Added by Shyam Narain Verma on November 28, 2012 at 1:11pm — 4 Comments
Added by Shyam Narain Verma on November 27, 2012 at 2:28pm — 5 Comments
Added by Shyam Narain Verma on November 27, 2012 at 2:25pm — 1 Comment
दिल लगाकर प्रीत बढ़ाकर चल दिये ।
अपना बनाकर दिल चुराकर चल दिये ।
अब जायेगें कब आयेगें दिल है बेकरार ,
वादा करके , गुल खिलाकर चल दिये ।
भूल ना जाये ये कहीं दुष्यन्त की तरह ,
साथ निभाकर दिल लगाकर चल दिये ।
हर किसी से दिल लगाना कितना मुश्किल ,
कभी ना भूलेगे आस दिलाकर चल दिये ।
दिल कहता रहा अब ना जाओ छोड़कर ,
वर्मा देके दिलासा , हाथ मिलाकर चल दिये ।
Added by Shyam Narain Verma on November 27, 2012 at 11:30am — 3 Comments
Added by Shyam Narain Verma on November 26, 2012 at 5:00pm — 9 Comments
छोटी छोटी खुशी कहीं गम ना दे जाये ।
पटाखों के ढेर में कोई बम ना दे जाये ।
कैसे यकीन करें जब यकीन नहीं होता,
झोली में रकम कभी कम ना दे जाये ।
कड़कती धूप में छाँव प्यारा लगता है ,
दरखत की शाख कहीं धम ना दे जाये ।
नम आखों देखते हैं जलता आशियाना,
दूसरों की आह बेबस रहम ना दे जाये ।
गिरते गिरते बचते ठोकर लगने के बाद ,
वर्मा संभलते कहीं निकला दम ना दे जाये ।
.
श्याम नारायण वर्मा
Added by Shyam Narain Verma on November 24, 2012 at 12:30pm — 3 Comments
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