For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लोकार्पण कार्यक्रम समाचार पत्रों के आधार पर एक प्रतिवेदन

कवि केवल प्रसाद ‘सत्यम’ का प्रथम काव्य-संग्रह...’छंद माला के काव्य-सौष्ठ्व’ का दिनांक ०७.०२.२०१६ को यू० पी० प्रेस क्लब, लखनऊ में लोकार्पण कार्यक्रम समाचार पत्रों के आधार पर एक प्रतिवेदन .

लखनऊ शहर में आज-कल लखनऊ महोत्सव का आयोजन चल रहा है. दिनांक ०७.०२.२०१६ को इस शहर में एक तरफ सूबे के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव जी सिटी हाफ मैराथन दौड़ को हरी झण्डी दिखा रहे थे तो दूसरी ओर विंटेज़ कार रैली का कौतुक हर व्यक्ति को आकर्षित कर रहा था. भ्रम यह भी था कि लखनऊ महोत्सव मेले का आज अंतिम दिन है. बच्चों ने अपने-अपने घरों में मेला देखने की ज़िद कर रखी थी. सभी लोगों का रुख लखनऊ महोत्सव की ओर ऐसा झुकाव था जैसे प्राथमिकता, अनिवार्यता सी हो गयी थी. इसका एक कारण यह भी था कि आज सायं लखनऊ महोत्सव में गज़ल गायकी के महानतम पाकिस्तानी फनकार गुलाम अली जी अपने सुपुत्र के साथ शिरकत करने वाले थे. वहीं हज़रत गंज में पद्म भूषण भोजपुरी गायिका मालिनी अवस्थी जी का सम्मान समारोह चल रहा था. इस समय हज़रतगंज जैसे व्यस्ततम बाज़ार में भी व्यक्तियों/ श्रोताओं का जैसे टोटा हो गया था. मेरी चिंता बहुत तेजी से बढ‌ती जा रही थी. आज मेरी प्रथम कृति छंद माला के काव्य-सौष्ठव का लोकार्पण भी होना है. समय की देवी ने दोपहर के ठीक दो बजे की घड़ी, अमूल्य भेंट में प्रस्तुत किया. यू० पी० प्रेस क्लब, में कुल चार - छ: श्रोता ही चहल कदमी कर रहे थे. अचानक मात्र पल भर में ही मुख्य अतिथियों सहित हाल में अच्छी-खासी भीड़ जुट गयी. कार्यक्रम अपने सही समय से प्रारम्भ हो गया. देखते ही देखते पूरा हाल खचाखच भर गया. भीड़ बढ‌ती ही जा रही थी. रेस्टोरेंट की कुर्सियां भी श्रोतागण खींच-खींच कर बैठने लगे, कुर्सियां कम पड़ गयी तो वे खड़े रहकर भी वक्ताओं के रसपूर्ण आख्यानों का भरपूर आनंद लेते रहे. पत्रकार बंधुओं का भी तांता लगा रहा, रह-रह कर एक-एक, दो-दो करके पत्रकार बंधु अंत तक आते रहे. इसी बीच में लखनऊ आकाशवाणी व एफ० एम० चैनल के प्रतिनिधि भी आकर मेरा साक्षात्कार भी लेते रहे. आलम यह था कि कार्यक्रम समाप्त हो चुका था किंतु श्रोताओं व मित्र बंधुओं का आना नही रुक रहा था.


परिणाम यह निकला कि आज दिनांक ०८.०२.२०१६ को इस शहर के प्रतिष्ठित दस अखबारों ने अपने साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कालम में ससम्मान समुचित स्थान से इस पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम को अमरता प्रदान की. जिनका संक्षिप्त समाचार प्रतिवेदन अग्रलिखित है:--


१. नवभारत टाईम्स समाचार पत्र ने पृष्ठ-७ पर लिखा कि सत्यम का काव्य-संग्रह छंद माला के काव्य-सौष्ठव का विमोचन में उ० प्र० हिंदी संस्थान के पूर्व निदेशक श्री विनोद चंद्र पाण्डेय 'विनोद' ने किया तथा विशिष्ठ अतिथि श्री अशोक कुमार पाण्डेय 'अशोक' एवं साहित्य भूषण रंगनाथ मिश्र मौजूद थे.


२. दैनिक जागरण समाचार पत्र ने पृष्ठ १० पर लिखा कि काव्य-सौष्ठव का लोकार्पण हुआ. छंद माला के काव्य-सौष्ठव के रिव्यू पर डा० अशोक अज्ञानी ने कहा कि यह पुस्तक आयुर्वेदिक औषधियों, मद्य निषेध और सामाजिक विद्रूपताओं को रेखांकित करता है.


३. अमर उजाला समाचार पत्र ने अपने माई सिटी के पृष्ठ ४ पर पुस्तक लोकार्पण की फोटों सहित लिखा कि छंद माला के काव्य-सौष्ठव का विमोचन हुआ जिसमें कवि वाहिद अली 'वाहिद' व आदित्य चतुर्वेदी समेत तमाम रचनाकार उपस्थित रहे.


४. कैनविज टाईम्स समाचार पत्र ने पृष्ठ ४ पर बड़ी फोटो सहित छापा कि 'सत्यम' की कविताओं से छंदों का उल्लेख अद्वितीय: रंगनाथ, आगे लिखा कि साहित्य भूषण डा० रंगनाथ मिश्र 'सत्य' जी ने कहा कि कवि सत्यम ने जिन-जिन छंदों का उल्लेख अपनी कविताओं के माध्यम से विस्तारित किया है, प्रथम दृष्टया वह अद्वितीय ही कहा जायेगा. इस लक्षण ग्रंथ को पढ़कर पाठकगण स्वयं को गौरवांवित समझेंगे.


५. पत्रकार सत्ता समाचार पत्र ने पृष्ठ 5 पर बड़ी फोटो सहित लिखा कि काव्य-संग्रह 'छंद माला के काव्य-सौष्ठव' का लोकार्पण शीर्षक में कहा कि चाहे प्रिंटिंग दोष हो या लेखन, आज हमें भाषा पर गम्भीरता से सोचना होगा...अशोक अज्ञानी.

६. लोकमत लखनऊ समाचार पत्र ने पृष्ठ ३ पर लिखा कि केवल प्रसाद सत्यम का प्रथम काव्य-संग्रह ' छंद माला के काव्य-सौष्ठव' का लोकार्पण के माध्यम से लिखा के रामदेव लाल 'विभोर' ने अपने व्याख्यान में कहा कि रीति-नीति व प्रीति से पगी कृति की कथ्य सामाग्री विसंगतियों व युगबोध को उजागर करती हुई आज के संदर्भ में पर्यावरण व प्रदूषण आदि पर भी बहुत कुछ कहती है.


७. राष्ट्रीय स्वरूप समाचार पत्र ने पृष्ठ ४ पर लिखा कि छंद माला के काव्य-सौष्ठव का लोकार्पण समारोह सम्पन्न शीर्षक से सचित्र लिखा कि अशोक कुमार पाण्डेय 'अशोक' ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रस्तुत काव्य संग्रह का उद्देश्य मात्र गणों, वर्णों एवं मात्राओं तक ही सीमित नही रहा बल्कि काव्य-रसिकों को काव्यानंद में निमग्न करने का भी रहा है. यह एक जनजीवन से जुड़ी काव्यकृति है. भाव एवं कला पक्ष से परिपुष्ट इस कृति का सर्वत्र स्वागत होगा.


८. हाईटेक न्यूज समाचार पत्र ने पृष्ठ २ पर लिखा सत्यम की कविताओं से छंदों का उल्लेख अद्वितीय: रंगनाथ, शीर्षक से कहा कि अली 'वाहिद' ने अपने वक्तव्य में पुस्तक के विभिन्न पहलुओं पर समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि यह पुस्तक काव्य विधानों के अनुरूप सही समय पर आयी है और इसमें समसामयिक विषयों को सद्भावनाओं के साथ अंगीकार किया गया है जो समाज की चेतना को जागृत करने में सहायक है.


९. रोज़ की खबर समाचार पत्र ने पृष्ठ ५ पर सत्यम की कविताओं से छंदों का उल्लेख अद्वितीय: रंगनाथ, शीर्षक से कहा कि लक्ष्य संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में छंद माला के काव्य-सौष्ठव का लोकार्पण समारोह के बतौर मुख्य अतिथि रामदेव लाल विभोर ने कहा कि आज के व्यस्ततम जीवन में सहृदय पाठकों को क्षण भर में वह सारे रसास्वादनों का अनुभव करा देतें हैं जो एक खण्डप्रबंध काव्य या अन्य लम्बी-लम्बी रचनाओं में महिमामण्डित रहता है.


१०. चेतना विचारधारा समाचार पत्र के लखनऊ सिटी के पृष्ठ ३ पर लिखा सत्यम की कविताओं से छंदों का उल्लेख अद्वितीय: रंगनाथ, शीर्षक से कहा कि अपने अध्यक्षीय भाषण में विनोद चंद्र पाण्डेय विनोद ने कहा कि छंद माला के काव्य-सौष्ठव पुस्तक के अंत में सभी उदाहरण सहित लक्षण भी प्रस्तुत कर दिये हैं, जिससे इस पुस्तक की उपयोगिता अधिक बढ़ गयी है. लोकार्पण कार्यक्रम में मधुकर अष्ठाना, प्रो० नेत्र पाल सिंह, डा० कैलाश निगम, नलिन रंजन सिंह, रामराज भारती, बेअदब लखनवी आदि साहित्यकार मौजूद रहे.


कार्यक्रम के अंत में संस्था के संस्थापक अध्यक्ष श्री आर्० के० सरोज जी ने मंचासीन अथितियों एवं उपस्थित आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन एवं आभार ज्ञापित किया. उपरोक्त से स्पष्ट होता है कि कवि केवल प्रसाद 'सत्यम' की प्रथम काव्यकृति ' छंद माला के काव्य-सौष्ठव' का लोकार्पण कार्यक्रम इस व्यस्ततम राजधानी में किस हद तक सफल रहा. मुझे अपेक्षा से अधिक सराहना व उत्साहवर्धन मिलने से अत्यधिक हर्ष का अनुभव हो रहा है. इस अवसर पर मै एक बार फिर समस्त माननीय अथितियों एवं मित्र मण्डली व आगंतुकों का सहृदय आभार ज्ञापित करता हूं.
शुभ...शुभ...

आपका साथी,
केवल प्रसाद 'सत्यम'
रचनाकार

Views: 2144

Reply to This

Replies to This Discussion

आ० लक्ष्मण भाई जी, आप लोगों के बीच रहकर ही यह उपलब्धि प्राप्त हो सकी है, जिसके आप सभी बराबर के हकदार हैं.  आपका स्नेह यूं ही बना रहे. आपका हार्दिक आभार. सादर

आ० भाई  केवल जी, आपको इस विशिष्ट उपलब्धि हेतु हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएँ।प्रभु से  प्रार्थना है की आप आने वाले समय में ज्ञानाकाश में ध्रुवतारे से चमकें। मान शारदे की आप पर कृपा बनी रहे।  सादर 

आ० सरना भाई जी, सादर प्रणाम!  आपके इस स्नेह और उदारता पूर्ण अनुमोदन ने साहित्य को असीम ऊंचाईयां ही दी हैं.  इस सफलता में मैं आप लोगों का प्यार और सहकार पाता हूं.    जिसके लिये आप सभी बराबर के हकदार हैं.  आपका स्नेह यूं ही बना रहे. आपका हार्दिक आभार. सादर

इस अनुपम उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवम् इस पथ पर निरन्तर बढ़ते रहनेके लिए असीम शुभ कामनाएं आदरणीय केवल प्रसाद जी!

आ० सतविन्द्र भाई जी,   सादर प्रणाम!   आप लोगों की सस्तुति एवं उत्साहवर्धन से मैं सफलता, प्यार और सहकार पाता हूं.    जिसके लिये आप सभी बराबर के हकदार हैं.  आपका स्नेह यूं ही बना रहे. आपका हार्दिक आभार. सादर

 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
Sunday
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
Sunday
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service