For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रतियोगिता परिणाम "चित्र से काव्य तक" अंक -६

प्रतियोगिता परिणाम "चित्र से काव्य तक" अंक - ६

नमस्कार साथियों,

"चित्र से काव्य तक" अंक - प्रतियोगिता से संबधित निर्णायकों का निर्णय आपके समक्ष प्रस्तुत करने का समय आ गया है | इस बार की प्रतियोगिता में निर्णय करना अत्यंत कठिन कार्य था जिसे हमारे निर्णायकों नें अत्यंत परिश्रम से संपन्न किया है |

 

प्रसन्नता का विषय है कि लगातार तीन दिनों तक चली इस प्रतियोगिता के अंतर्गत कुल ७८२ रिप्लाई आयीं हैं जो कि संतोषजनक हैं, जिसके अंतर्गत अधिकतर दोहा, चौपाई , कुंडली, गज़ल, घनाक्षरी, हाइकू व छंदमुक्त सहित अनेक विधाओं में रचनाएँ प्रस्तुत की गयीं, इस प्रतियोगिता की एक विशेष बात रही कि सदस्यों ने विलुप्त होती विधा "कह मुकरी" और "आल्हा" पर भी कलम आजमाइस किये |
प्रतियोगिता में समस्त प्रतिभागियों के मध्य, आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी, आदरणीय धर्मेन्द्र शर्मा जी, आदरणीय गणेश जी बागी, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, आदरणीय योगराज प्रभाकर जी व मंच संचालक श्री अम्बरीश श्रीवास्तव जी ने आदि से अंत तक अपनी बेहतरीन टिप्पणियों के माध्यम से सभी प्रतिभागियों व संचालकों में परस्पर संवाद कायम रखा जो कि इस प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए नितांत आवश्यक था | न केवल यह वरन उन्होंने अपनी प्रतिक्रियाओं में दोहा, कुण्डलिया, कह मुकरी व घनाक्षरी आदि छंदों का प्रयोग करके इस प्रतियोगिता को और भी रुचिकर बना दिया | इस आयोजन में श्री आलोक सीतापुरी जी, श्री सौरभ पाण्डेय जी, श्री योगराज प्रभाकर जी, श्री अम्बरीश श्रीवास्तव जी, बागी जी, श्री धर्मेन्द्र कुमार शर्मा जी, जनाब इमरान खान जी, श्रीमती नीलम उपाध्याय जी, श्रीमती शन्नो अग्रवाल जी, श्री सतीश मापतपुरी जी नें भी प्रतियोगिता से बाहर रहकर मात्र उत्साहवर्धन के उद्देश्य से ही अपनी-अपनी स्तरीय रचनाएँ पोस्ट कीं जो कि सभी प्रतिभागियों को चित्र की सीमा के अंतर्गत ही अनुशासित सृजन की ओर प्रेरित करती रहीं, साथ-साथ इन सभी नें अन्य साथियों की रचनायों की खुले दिल से निष्पक्ष समीक्षा व प्रशंसा भी की जो कि इस प्रतियोगिता की गति को त्वरित करती रही | बंधुओं ! यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अपेक्षित गुणवत्ता की ओर अग्रसर हो रही है...........

 

इस यज्ञ में काव्य रूपी आहुतियाँ डालने के लिए सभी ओ बी ओ मित्रों को हृदय से बहुत-बहुत आभार...

प्रतियोगिता का निर्णय कुछ इस प्रकार से है...

प्रथम स्थान

श्री संजय मिश्रा हबीब

द्वितीय स्थान

श्री सुरिंदर रत्ती

तृतीय स्थान

श्रीमती सुनीता शानू



प्रथम स्थान

(संजय मिश्र 'हबीब' जी )

तुम क्यूँ पीछे आज खड़े हो,

अपनी नज़र उठाओ ना

अआ, इई के पंख लगा कर,

गगन नाप के आओ ना

झिझको नहीं ज़रा सा भी तुम,

निज ताकत विश्वास करो

रंग उठा कर इंद्रधनुष से,

सपनों में खुद रंग भरो

तितली बन कर शब्द सुमन पर,

तुम भी तो इठलाओ ना

अआ, इई के पंख लगा कर,

गगन नाप के आओ ना

बीत गया जो बीत गया वो

उसकी चिंता करना क्यों?

आगे आओ तुम भी जानों

ज्ञान है सुन्दर झरना क्यों?

अँधेरे से उजियारे तक

झरने सा झर जाओ ना

अआ, इई के पंख लगा कर,

गगन नाप के आओ ना

समय साध लो ज्ञान पहन कर

राहों का विस्तार बनो

अपना जीवन, अपने हाथों

रखो, नया आधार बनो,

सारे आओ संगी साथी

अपने सभी बुलाओ ना

अआ, इई के पंख लगा कर,

गगन नाप के आओ ना


द्वितीय स्थान

श्री सुरेंदर रत्ती

 


कुछ दरीचे बंद थे, कैसे आये महकती सबा,
उम्र के इस दौर का, जोश बहुत अच्छा लगा

 


बढ गए उनके क़दम, कुछ सीखने की चाह में,
इल्म होगा कितना हासिल, वक़्त देगा इसका पता


कारवाँ गुज़र गया, ज़ोफ जिस्मो-जान में,
दमे आखिर कलम से, हो रही अब इब्तिदा

 


बेशुमार कलियाँ चमन में, तड़प रहीं, बेनूर भी,
ख़्वार होती जवानियाँ, पूछती सबसे जा-ब-जा

 


चंद सिक्कों की खनक में, हर इल्म कहीं खो गया,
अलिफ, बे ग़रीब न जाने, जीना उनका इक सज़ा

 


हों मुसलसल कोशिशें, गर तरक्क़ी के वास्ते,
क्या मजाल हुनर की, सर झुकाए रहे पास खड़ा

 


मोहताज, नाचार बशर, सोती रही हुकूमतें,
"रत्ती" विरासत में मिला, तंगहाल टूटा मदरसा.


 

 

 

तृतीय स्थान

(श्रीमती सुनीता शानू जी)

आओ बहनों पढ़-लिखकर ज्ञान कमायें सच्चा

उम्र हो गई अस्सी की,दिल तो है अभी बच्चा॥

 

सारा जीवन व्यर्थ गँवाया, जो पढ़ न पाये अक्षर

आज पढ़लें हम-सब मिल, मिला हमें ये अवसर

ज्ञान आँख की ऎसी ज्योति कम न होने पाये

जितनी बाँटो उतनी बढ़े ये मिट कभी न पाये

बनियें को भी डाँटेंगे जो हिसाब करेगा कच्चा

उम्र हो गई अस्सी की,दिल तो है अभी बच्चा॥

 

बहुओं की गिट-पिट भी आज समझ में आयेगी

नई पड़ौसन फ़िर कभी न अनपढ़ हमें बतायेगी

चींटू-पींटू, मिन्की-चिन्की, हमको कभी चिढ़ायेंगे

अपनी पुस्तक दिखला कर उनको पाठ पढ़ायेंगे

बात हमारी मानेगा अब घर का हर एक बच्चा

उम्र हो गई अस्सी की,दिल तो है अभी बच्चा॥

 

क ख ग घ सीखेंगी फ़िर इंग्लिश कक्षा की बारी

जोड़-घटाव, गुणा-भाग में न पिछडेगी अब नारी

गीता जी का पाठ करेंगे रामायण भी पढ़ पायेंगे

पढ़-लिख कर आओ बहनों अपना भविष्य बनायेंगे

अँगूठा नही लगायेंगे हम,न खायेंगे अब गच्चा

उम्र हो गई अस्सी की,दिल तो है अभी बच्चा॥

 

प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान के उपरोक्त सभी विजेताओं को सम्पूर्ण ओ बी ओ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई...

प्रथम व द्वितीय स्थान के उपरोक्त विजेता आगामी "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक ७ के निर्णायक के रूप में भी स्वतः नामित हो गए हैं, तथा आप दोनों की रचनायें आगामी अंक के लिए स्वतः प्रतियोगिता से बाहर होगी |

 

जय ओ बी ओ!

सौजन्य से ........
अम्बरीष श्रीवास्तव

अध्यक्ष,

"चित्र से काव्य तक" समूह

ओपन बोक्स ऑनलाइन परिवार

Views: 1943

Replies to This Discussion

प्रतियोगिता के तीनो विजेतायों को हार्दिक बधाई ! इस सुंदर निर्णय के लिए भाई अम्बरीष जी को ह्रदय से साधुवाद !


प्रतियोगिता के प्रत्येक विजेता को हार्दिक बधाई. और साथ ही निर्णायक मंडल को भी जिन्होंने इस मुश्किल काम को अंजाम दिया.

संजय मिश्र 'हबीब' जी ! सुरिंदर रत्ती जी ! सुनीता शानू जी !


आप तीनों को "चित्र से काव्य तक" अंक -६ प्रतियोगिता में

विजेता बनने पर हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं !

 

Clapping Hands

राजेन्द्र स्वर्णकार

खूबसूरत रचनाओं के लिये विजेताओं, आयोजकों और भाग लेने वालों के साथ-साथ भाग लेने वालों को भी बधाई।

ये दूसरे भाग लेने वाले वो हैं जो प्रतियोगिता से भाग लिये, पहले भाग लेने वालों को तो व्‍याख्‍या की जरूरत ही नहीं।

हा हा हा .. बहुत अच्छे आदरणीय तिलकराजभाईसाहब !!!

सही है, जो भाग   लें वो भाग लेने वालों के समकक्ष शब्द से तो अवश्य रहें. ..  ... :-)))))))  ..

 

तीनो विजेताओं को मेरी और से भी हार्दिक बधाई

सभी विजेता यथा श्री संजय मिश्रा हबीब जी, श्री सुरिंदर रत्ती जी और श्रीमती सुनीता शानू जी को बधाई | 

आप सभी निर्णायक जनों का हार्दिक धन्यवाद। मुझे जरा भी आशा नही थी मेरी किसी रचना को स्थान मिल पायेगा। बस एक ही बात कहना चाहती हूँ ओ बी ओ मंच बहुत ही लाजवाब है। यहाँ पर बहुत कुछ सीखने को मिला है।

सादर

सुनीता शानू

सुनीता जी, यही तो कमाल है इस मंच का ! यहाँ केवल गुणवत्ता को ही सर्वोपरि माना जाता है !

सुनीताजी, आपकी कोशिश और उत्साहकारी संलग्नता कितने रंग ले आयी है..!!

आपको मेरी हार्दिक बधाइयाँ .. .

चकित हूँ,  हर्षित भी ... क्या कहूँ...

 

"आसमान भी दे दिया, और दिया है पंख

अंतरमन मंदिर बना, गूंज रहे हैं शंख

गूंज रहे हैं शंख, प्रभु को करूँ प्रणाम

गुरुजन का आशीष, प्राप्त है ये परिणाम 

बना रहे ये नेह, हबीब पर भाई समान

दया बनाए रखे, अकिंचन पे आसमान"

 

आद सुरेंदर रत्ती जी और आद सुनीता शानू जी को सादर बधाइयां.  

गुरुजनों से सादर प्रार्थना ... अपने स्नेह और मार्गदर्शन के अधीन बनाए रखने हेतु...

सादर आभार...

जय ओ बी ओ

 

संजय भाई, आपकी रचना वाकई प्रथम स्थान के लायक थी ! आपको पुन: बधाई !  

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं टंकण त्रुटि…"
3 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169
"अधूरे ख्वाब (दोहा अष्टक) -------------------------------- रहें अधूरे ख्वाब क्यों, उन्नत अब…"
6 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169
"निर्धन या धनवान हो, इच्छा सबकी अनंत है | जब तक साँसें चल रहीं, होता इसका न अंत है||   हरदिन…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छी कुंडलियाँ हुई हैं। हार्दिक बधाई।  दुर्वयस्न को दुर्व्यसन…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर रोला छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)

कहते गीता श्लोक में, स्वयं कृष्ण भगवान।मार्गशीर्ष हूँ मास मैं, सबसे उत्तम जान।1।ब्रह्मसरोवर तीर पर,…See More
Thursday
Sushil Sarna posted blog posts
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service