For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चार मित्रों, चार चेलों से मिली क्या वाह वाह (मज़ाहिया ग़ज़ल)

बह्र : २१२२ २१२२ २१२२ २१२

 

चार मित्रों, चार चेलों से मिली क्या वाह वाह

मैं समझने लग गया ख़ुद को ग़ज़ल का बादशाह

 

एक चेले की जुबाँ दी काट मैंने इसलिए

बात मेरी काटने का कर दिया उसने गुनाह

 

बात क्या है, क्यूँ है, कैसे है मुझे मतलब नहीं

मंच पर पहुँचूँ तो फिर मैं बोलता धाराप्रवाह

 

अब सिवा मेरे न इसको प्यार कर सकता कोई

हो गया है शाइरी का आजकल मुझसे निकाह

 

चार छः चमचे मिले, माइक मिला, माला मिली

और अब क्या चाहिए पूरी हुई हर एक चाह

 ------------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 508

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on September 1, 2015 at 10:18pm

मजेदार आदरणीय धर्मेन्द्र कुमार जी!

Comment by Samar kabeer on August 29, 2015 at 11:37pm
जनाब धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी,आदाब,सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।
Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on August 28, 2015 at 5:31pm

आदरणीय सौरभ जी, उपस्थिति एवं मार्गदर्शन के लिए आभारी हूँ। अब जो है सो तो हइये है :) मगर भविष्य में एक मजाहिया ग़ज़ल, सात अश’आर वाली अवश्य पेश की जाएगी। :)


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 28, 2015 at 3:00pm

काश शेर थोड़ा और रंगीन हुए होते.  पाँच में पाँच रंगों की अपेक्षा थी. और दो और शेरों की आशा. :-))

लेकिन जो है सो वो हइये है..   (आजकल आप ऐसे ही ’बतकूचनों’ के प्रभाव में हैं..  हा हा हा..)

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on August 28, 2015 at 1:36pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय मिथिलेश जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 28, 2015 at 1:49am

आदरणीय बड़े भाई धर्मेन्द्र जी, बहुत बढ़िया मजाहिया ग़ज़ल हुई है. शेर दर शेर दाद हाज़िर है. 

इन दिनों मैं भी मजाहिया ग़ज़ल पर प्रयासरत हूँ. सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
3 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
5 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service