For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

baban pandey
  • Male
Share on Facebook MySpace

Baban pandey's Friends

  • Abhinav Arun
  • Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह
  • Saurabh Pandey
  • आशीष यादव
  • Ajeet Kr Tripathi
  • Neet Giri
  • Neelam Upadhyaya
  • praveena joshi
  • Julie
  • Vibhash Chandra Badan Tiwari
  • Anand Vats
  • योगराज प्रभाकर
  • Prashant Pandey
  • Sanjay Kumar Singh
  • Babita Gupta

baban pandey's Groups

 

baban pandey's Page

Profile Information

City State
patna,bihar
Native Place
bhagalpur
Profession
government service
About me
a very simple man.

baban pandey's Photos

  • Add Photos
  • View All

Baban pandey's Blog

कलम तलवार नहीं है

हर जगह आग है, शोला है, कही प्यार नहीं है

सकून दे सके आपको,ऐसी कोई वयार नहीं है //



कितना संभल कर चलेंगे आप,अब गुल में

हर पेड़ अब खार है,कोई कचनार नहीं है //





हंसी मिलती है,अब सिर्फ तिजारत की बातों में

रिश्तों का महल बनाने, अब कोई तैयार नहीं है //



अश्क पोछना होगा अब आपको,अपने ही रुमाल से

पोछ दे आपका अश्क,अब ऐसा कोई फनकार नहीं है //



माँ ! लिखना भूल गई है अब मेरी कलम

शायद ,बेटे को अब माँ की दरकार नहीं है //



जी भर लूटो ,खाओ , इस… Continue

Posted on July 1, 2011 at 11:59am

मिटटी ,बांस और हम

मिटटी ...

नर्म होती है

जब गीली होती है

पक जाती है वह

जब आग पर

रंग ,रूप आकार नहीं बदलती //



बांस ...

जब कच्चा होता है

जिधर चाहो ,मोड़ दो

पक जाने पर

नहीं मुड़ेगा //



आदमी ...

कब पकेगा

मिटटी की तरह

बांस की तरह

शायद कभी नहीं क्योकि

दिल तो बच्चा है जी //…

Continue

Posted on December 28, 2010 at 11:00am — 2 Comments

भेड़ चाल

माहिर होते है
भेड़ और गधे
एक लीक एक चलने में //

सुना है ---
अगर एक भेड़ कुए में गिरा
सब भेड़ उसी में गिरेंगे //

आज ----
कंक्रीट के जंगल में
रहनेवाला मानव
इसी भेडचाल की नक़ल तो कर रहा //

Posted on December 19, 2010 at 5:49pm — 2 Comments

मैं राम को वनवास नहीं भेजना चाहता

नहीं नहीं ....
मैं दशरथ नहीं
जो कैकेयी से किये हर वादे
निभाता चलूँगा //

मैं .....
खोखले वादे करता हूँ तुमसे
मुझे
अपने राम को वनवास नहीं भेजना //

क्या हुआ
जो टूट गए
मेरे वादे
अपने दिल को
मोम नहीं
पत्थर बनाओ प्रिय //

Posted on November 29, 2010 at 1:20pm

Comment Wall (11 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 7:25pm on January 1, 2011, Lata R.Ojha said…
Janmdin ki mubaarakbaad :)
At 1:18pm on January 1, 2011, Rash Bihari Ravi said…
janam din mubarak ho
At 9:26am on January 1, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 4:05pm on November 29, 2010, Lata R.Ojha said…
Utsaah badhaane ke liye aapka bahut bahut dhanyavaad Baban ji :)
At 10:13pm on November 5, 2010, Dr.Brijesh Kumar Tripathi said…
बबन जी ,
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
obo के महाइवेंट में आपकी "कविता चलो मिल दीप जलावें" पढने की बहुत इच्छा थी ...जब कविता की कुछ पंक्तियों में साम्य हो तो उत्सुकता जगती है ..वैसे आपकी कविता में जो पैनापन होता है..मन को रुचता है ..but I could not find this poem ...
आपका
ब्रिजेश त्रिपाठी
At 10:12pm on August 28, 2010, Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह said…
बिलकुल @ बबन जी , आप सभी मित्रों का साथ पाकर तो सभी जगह घर सा लगता है ...
At 3:50pm on July 21, 2010, Admin said…

At 11:33pm on May 31, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 9:16pm on May 31, 2010,
प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर
said…
Thanks Baban bhai for joininh Open Books Online on my request. Jis tarah se ap Facebook par chhaye huye hain yahan bhi rang jamayiye. Sab sathiyon ki taraf se main apka bahut swagat karta hun.
At 9:15pm on May 31, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service