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विश्‍व भोजपुरी सम्‍मेलन में भोजपुरी के सम्‍मान की मांग तेज

                   देवभूमि ऋषिकेश में दिनांक 23-24 अप्रैल को आयोजित विश्‍व भोजपुरी सम्‍मेलन के दसवें राष्‍ट्रीय अधिवेशन के दौरान भोजपुरी भाषा, संस्‍कृति व कला को सम्‍मान दिए जाने की जोरदार मांग की गई । दिनांक 24 अप्रैल को समापन समारोह के अवसर पर मुख्‍य अतिथि के रूप में आमंत्रित उत्‍तर प्रदेश एवं उत्‍तराखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री श्री नारायण दत्‍त तिवारी ने भोजपुरी भाषा, कला संस्‍कृति, साहित्‍य और संगीत की सराहना करते हुए कहा कि भोजपुरी एक तेजस्‍वी और मधुर भाषा होने के साथ-साथ स्‍वतंत्रता संग्राम की भी भाषा है । उन्‍होंने कहा कि स्‍वतंत्रता आदोलन के दौरान जेल में बंद स्‍वतत्रता सेनानी, जिनमें वे खुद भी शामिल थे, प्राय: एक भोजपुरी क्रांति गीत गाया करते थे जिसके बोल थे "राजा तोरी राजशहिया मिटाए देबो न, साहब तोरी साहबजदिया मिटाए देबो न"  उन्‍होंने कहा कि यह भोजपुरी भाषा की व्‍यापकता और प्रभाव का अप्रतिम उदाहरण है ।

कार्यक्रम के इस सत्र की अध्‍यक्षता करते हुए भोजपुरी समाज,दिल्‍ली के अध्‍यक्ष श्री अजीत दुबे ने पंद्रहवीं लोकसभा में ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍ताव के जरिए भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने का मुद्दा उठाने हेतु सर्वश्री जगदंबिका पाल, रघुवंश प्रसाद सिंह, संजय निरूपम आदि सांसदों को धन्‍यवाद करते हुए केन्‍द्र सरकार से यह मांग की कि नियम 193 के तहत इस मुद्दे को उठाया जाए एवं इसे पास कराया जाए। साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि 1991 के बाद से भोजपुरी लोक गायकों को पदम पुरस्‍कार प्राप्‍त नहीं हुए हैं । सरकार को इस ओर ध्‍यान देते हुए प्रसिद्ध भोजपुरी लोक गायकों यथा मनोज तिवारी, भरत शर्मा व्‍यास एवं मालिनी अवस्‍थी आदि जैसे कलाकारों को पदम पुरस्‍कारों से नवाजा जाना चाहिए ।

                       विश्‍व भोजपुरी सम्‍मेलन के राष्‍ट्रीय  महासचिव श्री अरूणेश नीरन ने विश्‍व भोजपुरी सम्‍मेलन द्वारा भोजपुरी के विकास और उत्‍थान के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि सम्‍मेलन का उदे्दश्‍य भोजपुरी भाषा, साहित्‍य और संस्‍‍कृति के प्रसार-प्रचार के साथ-साथ इस क्षेत्र की प्रतिभाओं को आदर और सम्‍मान देते हुए उन्‍हें अनुकूल मंच प्रदान करना भी है । इसी क्रम में उन्‍होंने संस्‍था द्वारा साहित्यिक क्षेत्र की विशिष्‍ट हस्तियों को दिए जाने वाले सेतु सम्‍मान एवं लोक संगीत के क्षेत्र में दिए जाने वाले भिखारी ठाकुर सम्‍मान के बारे में भी विस्‍तृत जानकारी प्रदान की । 

                     इस सम्‍मेलन का उदघाटन 23 अप्रैल को वरिष्‍ठ भा0ज0पा नेता श्री कलराज मिश्र द्वारा किया गया । इस अवसर पर देश -विदेश से आए तमाम भोजपुरिया लोगों के साथ-साथ स्‍थानीय लोग भी भारी संख्‍या में उपस्थित थे । श्री कलराज मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि भोजपुरी केवल भाषा ही नहीं वरन एक संस्‍कृति है, यह रहन-सहन की एक पद्धति है । भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने के संबंध में उन्‍होने कहा कि इसके लिए प्रयास जारी हैं और आने वाले संसद सत्र में इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान भोजपुरी साहित्‍यकार एवं कवि श्री हरिराम द्विवेदी को सेतु सम्‍मान और प्रख्‍यात भोजपुरी गायिका श्रीमती मालिनी अवस्‍थी को भिखारी ठाकुर सम्‍मान से सम्‍मानित किया गया । इस दो दिवसीय सम्‍मेलन के दौरान अनेक विषयों पर संगाष्ठियां, कवि सम्‍मेलन,पुस्‍तकों के विमोचन आदि के कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस सम्‍पूर्ण आयोजन में विश्‍व भोजपुरी सम्‍मेलन के अंतरराष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष श्री सतीश त्रिपाठी सहित सभी प्रांतीय अध्‍यक्ष एवं अन्‍य पदाधिकारी जैसे सरिता बुधु, डा0 बी0एन0 तिवारी, डॉ अशोक सिंह, श्री अनिल ओझा नीरद, मनोज भावुक, कुलदीप श्रीवास्‍तव, मनोज श्रीवास्‍तव, कमल नारायण मिश्रा एवं श्री बी0एन0यादव आदि उपस्थित रहे।

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Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 26, 2011 at 8:52am
विश्‍व भोजपुरी सम्‍मेलन के दसवें राष्‍ट्रीय अधिवेशन के सफल आयोजन हेतु आयोजकों को बहुत बहुत बधाई |

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