For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-8 (विषय: संकल्प)

आदरणीय लघुकथा प्रेमियो,
सादर वन्दे।
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" के पहले सात आयोजन आशा से कहीं बढ़कर बेहद सफल रहे। नए पुराने सभी लघुकथाकारों ने बहुत ही उत्साहपूर्वक इनमें सम्मिलित होकर इन्हें सफल बनाया। कई नए रचनाकारों की आमद ने आयोजन को चार चाँद लगाये I इस आयोजनों में न केवल उच्च स्तरीय लघुकथाओं से ही हमारा साक्षात्कार हुआ बल्कि एक एक लघुकथा पर भरपूर चर्चा भी हुई। गुणीजनों ने न केवल रचनाकारों का भरपूर उत्साहवर्धन ही किया अपितु रचनाओं के गुण दोषों पर भी खुलकर अपने विचार प्रकट किए, जिससे कि यह गोष्ठियाँ एक वर्कशॉप का रूप धारण कर गईं। इन आयोजनों के विषय आसान नहीं थे, किन्तु हमारे रचनाकारों ने बड़ी संख्या में स्तरीय लघुकथाएं प्रस्तुत कर यह सिद्ध कर दिया कि ओबीओ लघुकथा स्कूल दिन प्रतिदिन तरक्की की नई मंजिलें छू रहा  है I यह कहना कोई अतिश्योक्ति न होगी कि यह सभी आयोजन लघुकथा विधा के क्षेत्र में मील के पत्थर साबित हुए हैं । तो साथियो, इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रस्तुत है....
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-8  
विषय : "संकल्प"
अवधि : 29-11-2015 से 30-11-2015 
(आयोजन की अवधि दो दिन अर्थात 29 नवम्बर 2015 दिन रविवार से 30 नवम्बर 2015 दिन सोमवार की समाप्ति तक)
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो  29 नवम्बर 2015 दिन रविवार लगते ही खोल दिया जायेगा)
.
अति आवश्यक सूचना :-
१. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
२.सदस्यगण एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।
३. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
४. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
५. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी लगाने की आवश्यकता नहीं है।
६. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
७.  नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
८. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है।
९. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं। रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें।
१०. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
११. रचना/टिप्पणी सही थ्रेड में (रचना मेन थ्रेड में और टिप्पणी रचना के नीचे) ही पोस्ट करें, गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी बिना किसी सूचना के हटा दी जाएगी I
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 21212

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

शिक्षक जब स्वंय मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहेंगे अपने परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित रहेंगे तो वे कैसे नौनिहालों का भविष्य निर्माण करेंगे ।कथा के ज़रिये आपने आज की जवंलंत समस्या पर प्रकाश डाला है आपको बधाई आद०मोहन बेगोवाल जी ।
बढ़िया लघुकथा आदरणीय मोहन बेगोवाल जी ।सादर

आदरणीय मोहन बेगोवालजी, आपकी सहभागिता तथा प्रस्तुति केलिए हार्दिक धन्यवाद. शिक्षक के मन में उठते सार्थक प्रश्नों को बढिया दिशा देने का प्रयास किया है आपने. शुभकामनाएँ

एक सहज सुझाव अवश्य साझा करना चाहूँगा. किसी प्रस्तुति को पोस्ट करने के पूर्व यदि हम दो दफ़े पढ़ लें तो कई त्रुटियाँ नज़र में आ जाती हैं. और पाठक इत्मिनन से रचना-सुख ले सकते हैं. 

सादर

मैं ख़ुद बुरा होने से बचूँ तो ओरों को सीख दूँ।तो बुराइयाँ दूर होंगी।
सुंदर प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार आदरणीय।

अबकी बार भी मुझे लगा कि आपने जल्दबाज़ी में टंकित कर पोस्ट कर दिया,इस रचना को।टाइपिंग सम्बन्धी अशुद्धियाँ नज़र आ रही हैं।सादर

लघुकथा – सत्य

मित्र, मित्र को देख कर चकित था, “ महात्मन् ! कुछ जिज्ञासा है. समाधान चाहता हूँ.”

“कहो वत्स !” वे मुस्काए.

“मैं, बचपन में निर्वस्त्र होने पर शरमाने वाले और आज के इस महात्मा के सत्य को जानना चाहता हूँ,” एकांत पाते ही मित्र ने पूछा.

“वत्स ! दोनों ही सत्य है.”

“समझा नहीं, महाराज !”

“बचपन में वे मातापिता के दिए गए संस्कार थे और यह सत्य को जानने का संकल्प,” कह कर महात्मा मौन हो गए और मित्र इस ‘सत्य’ को जान कर.

 

(मौलिक व अप्रकाशित) 

 सत्य एक जीव मात्र होने का ·······बहुत ही गूढ़ संकल्प लिखी है आपने यहां अपनी कथा में। बधाई आपको आदरणीय ओमप्रकाश जी इस सार्थक रचना के लिए। 

आदरणीय कांता जी आप की पहली प्रतिक्रिया पा कर प्रसन्नता हुई. आप ने इस गूढ़ संकल्प कह दिया, मेरे लिए  काफी है. आभार आप का .

बहुत खूब चिंतन परक लेखन के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय ओम प्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' जी।

आदरणीय शेख उस्मानी जी आप की सह्रदयता का आभारी हूँ. आप जब भी लिखते है मन खोल कर लिखते हैं. आप की यह आदत ही कभीकभी हमें बेबाक राय रखने पर मजबूर कर देती है. यही विशेषता आप को अपनी लेखनी में उत्कृष्ट पर ले जा रही है. यह मेरी आत्मिक भाव है जो आज व्यक्त हो गए. आभार आप का .

आप सभी की हौसला अफज़ाई से ही आप सभी से जुड़ कर सीख रहा हूँ। वरना स्थानीय स्तर पर कोई प्रोत्साहन नहीं है। बहुत बहुत शुक्रिया जनाब ओम प्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' जी

वाह वाह, बहुत ही खूबसूरत लघुकथा हुई है आ० ओमप्रकाश क्षत्रिय जी I संस्कार और संकल्प की यह जुगलबंदी लघुकथा को ऊंचाई पर ले गई, ढेरों ढेर बधाई प्रस्तुत है I

आदरणीय योगराज जी भाई साहब , इस बार मैं ने  तय कर लिया था कि मैं एक भी शब्द निर्थक नहीं लिखूंगा. फिर जब यह लघुकथा लिखी तो सोचा कि बहुत ही गहन हो रही है . कहीं कोई इसे निरस्त न कर दे. मगर , आप की प्रतिक्रिया पढ़ कर लगा कि लघुकथा सही व सार्थक हुई है, आप की इस प्रतिक्रिया का ह्रदय से आभारी हूँ.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल के प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें जी। तक़रार इस्त्रिलिंग है…"
17 minutes ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीया रिचा यादव जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा हुआ बधाई स्वीकार करें जी। दिल में…"
23 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय रिचा यादव जी, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है बधाई स्वीकार करें।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय निलेश "नूर" जी, आप लाजवाब ग़ज़ल लिखते है। बधाई स्वीकार करें।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है। बधाई स्वीकार करें।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तमाम आज़ी जी, उम्दा ग़ज़ल है आपकी। बधाई स्वीकार करें। आदरणीय तिलकराज जी के सुझावों से ये और…"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल — 221 1221 1221 122 है प्यार अगर मुझसे निभाने के लिए आकुछ और नहीं मुखड़ा दिखाने के लिए…"
2 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय धामी सर इस ज़र्रा नवाज़ी का"
3 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय रिचा जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
3 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय इंसान जी अच्छा सुझाव है आपका सहृदय शुक्रिया ग़ज़ल पर नज़र ए करम का"
3 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय जयहिंद  जयपुरी जी सादर नमस्कार जी।   ग़ज़ल के इस बेहतरीन प्रयास के लिए बधाई…"
5 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय नीलेश भाई जी सादर नमस्कार जी। वाह वाह बेहद शानदार मतला के साथ  शानदार ग़ज़ल के लिए दिली…"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service