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Anupama shrivastava[anu shri]'s Blog (4)

हसीन पलों का सफ़र



पीपल के पेड़ के नीचे ,बनाया उसने आशियाँ

सिर्फ उसका , उसका ही  था वो जहाँ

जिंदगी…

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Added by anupama shrivastava[anu shri] on January 21, 2011 at 2:49pm — 2 Comments

स्वप्निल सुबह

गुनगुनाती मध्यम धूप सुबह की, 

तन -मन मैं बिखेर देती है अनगिनित उजाले'

कहीं खो जाते है इस स्वर्णिम चमक में,

मन में छुपे कुछ बादल काले

 

खिल जाती हैं, नयी उमीदों की नयी कोपलें

नई धुन पर तैयार ,नई गुनगुनाहटे,  

  पहले से जवान, पहले से हसीन, 

  मन के कोने से निकलकर कहीं,                           

कोरे कैनवास…

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Added by anupama shrivastava[anu shri] on January 14, 2011 at 1:00pm — 6 Comments

केक्टस

एक कविता आज के दौर के नाम....



पैसा है, उसका नशा है, और शोहरत है

अब कहाँ इतनी फुरसत है

लोगों के आसपास होने का अहसास नहीं होता

अपनों के खोने का डर आसपास नहीं होता





हसरतें, इतनी कि ख़त्म ही नहीं होती!

पाना ये , वो भी कि, सबर ही नहीं होती

स्नेह, प्यार, विश्वास शब्दों में अब गुजर नहीं होती





प्रकृति के नज़ारे भी लगते… Continue

Added by anupama shrivastava[anu shri] on December 26, 2010 at 7:00pm — 7 Comments

कन्या सिर्फ रत्न नहीं

कन्या सिर्फ रत्न नहीं,

सराहे और पूजे जाने के लिए एक सोच है ,

दर्शन है एक ह्रदय है ,

समर्पण है ऐसी कोरी किताब नहीं,

कि गाहे -बगाहे. लिख दे कहानी कोई,

एक अंतर्मन है.जिसमे करते स्वयं प्रभु रमण हैं

उसके सीने में भी ,

दिल है धड़कता उसके जज्बातों में भी है कोई बसता,

एक मुकम्मल सा फ़रिश्ता,

जुड़ा-जुड़ा सा हो जिससे कोई…

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Added by anupama shrivastava[anu shri] on December 18, 2010 at 2:00pm — 5 Comments

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"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
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'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
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Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
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Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
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