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Sanjay Shukla's Discussions (642)

Discussions Replied To (642) Replies Latest Activity

"गर बढ़ाने पे आये वक़ार आदमी  बेच देगा ज़मीर और प्यार आदमी /1 अजनबी शहर में लाश सड़ती…"

Sanjay Shukla replied Mar 28 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177

128 Mar 29
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"आदरणीय दयाराम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। "

Sanjay Shukla replied Dec 28, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174

91 Dec 28, 2024
Reply by Richa Yadav

"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"

Sanjay Shukla replied Dec 28, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174

91 Dec 28, 2024
Reply by Richa Yadav

"आदरणीया ऋचा जी, गिरह में शुतुरगुरबा नहीं है. फिर भी "तुझसे" की जगह "तुमसे" बेहतर विक…"

Sanjay Shukla replied Dec 28, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174

91 Dec 28, 2024
Reply by Richa Yadav

"आदरणीय निलेश जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। अमीर जी का "पहली फ़ुर्सत" वाला स…"

Sanjay Shukla replied Dec 28, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174

91 Dec 28, 2024
Reply by Richa Yadav

"आदरणीय लक्ष्मण जी, बहुत धन्यवाद"

Sanjay Shukla replied Dec 28, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174

91 Dec 28, 2024
Reply by Richa Yadav

"आदरणीय अमीर जी, मेरा आशय है कि लिख रहा हूँ एक भाषा में और नियम लागू हों दूसरी भाषा क…"

Sanjay Shukla replied Dec 27, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174

91 Dec 28, 2024
Reply by Richa Yadav

"आदरणीया ऋचा जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।  6 सुझाव.... "तू मुझे दोस्त कहता…"

Sanjay Shukla replied Dec 27, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174

91 Dec 28, 2024
Reply by Richa Yadav

"आदरणीय अमीर जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। "

Sanjay Shukla replied Dec 27, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174

91 Dec 28, 2024
Reply by Richa Yadav

"आदरणीय अमित जी, बहुत धन्यवाद।  1 अगर जान जाने का डर बना रहे तो क्या ख़ाक़ बग़वत होगी…"

Sanjay Shukla replied Dec 27, 2024 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-174

91 Dec 28, 2024
Reply by Richa Yadav

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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
2 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"ऐसे ऐसे शेर नूर ने इस नग़मे में कह डाले सच कहता हूँ पढ़ने वाला सच ही पगला जाएगा :)) बेहद खूबसूरत…"
10 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा

.ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा, मुझ को बुनने वाला बुनकर ख़ुद ही पगला जाएगा. . इश्क़ के…See More
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय रवि भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो  कर  उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
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सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. नीलेश भाई , ग़ज़ल पर उपस्थिति  और  सराहना के लिए  आपका आभार  ये समंदर ठीक है,…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"शुक्रिया आ. रवि सर "
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. रवि शुक्ला जी. //हालांकि चेहरा पुरवाई जैसा मे ंअहसास को मूर्त रूप से…"
yesterday
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"वाह वाह आदरणीय नीलेश जी पहली ही गेंद सीमारेखा के पार करने पर बल्लेबाज को शाबाशी मिलती है मतले से…"
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Ravi Shukla commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु भाई ग़ज़ल की उम्दा पेशकश के लिये आपको मुबारक बाद  पेश करता हूँ । ग़ज़ल पर आाई…"
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Ravi Shukla commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय अमीरूद्दीन जी उम्दा ग़ज़ल आपने पेश की है शेर दर शेर मुबारक बाद कुबूल करे । हालांकि आस्तीन…"
yesterday

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