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Dr Ashutosh Mishra's Blog – June 2016 Archive (5)

आकलन सरकार का तो खूब करते आप हैं

२१२२ २१२२ २१२२ २१२ 

आकलन सरकार का तो खूब करते आप हैं

पर न सोचा आपने कितने किये खुद पाप हैं

 

हुक्मरानों को किया पैदा भी खुद है आपने

इस तरह रिश्ते से उनके आप माई बाप हैं

 

इक मसीहा तो सफाई के लिए चिल्ला रहा

रोज क्या ये भी कहे बीमारियाँ अभिशाप हैं

 

गंगा तू  पावन करेगी पापी को वरदान ये

खुद सड़ेगी  कोढियों सी  कब मिले ये शाप हैं

 

बाँध सडकें पुल हुए कमजोर महलों वास्ते

लूट के ही माल से करते लुटेरे…

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Added by Dr Ashutosh Mishra on June 28, 2016 at 2:30pm — 4 Comments

हिचकियाँ उसको न आयें डर रहा था

२१२२        २१२२      २१२२

याद उसको आज जब मैं कर रहा था

हिचकियाँ उसको न आयें डर रहा था

 

जिस जगह पर हुक्मरानों का महल है

हम गरीबो का वहाँ कल घर रहा था

 

जिस ग़ज़ल के दाम लाखों में लगे थे…

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Added by Dr Ashutosh Mishra on June 24, 2016 at 12:00pm — 8 Comments

हाय वो कसमे वो वादे क्यूँ भुलाये तूने

२१२२  ११२२  २१२२ २२ /११२ 

हाय वो कसमे वो वादे क्यूँ भुलाये  तूने

क्या सबब रो के यूं आंसू भी बहाये  तूने

खून से लिख्खे खतों में थी मेरी जान बसी

बेरहम हो के सभी ख़त वो जलाये तूने…

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Added by Dr Ashutosh Mishra on June 23, 2016 at 1:30pm — 3 Comments

इश्क है ये मस्त खुशबू का कोई झोंका नहीं

२१२२  २१२२  २१२२  २१२

इक दफा ये मर्ज लग जाये तो छुटकारा नहीं  

इश्क है ये मस्त खुशबू का कोई झोंका नहीं 

यार तुमने जिन्दगी को गौर से देखा नहीं  

दरमियाँ मेरे तुम्हारे लक्ष्मनी  रेखा नहीं 

तपती साँसों की तपिश कुछ सच बयानी कर रही 

धड़कने कहती हैंं दिल की प्‍यार है धोखा नहीं 

इश्क का अहसास कैसे ज़िंदगी में आ गया 

शेख जी कुछ राय देंगे मैंने कुछ सोचा नहीं 

इश्क है रब की इबादत राज गहरा जान लो 

देख…

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Added by Dr Ashutosh Mishra on June 16, 2016 at 2:30pm — 5 Comments

आइना सब को दिखाते हैं कभी खुद देखिये

२१२२  ११२२   ११२२   २१२  

आइना सब को दिखाते हैं कभी खुद देखिये 

क्यूँ लगी ये आग हरसू आप खुद ही सोचिये 

हुक्मरानों ने खता की बच्चों से बचपन छिना 

अब्बू ना लौटेंगे चाहे लाख आंसू पोंछिये 

अम्मी के हाथों के सेवइ अम्मा के हाथों की खीर 

एक जैसा ही सुकू देती है खाकर देखिये 

दिल  हमीदों का न तोड़ो गर है कोई सिरफिरा 

मौत हिन्दी की हुई मत हिन्दू मुस्लिम बोलिये 

जो बचाने में लगा है इस वतन की आबरू 

हम बिरोधी उसके हैं या नीतियों के…

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Added by Dr Ashutosh Mishra on June 13, 2016 at 1:57pm — 12 Comments

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