For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ छब्बीसवाँ आयोजन है.   

 

इस बार का छंद है - शक्ति छंद  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

23 अक्टूबर 2021 दिन शनिवार से 

24 अक्टूबर 2021 दिन रविवार तक

हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

चित्र अंतर्जाल से

शक्ति छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक ...

जैसा कि विदित है, कईएक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो

23 अक्टूबर 2021 दिन शनिवार से 24 अक्टूबर 2021 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 3867

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

122 122 122 12

हमारे लिए खेत ही स्वर्ग है
यहीं प्राण मन बंधु उत्सर्ग है
इसी पेड़ की छाँव में मन रमा
लिया है यहीं आज आसन जमा

सुरक्षित हमारी फसल थी बहुत
टिकी भी  हमारी नज़र थी बहुत 

सचल भाष की लत असर कर गई
घुसी गाय आकर फ़सल चर गई

मौलिक एवं अप्रकाशित 

//सचल भाष की लत असर कर गई
घुसी गाय आकर फ़सल चर गई// वाह वाह  चित्र पर सटीक भाव। बहुत बधाई आपको सार्थक सुन्दर छंद सृजन के लिये आदरणीय अनिल कुमार जी

प्रतिभा पाण्डे जी सादर आभार मान्या 

आदरणीय अनिल कुमार सिंह जी बहुत ही सुंदर रचना के लिए बहुत बहुत बधाई

छोटेलाल सिंह जी जी सादर आभार मान्यवर  

आ. भाई अनिल जी, चित्र को सार्थक रूप में परिभाषित करते छन्द हुए हैं । हार्दिक बधाई।

मुसाफ़िर जी जी सादर आभार मान्यवर 

आदरणीय अनिल कुमार सिंह जी सादर प्रणाम। सुंदर चित्र अभिव्यक्ति की हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर।

दीपांजलि दूबे जी जी सादर आभार मान्या 

आदपणीय अनिल जी, आपने मात्र दो छंदों के माध्यम से जिसतह से निर्मल हास्य पैदा किया है वह वस्तुत: रोचक है. मेरी ओर से अशेष बधाइयाँ. 

सुरक्षित हमारी फसल थी बहुत
टिकी भी  हमारी नज़र थी बहुत .. बस इन्हीं दो पंक्तियों की तुकांतता में वैैधानिक चूक है. जो अनायास हो गया प्रतीत होता है. 

आपकी सहभागिता के लिए आभार

जय-जय

रखाना उसे खेत सारा अभी 

उठानी फसल अन्नदाने सभी ! 

बितानी पड़ेगी यहाँ ज़िन्दगी

प्रबंधन न आसान खेती ठगी!! 

मिले अन्न केवल धरा से सदा

अभी पालना है जगत आपदा ! 

लगाते जुगत खेत पहरा हुआ

कि जीवन मचानों बचाते जुआ ! 

वही खेत भरता तभी ज़िन्दगी है

न कहना भला है यही बन्दगी है! 

अभी खाद- पानी न आसान है

रही जान सस्ती न वरदान है !! 

किसानी बने स्वप्न सबका अहा

सुहाना सफर ज़िन्दगी हो महा ! 

हवा भी चले आजमाती हमें

कि गंगा नहाना सुहाता हमें !! 

मौलिक एवम् अप्रकाशित

आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी पुनर्सहभागिता का अशेष आभार. 

आपकी प्रस्तुति जिस तरह से संभव हो पायी होगी, इसे समझ पा रहा हूँ. 

आपका प्रयास हालाँकि तनिक संप्रेषणीयता चाहता है, किंतु, यह सतत प्रयास से स्वयं सहज हो जाएगा. 

वही खेत भरता तभी ज़िन्दगी है

न कहना भला है यही बन्दगी है! .. इन दोनों पंकितियों में 'है' अधिक वर्ण है.

बहरहाल, आपके सारस्वत-प्रयास पर पुनर्बधाइयाँ.. 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"स्वागतम"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी दोहावली अपने थीम के अनुरूप ही प्रस्तुत हुई है.  हार्दिक बधाई "
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी दोहावली के लिए हार्दिक धन्यवाद.   यह अवश्य है कि…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी प्रस्तुति आज की एक अत्यंत विषम परिस्थिति को समक्ष ला रही है. प्रयास…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . पतंग
"आवारा मदमस्त सी, नभ में उड़े पतंग ।बीच पतंगों के लगे, अद्भुत दम्भी जंग ।।  आदरणीय सुशील…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"दुःख और कातरता से विह्वल मनस की विवश दशा नम-शब्दों की रचना के होने कारण होती है. इसे सुन्दरता से…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढिया भावाभिव्यक्ति, आदरणीय. इस भाव को छांदसिक करें तो प्रस्तुति कहीं अधिक ग्राह्य हो जाएगी.…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"झूठ के विभिन्न आयामों को कथ्य में ढाल कर आपने एक सुंदर दोहावली प्रस्तुत की है, आदरणीय लक्ष्मण धामी…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . उल्फत
"आदरणीय निलेश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, दोहों पर आपके प्रयास सधे हुए हैं. किन्तु, कतिपय दोहे मूलभूत नियमों के…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों की सराहना के लिए हार्दिक आभार।"
11 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 176 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |इस बार का…See More
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service