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"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे पूछताछ

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे यदि किसी तरह की जानकारी चाहिए तो आप यहाँ पूछताछ कर सकते है !

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आदरणीय, ओ बी ओ लाईव महा उत्सव अंक-71 की रचनाओं को चिन्हित किया जा चुका है या नहीं? सादर ।

           सितारे  ओ /ढ़े हुए मा /हताब पह /ने हुए 

           1222         2122     1212        22

          मुफाईलुन फाइलातुन   मुफायलुन फइलुन/फेलुन 

 पर तरही  गजल होना चाहिए ।कृपया  मार्ग दर्शन  करें।सादर।

आ० प्रमोद श्रीवास्तव जी, जिस मिसरे का उल्लेख आपने किया है उसे मिसरा-ए-तरह या तरही मिसरा कहा जाता हैI. तरही मुशायरे में इसी तरह दिए हुए मिसरे के वज्न और बह्र में ग़ज़ल कहनी होती हैI. तरही ग़ज़ल कहते हुए दो बातों का ध्यान रखना होता है:

 

1. तरही मिसरा ग़ज़ल में अवश्य शामिल होI

2. तरही मिसरे को मतले में न लिया जाएI

महोदय ग़ज़ल पोस्ट कहाँ से होगी?

Am new..
जनाब अशफ़ाक़ रशीद साहिब आदाब,तरही मुशायरे में तो आप ग़ज़ल पहले पोस्ट कर ही चुके हैं,लेकिन इसके अलावा ग़ज़ल पोस्ट करना है तो,मुख्य पृष्ठ पर ब्लाग्स पर पोस्ट कर सकते हैं ।
जी आदरणीय फरवरी माह के आयोजन का कलेंडर भेज दे जी मेहरबानी कर जी।
जनाब सुरेन्द्र इंसान जी आदाब,आयोजन कैलन्डर हर माह की 7 तारीख़ तक आता है,फ़िलहाल 'लाइव महाउत्सव'का शीर्षक मुख्य पृष्ठ पर देख सकते हैं ।
आदाब मोहतरम। बेहद शुक्रिया जी।
ओ बी ओ और ओ बी ओ के सभी सदस्सयों को प्रणाम..मैं पिछले कुछ महीनों से ओ बी ओ के तरही ग़ज़ल मुशायरे से जुड़ा हूँ..और यहाँ आकर मैने ग़ज़ल के बारे में बहुत कुछ सीखा है...जिसके लिए मैं ओ बी ओ क सदा शुक्रगुजार रहूंगा....लेकिन कुछ हैं जो मैं यहाँ पर कहना चाहता हूँ...
-जिस ग़ज़ल का मिसरा हमें तरही ग़ज़ल के लिए दिया जाता है..अगर वह अस्ल ग़ज़ल भी पोस्ट मंच पर पोस्ट कर दी जाए तो मुझे लगता है बहुत अच्छा होगा...(चाहे मुशायरे कि समाप्ति के बाद ही किया जाए)हम जैसे सीखने वाले जान पाएँगे कि उस्ताद शायरों ने उसी काफीआ रदीफ में कैसे काम किया है..
-दूसरा यह कि मुशायरे कि अवधि दो दिन रखी गई है...जिस वजह से रचनओं पर टिप्पणिया भी मात्र दो दिन तक ही कि जा सकती हैं..यह बहुत कम समय है क्योंकि..
1-मुशायरे का आयोजन वीकेंड में होता है..इन दिनों में अक्सर सोशियल इवेंट्स होती हैं और हम उनमें व्यस्त हुए रहते हैं.समय कम निकाल पाते हैं..और रचनाओं पर टिप्पणियाँ नही कर पाते है..
2-जो रचनायें आयोजन के अंतिम भाग में प्रकशित होती हैं उन्हे समय कम रह जाने के कारण कई बार पूरी टिप्पणियाँ प्राप्त नही हो पाती..
3-यह बहुत महत्वपूर्ण है...कई बार किसी रचना पर कोई बहुत ही अहम चर्चा चल रही होती है...जिस से हमें बहुत सीखने को मिलता है..लेकिन मुशायरे का समय ख़त्म हो जाने के कारण चर्चा किसी निर्कर्ष पर पहुँचे बिना बीच में ही रह जाती है..
मेरा निवेदन है कि अगर ऐसा मुमकिन हो कि रचना पोस्ट करने का समय बेशक दो दिन ही रहे..लेकिन उस पर टिप्पणी एक हफ्ते तक कर सकें तो बहुत अच्छा होगा...
बहुत बहुत धन्यवाद

अगर आप चाहें तो आयोजन के बाद अपनी टिप्पणियां संकलन पर दे सकते हैं भाई गुरप्रीत जी। क्योंकि यह आयोजन समय सीमा से बंधे होते है तो निश्चित समय पर इन्हें बन्द करना लाज़मी होता है। प्रयास करें कि अधिकाधिक टिप्पणियां आयोजन के दौरान ही दें।

जी समझ गया Sir...यही कोशिश रहेगी....
बहुत बहुत शुक्रिया
आदरणीय इस बार का तरही मिसरा क्या है जी। मुझे कैलेलेंडर नही मिला जी इस बार भी जी।

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