दीनदयाल की विधवा की दस लाख की लॉटरी खुल गयी!घर रिश्तेदारों से भर गया I छोटा दो कमरों का मकान! मॉ बेटी दो प्राणी, दौनों परेशान!
"अम्मा, ये लोग कौन हैं,और कब तक रहेंगे"!
"बेटी,ऐसे नहीं बोलते, मेहमान हैं,बधाई देने आये है"!
"मैने तो कभी नहीं देखा इनको"!
"ये तेरे बापू के करीबी रिश्तेदार हैं"!
"अम्मा,दो महिने पहले जब बापू शांत हुए थे, तब तो कोई नहीं आया था"!
मंदिर में भज़न बज रहा था,"सुख के सब साथी, दुख में न कोय"!
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मौलिक व अप्रकाशित
Added by TEJ VEER SINGH on August 18, 2015 at 5:00pm — 14 Comments
लघुकथा - टूटे फ़ूटे लोग –
"महाराज, यह मेरा त्यागपत्र है, कृपया स्वीकार कर लीजिये"!
" चित्रगुप्त जी, यह कैसी अनहोनी कर रहे हो!आपके बिना यह कार्य कौन देखेगा!हमारे पास दूसरा कोई अनुभवी व्यक्ति भी नहीं है"!
"महाराज, अब यह काम करना मेरी सामर्थ्य का नहीं है"!
"चित्रगुप्त जी,विस्तार से समझाइये ,आखिर मामला क्या है"!
"महाराज,पृथ्वी लोक से, विशेषकर भारतीय उप महाद्वीप से जो मृत लोग आ रहे हैं, उनके शरीर विकृत अवस्था में आ रहे हैं!कुछ शरीर बिना चेहरे के भी आते हैं…
ContinueAdded by TEJ VEER SINGH on August 11, 2015 at 5:00pm — 4 Comments
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