For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

१२२२ १२२२ १२२२ १२२२

फलनवा बन गइल मुखिया रङाइल गोड़ माथा ले     [फलनवा - कोई ; रङाइल - रंगा हुआ ; गोड़ - पैर
बनल खेला बिगाड़े के.. चिलनवा ठाढ़ लाठा ले        [चिलनवा - कोई, (संदर्भ-फलाना-चिलाना) ; ठाढ़ - खड़ा ; लाठा - बड़ी लाठी

 

बड़ा अउलाह झामा-झम भइल बरखा सनूखी में       [अउलाह - अधिक ; सनूखी - सन्दुक
दलानी से चुल्हानी ले अशरफी लूटु छाता ले !          [दलानी - दालान, चुल्हानी - रसोईघर

 

सियासत के बगइचा में तनी मवका भेंटाए तऽ        [बगइचा - बाग़ीचा ;
जे बकरी पात पऽ निखुराह.. ऊहे गाँछ ले खाले       [निखुराह - आनाकानी करने वाला ; गाँछ - पेड़
 
भले कतनो पड़ऽ गोड़े निहुरि करि दऽ कमानी देहि   [निहुरि - झुक कर ; देहि - देह
नजर में तूँ अगर नइखऽ गुनाहे बा रहल पाले         [नइखऽ - नहीं हो ; गुनाहे बा - ग़ुनाह ही है
 
फजीरे रोज ऊ आसा-भरोसा में निकल जाला          [फ़जीरे - सुबह
किरिन डूबत पलट जाला पिराते देहि-माथा ले        [किरिन डूबत - साँझ होते ; पिराते - बुरी तरह पीड़ा में
 
चलन आखिर भला काहें रहल संसार के, कहियो -    [काहें - क्यों ; रहल - रहा है/रही है ; कहियो - कभी
बथाने नेह पोसल गाय पगहा तूरि चल जाले         [बथाने - गाय आदि का स्थान ; पोसल - पाली हुई ; पगहा - डोर ;
 
बुझा जाला तुरंते भाव ’सौरभ’ बाप के का हऽ         [बुझा जाला - मालूम हो जाता है
जबे बेटी फुदुकते आ.. सटावे गाल से गाले            [फुदुकते - उछलती-किलकती ; सटावे - सटाती है ; गाले - गाल को
*******************
-सौरभ

Views: 929

Replies to This Discussion

बेहद उम्दा ...बहुत बहुत बधाई आप को आदरणीय | सादर 

इस प्रस्तुति को अपना अनुमोदन देने केलिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय श्याम नारायण जी

बुझा जाला तुरंते भाव.......जैसे बेटी फुदकते आ सटावे गाल से गाले। बहुत सुन्दर ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदाब, आदरणीय,  ' नूर ' मैंने आपके निर्देश का संज्ञान ले लिया है! "
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"बहुत बहुत आभार आ. सौरभ सर ..आप से हमेशा दाद उन्हीं शेरोन को मिलती है जिन पर मुझे दाद की अपेक्षा…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद और कामयाब अश'आर पर…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. शिज्जू भाई "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,आपको धुआ स्वीकार नहीं हैं तो यह आपका मसअला है. मैंने धुआँ क़ाफ़िया  प्रयोग में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल के फीचर किए जाने की हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह, आदरणीय हरिओम जी, वाह।  आप कुण्डलिया छंद के निष्णात हैं। आपके सहभागिता के लिए हार्दिक…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  आपकी छंद रचना और सहभागिता के लिए धन्यवाद।  योगी जन सब योग को,…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"छंदों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रदत्त चित्र को छंद-छंद परिभाषित किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  छंदों की प्रशंसा और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार योग के लाभ बताते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service