For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अन्ना हजारे जी हम आपके साथ हैं ,

दोस्तों, अन्ना हजारे जी ने भ्रष्टाचार को खत्म करने का जो बीड़ा उठाया हैं, मैं उसका समर्थन करते हुए OBO के द्वारा पूरे देश की जनता को आवाह्न करता हूँ की आप भी अन्ना साहब के कदम से कदम मिलकर चले और अपने बहुमूल्य बिचार यहाँ रखे !

Views: 1810

Reply to This

Replies to This Discussion

 वाह रे गाँधी बादी तुने कर दिया कमाल ,
लगता हैं अब देश से ख़तम होगी भ्रष्टाचार ,
ख़तम होगी भ्रष्टाचार भागेंगे गोरो के छोडे ,
नेताओ के भेस में लुट रहे देश के माल ,
जनता जागरूक हो रही बंद होगा कदाचार ,
वाह रे गाँधी बादी तुने कर दिया कमाल ,
अन्ना हजारे के समर्थन में, और बढ़ते हुए भ्रष्टाचार के विरोध में स्वर उठाना हरेक भारतीय का कर्तव्य है !

pura desh anna sahab ke saath hai...halla bol........jai ho jai hind

 

अन्ना साहिब के द्वारा चलाए जा रहे जनांदोलन मे मैं वैचारिक रूप से साथ मे हूँ |
मैं बनारस में इससे जुड़े आयोजनों में जुडा हूँ अव्यवस्था के रोग से हम सब पीड़ित हैं इसे अब स्वर और शक्ति मिली है | अन्ना जी के जज्बे को नमन है |

यह सोचना की जनलोकपाल विधेयक के  बनाने से भारत से भ्रष्टाचार जड़ से समाप्त हो जाएगा, गलत होगा 

परन्तु यह बात बिलकुल सही है की इसे एक शुरुआत के रूप में ले कर यदि जनता जुट जाए तो एक दिन यह हो कर रहेगा 

 

इस दिशा में अन्ना हजारे साहब का पहला कदम उठाना ही सबसे बड़ी चुनौती थी अब कारवां को मंजिल तक पहुचाने का कार्य करने को हम (जनता) यदि चुनौती पूर्ण मानते हुए अंत तक लड़ाई लड़े तो निश्चित ही हमें सफलता मिलेगी 

 

जय भारत 

anna sahab ki bat sarkar man li hain aur ye jeet janta ki jeet hain ,

bande mai hai dum hum bhi khade hain sang

 

aai aapki jarurat hain hindustan ko

वो एक गाँधी थे, ये हैं अन्ना हाजारे ,

वो सबके प्यारा थे, ये हैं सबके प्यारे ,
उन्होंने भगाए गोरे जो लुट्टे हिंद हमारे ,
वो एक गाँधी थे, ये हैं अन्ना हाजारे ,

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service