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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
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भाई गणेश बागी जी जन्मदिवस की हार्दिक बधाई, भगवान आपकी आपके परिवार की हर मनोकामना पूरी करे।
(नोट: मुझे ख़ुशी है कि अब आप भी वोट दे पाएंगे।)

माने, गनेसी चचा हर साल नये ढंग से बालिग होते रहें..

:-))

आदरणीय सौरभ भईया, इ बालिग़ वाली बात का जवाब पेंडिंग है अबही :-)

लाहौलबिलाकुव्वत .. . बालिग़ भी होना है त पेण्डिंग में ?!!

आहियाऽऽह...

लीजिये कलकात्ता के रसगुल्ला खाइये..  बड़ी अरमान से ’ली’ आये हैं ..  आधा-आधी बालिग़ के आउरी का दियाए ?

आय हाय हाय, बिना रस गारे, दबोच लिहला के काम बा, जय हो !!

आदरणीय गुरुदेव योगराज प्रभाकर जी, आपका आशीर्वाद सदैव मिलता रहे यही ईश्वर से प्रार्थना है, बहुत बहुत आभार.

(नोट : इ वोट देवे वाला बतिया ना बुझाईल महाराज)

18 के हो गये हो न हुजूर - तो वोट देने योग्य हो गए कि न ? :)))

जय हो, जाय दो, बाबा तो ऐसे ही बोलते रहते हैं :-)))))))

ई है बबा के असीस.. चचा के नाँव (नाम) .. ;-))))

:-)))))

अनन्य अनुज गणेशजी बाग़ी को जन्मदिवस की अनेकानेक शुभकामनाएँ.. साहित्य-संवर्द्धन की उद्दात भावना सदा मूर्त रूप लेती रहे.. रचनाधर्मिता सर्वसमाही हो..
शुभेच्छाएँ

बबुआ के मिठाई

आय हाय हाय !! जबेली :-))))))))

आदरणीय सौरभ भईया आपका प्रेम और आशीर्वाद सदैव प्राप्त होता रहे, बहुत बहुत आभार.

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