गौरैया
खुश थी
चोंच मे सतरंगी सपने लिये
आसमान मे उड रही थी
उधर,
गिद्ध भी खुश था
गौरैया को देखकर
उसने अपनी पैनी नजरे गडा दी
मासूम गौरैया पे,
और दबोचना चाहा अपने खूनी पंजे मे
गौरैया, घबरा के भागी पर कितना भाग पाती ??
आखिर,
गिद्ध के पंजे मे आ ही गयी
गौरैया फडफडा रही थी, रो रही थी
गिद्ध खुश था अपना शिकार पा के
कुछ देर बाद
गौरैया अपने नुचे और टूटे पंखों के साथ
लहूलुहान जमीं पे पडी…
ContinueAdded by MUKESH SRIVASTAVA on March 23, 2015 at 11:30am — 9 Comments
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