For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

श्याम किशोर सिंह 'करीब'
  • Male
Share on Facebook MySpace

श्याम किशोर सिंह 'करीब''s Friends

  • Mohammed Arif
  • Samar kabeer
  • Abha saxena Doonwi
  • Gajendra shrotriya
 

श्याम किशोर सिंह 'करीब''s Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Samastipur, Bihar
Native Place
Samastipur
Profession
Teacher
About me
चलो कोई गुल खिलाएँ, स्नेह पथ पर पुल बनाएँ। जोड़कर बिछड़े दिलों को.. ढूँढ कुछ संभावनाएँ। राह जो जन हैं भटकते.. पालकर अभिमान मन में, उन्हें कोई पथ बताएँ.. सृष्टि को सुंदर बनाएँ।

श्याम किशोर सिंह 'करीब''s Photos

  • Add Photos
  • View All

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!

श्याम किशोर सिंह 'करीब''s Blog

बाढ़ / किशोर करीब

बाढ़ ने फिर बाँध तोड़े

लुट गया घरबार फिर से

 

जो संभाले थे बरस भर

टिक न पाए एक भी क्षण

देखते ही देखते सब

ढह गया कुछ बचा ना अब 

 

त्रासदी हर साल की है

क्या कहानी हाल की है?



क्यों नहीं हम जागते हैं?

व्यर्थ ही बस भागते हैं।

क्यों नहीं निस्तार करते

नदियों का विस्तार करते?



पथ कोई हो जिसमें चल के

प्राणदा खुद को संभाले।

 

हम बनाते घर सभी हैं

सोचते क्या पर कभी हैं?

नदी में…

Continue

Posted on September 4, 2017 at 3:46pm — 3 Comments

क्वैक कवि / किशोर करीब

डिग्री धारी एक कवि ने पूछा इक बेडिग्रे से

कैसे लिखते हो कविताएँ दिखते तो बेफिक्रे से।

अलंकार रस छंद वर्तनी कैसे मैनेज करते हो

करते हो कुछ काट - चिपक या फिर अपना ही धरते हो।

पिंगल और पाणिनि को पढ़ मैं तो सोचा करता हूँ,

मात्रिक वार्णिक वर्णवृत्त मुक्तक में लोचा करता हूँ।

यति गति तुक मात्रा गण आदि सभी अंगों को ढो लाते

जरा बताओ ज्ञान कहाँ से इतने सब कुछ का पाते?

-- तब बेचारे हकबकाए क्वैक कवि ने उत्तर दिया --

भाई मैंने आज ही जाना इतने…

Continue

Posted on August 22, 2017 at 8:25pm — 4 Comments

पर्यावरण / किशोर करीब

कौन जाने क्या हुआ है धरा क्यों है भीत।

हो रहा संक्रमित कैसे मौसमों का रीत।

गुम हुए हैं घरों के खग

छिपकली हैं शेष,

क्या पता कौए गए हैं

दूर कितने देश।

कब उगेंगे वृक्ष नूतन होगी कल - कल नाद

कैसे होगी पत्थरों पर हरीतिमा की शीत।

धूप की गर्मी बढ़ी है

सूखती है दूब,

आस का पंछी तड़पता

धैर्य जाता डूब।

क्षीण होती जा रही है अब दिनोदिन छाँव

कब सुनाई देगी वो ही मौसमी संगीत।

आ धमकती सुबह से ही

गर्म किरणें…

Continue

Posted on August 21, 2017 at 9:54pm — 7 Comments

जिजीविषा / किशोर करीब

ये क्या है जो मुझे चलाती?

कभी मंद कभी तेज भगाती

क्या पाया क्या पाना चाहा,

हरदम मुझको याद दिलाती

विधना ने क्रंदन दुःख लिखा,

यह प्रेरित करती हर्षाती

कभी शिथिल होकर बैठा जो,

उत्प्रेरित कर मुझे जगाती

जलते जीवन में भी हँसकर,

बढ़ते जाना मुझे सिखाती…

Continue

Posted on August 17, 2017 at 10:00pm — 6 Comments

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"नारी बेटी का ब्याहगरीब पिता के लिएहोता है जीवन भर का स्वप्न देखा कई बार इसके लिएखेत बिकतेखलिहान…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"शुभ प्रभात, आदरणीय! नवरात्रः दोहे मातृ-शक्ति ही पूज्य है, शारदीय नवरात्र । नौ स्वरूप हैं देवि के,…"
5 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"स्वागतम"
12 hours ago
Mamta gupta joined Admin's group
Thumbnail

सुझाव एवं शिकायत

Open Books से सम्बंधित किसी प्रकार का सुझाव या शिकायत यहाँ लिख सकते है , आप के सुझाव और शिकायत पर…See More
23 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA updated their profile
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday
Mamta gupta and Euphonic Amit are now friends
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post करते तभी तुरंग से, आज गधे भी होड़
"आ. भाई सत्यनारायण जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Wednesday
Dayaram Methani commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (ग़ज़ल में ऐब रखता हूँ...)
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, गुरु की महिमा पर बहुत ही सुंदर ग़ज़ल लिखी है आपने। समर सर…"
Tuesday
Dayaram Methani commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो
"आदरणीय निलेश जी, आपकी पूरी ग़ज़ल तो मैं समझ नहीं सका पर मुखड़ा अर्थात मतला समझ में भी आया और…"
Tuesday
Shyam Narain Verma commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post करते तभी तुरंग से, आज गधे भी होड़
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर और उम्दा प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Oct 5
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-114
"आदाब।‌ बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब तेजवीर सिंह साहिब।"
Oct 1

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service