For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य-प्रेमियो,

सादर अभिवादन.

 

ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव, अंक- 42 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है.

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ

17 अक्तूबर 2014 से 18 अक्तूबर 2014,  दिन शुक्रवार  से दिन शनिवार

 

 

इस बार के आयोजन के लिए जिस छन्द का चयन किया गया है, वह है –  मनहरण घनाक्षरी छन्द

 

एक बार में अधिक-से-अधिक तीन मनहरण घनाक्षरी छन्द प्रस्तुत किये जा सकते है.

 

ऐसा न होने की दशा में प्रतिभागियों की प्रविष्टियाँ ओबीओ प्रबंधन द्वारा हटा दी जायेंगीं.

 

[प्रयुक्त चित्र अंतरजाल (Internet) के सौजन्य से प्राप्त हुआ है.]

 

मनहरण घनाक्षरी छन्द के आधारभूत नियमों को जानने हेतु यहीं क्लिक करें.

 

आयोजन सम्बन्धी नोट :

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 17 अक्तूबर 2014 से 18 अक्तूबर 2014  यानि दो दिनों के लिए रचना और टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा. केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

अति आवश्यक सूचना :

  • आयोजन की अवधि के दौरान सदस्यगण अधिकतम दो स्तरीय प्रविष्टियाँ अर्थात प्रति दिन एक के हिसाब से पोस्ट कर सकेंगे. ध्यान रहे प्रति दिन एक प्रविष्टि, न कि एक ही दिन में दो प्रविष्टियाँ.
  • रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  • नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  • सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध न करें.  आयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  • आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  • इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  • रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  • रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

 

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

 

Views: 6911

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय अखिलेश भाईजी, प्रस्तुति में चित्रानुसार विन्दुओं को समायोजित किया गया है. इसके प्रति आपका ध्यान गया यह मेरे लिए भी अत्यंत संतोष का कारण है.
आपकी गहन और प्रखर दृष्टि के लिए धन्यवाद, आदरणीय

परम आदरणीय सौरभ जी सादर,
 रेल यात्रियों की असुविधाओं में निरंतर होती वृद्धि पर आपकी यह अनुपम रचना है. इस प्रस्तुति के माध्यम से आपने भारतीय रेल की जनरल बोगी में यात्रा करने वाले आम यात्रियों की व्यथा का बखूबी चित्रण किया है ..... अति मनभावन और गेयता का अनुपम उदाहरण अतएव सादर बधाई आदरणीय

सादर

आदरणीय सत्यनारायणभाई, प्रस्तुति को मिला आपका अनुमोदन अत्यंत आह्लादकारी है.
यह सही है आदरणीय, कि विकास का चक्का वस्तुतः दुर्निवार चला है, परन्तु, इसकी एकांगी चाल संतुलित प्रभाव नहीं दिखा सकी है. इस कारण, आम-जनों की दशा लगातार दुर्व्यवस्था का शिकार होती चली गयी है.
अब छुट्टियों का मौसम प्रारम्भ है. चित्र से अनुमानित वातावरण आज की रेलगाड़ियों की कहानी कह रहा है. इसी कारण यह चित्र अपनी समस्त अतिशयोक्तियों के बावज़ूद अत्यंत प्रासंगिक है.
आपको मेरा छन्द-प्रयास रुचिकर लगा है इस हेतु पुनः धन्यवाद,
सादर

प्रदत्त चित्र को परिभाषित करती बहुत ही सुन्दर घनाक्षरी लिखी हैं आ० सौरभ जी |  कुछ शब्दों को पढ़कर तो बहुत मजा आया | 

दिखे न उपाय कहीं, घुसे कोई गाड़ियों में, कूद-कूद छेंक रहे छत-कोना देखिये !!---बहुत खूब चित्रण किया वाह 


देख के कमाल आज चकित न होइये, कि, जोश भरी नारी आज धौंकती हैं, वाहवा !
धरती पे धरती थीं पग धीरे धारिणी जो मार के छलाँग आज धाँगती हैं, वाहवा ! 
ललना को गोद लिये बाबूजी हैं चुपचुप, माताराम गाड़ी-गाड़ी लाँघती हैं, वाहवा !
जिन्दगी की दौड़ हो या रोज का हो पग-ताल, महिलायें खूब ताल ठोंकती हैं, वाहवा ! ....वाहवा वाहवा वाहवा 

सारे नम्बर इस घनाक्षरी को देती हूँ ...

गाड़ी में हैं आदमी ज्यों बोरे में अनाज भरा, बचे हुए सारे लोग छत पर आ रहे------ये भी विशेष वाहवा की हक़दार है

बहुत -बहुत बधाई तीनो उम्दा घनाक्षरियों के लिए |  

आदरणीया राजेश कुमारीजी, आपने जिस शैली में मेरे प्रयास को मान दिया है वह आपकी हार्दिक आत्मीयता है. मैं आपके मुखर अनुमोदन से कृतकृत्य हूँ.
सादर

आदरणीय सौरभ जी 

सुन्दर पदावली है |सरस भावाभिव्यक्ति |सादर अभिनन्दन

आदरणीय खुर्शीद भाईजी, इस छन्दोत्सव में आपका हार्दिक स्वागत है. 

आपने प्रस्तुति को मान दे कर मेरे प्रयास को समर्थन दिया है.  हार्दिक धन्यवाद भाईजी..

शुभ-शुभ

Aadarnie Saurabh sir ji aapne chand main chitra ka bahut khoob barnan kia hai . bahut bahut badhaiyan .

पेट में है आग लगी, होंठों पे है प्यास बड़ी, ज़िन्दग़ी ने बोझ दिया भार वो उठा रहे ! bahut khooob

aapki teeno ghanakshari ne sach main     mn ko hr lia

भाई अमित.. आपका इस आयोजन में स्वागत है. आपकी उपस्थिति अत्यंत उत्साहवर्द्धक है. आपको मेरे छन्द रुचिकर लगे इस हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद.
आपकी छन्द रचना की भी प्रतीक्षा है.
शुभ-शुभ

आदरणीय सौरभ भाई जी.........

एक दृश्य एक छन्द, तीन हैं आयाम-बन्द

हमने किये पसन्द,भाई जी बधाइयाँ

छत पे जुगाड़ मस्त,दर्शक फिजूल त्रस्त

जिंदगी में सब व्यस्त,भूल परेशानियाँ

ललना अबोध देखे,  नये अवरोध देखे

नित नये शोध देखे, गढ़ते कहानियाँ

आम आदमी की बात, छू रही है मन-गात

कब आये सुप्रभात,लिये शहनाइयाँ..............

भाई जी अरुण आये, पाठकों के मन छाये, आये यों कि रस भाये.. जमती घनाक्षरी
आप प्रभु आशु कवि, जहाँ नहीं जाय रवि, देखते हैं, मुग्ध हुई.. फबती घनाक्षरी   
आपकी कलम ढाई, मेरे लिखे पर भाई, प्रेमसिक्त भावना से कहती घनाक्षरी
भइया का दुलार है, बढ़िया व्यवहार है, भावना भरमार ले.. लहती घनाक्षरी

आदरणीय अरुण भाईजी, हृदयतल से आभार..

चित्र के साथ न्याय करती हुई बहुत ही सुंदर रचना, चित्र मे दर्शित एक एक अंश को बखूबी शब्द दिया है और संदेश तो स्पष्ट ही है। बहुत सुंदर ॥ 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"कुम्भ लगा प्रयाग में, संतो का जमघट है,आमजन भी आ जुटे, मुक्ति स्नान करने।पर्व सनातन का है,…"
27 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी,  आपके प्रयास की वाह-वाह भूरि-भूरि, कठिन है किंतु पद, आपने लगा…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी,  कवित्त है शुद्ध शुद्ध, कवि मन से प्रबुद्ध, पद पढ़ बार-बार, रस में…"
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   बरसों बाद मेला है, खूब ठेलम ठेला है, भीड़ बहुत भारी है,…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"सुगढ़ कवित्त प्रस्तुति, आदरणीय अशोक भाईजी  मैं पुन: उपस्थित होता हूँ। "
16 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   संगम  के  तट  पर, संतो  का  जमावड़ा  है, एक…"
17 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 175 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |इस बार का…See More
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service