आदरणीय लघुकथा प्रेमियो,
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लघु कथा को अनुमोदित कर अपने सार्थक विचारों को रखने लिए दिल से आभार आ० कांता जी सच में सरोगेसी हमारे संस्कारित देश में एक बदनुमा दाग़ की तरह सेंध लगाकर आ गई है दलाल लोग सारा पैसा गटक जाते हैं स्त्री को क्या मिलता है ..मुट्ठी भर पैसे ,चारित्रिक पतन का दाग़ बस और कुछ नहीं |इसके खिलाफ आवाज उठाना नारियों को जागृत करना इस मर्म पर जितना लिखा जाए लिखना चाहिए आपका दिल से बहुत- बहुत आभार|
आ० ओमप्रकाश जी ,आपको लघु कथा पसंद आई इसका मर्म बेहतर लगा मेरा लिखना सार्थक हो गया आपके सुझाव पर अमल करूंगी संकलन आने पर ही कुछ कर पाऊँगी |
हार्दिक बधाई आदरणीय राजेश कुमारी जी!हृदय स्पर्शी और मार्मिक प्रस्तुति! इस गोष्ठी में इस लघुकथा ने मुझे चेतना शून्य कर दिया!वाह, क़माल का लेखन शिल्प!
आ० तेजवीर सिंह जी आपकी प्रतिक्रिया ने अभिभूत किया इस होंसलाफ्जाई का तहे दिल से शुक्रिया मेरा लिखना सार्थक हुआ |
आ० नीता कसार जी ,आपको लघु कथा पसंद आई आपका तहे दिल से बहुत- बहुत शुक्रिया |
बहुत बहुत आभार प्रिय बबीता जी
आदरणीया राजेश दीदी, शानदार लघुकथा. लघुकथा में इतनी सारी 'कथा' है कि बस पाठक को बाँध लेती है. लाज़वाब. फ्लेश बैक तकनीक का शानदार प्रयोग. इस सफल लघुकथा पर हार्दिक बधाई दीदी. सादर
प्यार, विश्वास और धोखा ....इसी के इर्द गिर्द बुनी हुई यह कथा अच्छी हुई है किन्तु इस तरह की बहुत सी कहानियाँ टी वी सीरियलों में हम सब देख चुकें हैं, बधाई इस प्रस्तुति पर.
धुली हुई कमीज़ – ( लघुकथा )
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"सुनिये राजीव जी”
राजीव ने मुड कर देखा, क्लास की सबसे खूबसूरत लडकी मृदुला उसे आवाज़ दे रही थी! वह गॉव का सीधा सादा किसान का बेटा! किसी भी स्तर पर मृदुला की समानता नहीं कर सकता था!
घबराते हुए बोला,"जी कहिये"!
"मुझे आपकी मदद चाहिये"!
राजीव पुनः असमंजस में कि वह तो पढाई में भी औसत है , यह खुद प्रथम श्रेणी की छात्रा है, रुपये पैसे के मामले में भी, वह कहीं नहीं टिकता, फ़िर इसे कैसी मदद की जरूरत पड गई!
उसने संकोच करते हुए पूछा," क्या मुझ जैसा अदना व्यक्ति भी किसी के काम आ सकता है "!
"मुझे आपकी शर्ट चाहिये, कॉलेज के वार्षिक रंगारंग कार्य क्रम में हम लडकियां एक नाटक कर रहे हैं,मुझे लडके का रोल मिला है "!
"ओह, जी अवश्य"!
इतना कह कर राजीव हॉस्टल आगया! अब एक नयी परेशानी थी कि कौन सी शर्ट दे! उसके पास तो कोई ढंग की शर्ट थी भी नहीं थी! अचानक उसकी नज़र रूम मेट की मेज पर पडी नयी शर्ट के पैकिट पर गयी! राजीव ने बिना कुछ सोचे समझे वह शर्ट मृदुला को दे दी!
रूम मेट उस शर्ट को खोजता रहा! उसे एक शादी में जाना था ! राजीव से भी पूछा! राजीव ने अनभिज्ञता जताई !
कार्य क्रम के बाद मृदुला ने वह शर्ट धुलवा कर राजीव को लौटा दी!
रूम मेट ने खोई हुई शर्ट टेबल पर देखी तो बडा खुश हुआ!मगर उसकी समझ में नहीं आरहा था कि नयी शर्ट बिना इस्तैमाल किए किसी ने धो क्यों दी !
उसी शाम रूम मेट ने कालेज के सूचना पट पर कालेज के वार्षिक रंगारंग कार्य क्रम की तस्वीरें देखी तो वह मुस्करा कर रह गया!
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