Comment
जीवित्पुत्रिका का पर्व " aapki ye laghu katha padne ke baad pida aur prashno se bhar gaya. kyo ham us roz hi kaam band kar dete hia jis roz hame sabse zyada kaam aur karmchariyo ka dhyan rakhna chahiye. hindustani Dharm sachmuch bure waqt aur Khali pet me saath nibhata hai .
बहुत बहुत आभार महिमा श्री जी |
सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी, आप सब की प्रेरणा है जो मैं कुछ लिख पाता हूँ |
बहुत बहुत आभार लक्ष्मण प्रसाद जी |
जीवित्पुत्रिका-व्रत लघु कहानी वह भी मजदूर दिवस पर,
धन्यवाद आदरणीय अरुण कुमार पाण्डेय "अभिनव" जी |
Very very thanks Respected Bhawesh Rajpal jee for your valuable comment.
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