द्वारा  मनाया…

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Added by Albela Khatri on June 1, 2012 at 9:30am — 13 Comments

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