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"OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-९ ( Now Closed )

परम आत्मीय स्वजन !

पिछले "महा उत्सव" ने ओ बी ओ को पूरी तरह से होलीमय कर दिया है, जम कर आनंद लुटाई हुई और जम कर दोहा लिखाई हुई, रंग अबीर गुलाल के साथ भंग और पव्वा भी खूब चला..इसी आनंद के वशीभूत होकर इस बार का तरही मिसरा भी दिया जा रहा है|

इस बार का तरही मिसरा तंजो-मिजहा के जाने माने शायर जनाब हुल्लड मुरादाबादी जी की गज़ल से लिया गया है |

रोज पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा

2122 2122 2122 212

फाइलातुन फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन

बह्र वही हम सबकी जानी पहचानी -बहरे रमल मुसमन महजूफ

रदीफ : हो जायेगा

काफिया : आ की मात्रा

अब पव्वा पी पी के लिखिए और चाहे जैसे लिखिए पर अपनी गज़ल तय शुदा समय (१५ मार्च से १७ मार्च) तक जरूर तैयार कर लीजिए |
गज़ल मजाहिया होनी चाहिए और अगर होली से रिलेटेड हो तो और अभी अच्छा है | साथ ही यह भी ध्यान देना है कि तरही मिसरा ग़ज़ल में कहीं ना कहीं ज़रूर आये तथा दिये गये काफिया और रदिफ़ का पालन अवश्य हो | ग़ज़ल में शेरों की संख्या भी इतनी ही रखें की ग़ज़ल बोझिल ना होने पाए अर्थात जो शेर कहें दमदार कहे |

मुशायरे की शुरुआत दिनाकं १५मार्च दिन मंगलवार के लगते ही हो जाएगी और दिनांक १७ मार्च दिन वृहस्पतिवार के समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा |

नोट :- यदि आप ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सदस्य है और किसी कारण वश "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-९ के दौरान अपनी ग़ज़ल पोस्ट करने मे असमर्थ है तो आप अपनी ग़ज़ल एडमिन ओपन बुक्स ऑनलाइन को उनके इ- मेल admin@openbooksonline.com पर १५ मार्च से पहले भी भेज सकते है, योग्य ग़ज़ल को आपके नाम से ही "OBO लाइव तरही मुशायरा" प्रारंभ होने पर पोस्ट कर दिया जायेगा, ध्यान रखे यह सुविधा केवल OBO के सदस्यों हेतु ही है |

फिलहाल Reply बॉक्स बंद रहेगा, मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ किया जा सकता है |
"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ

मंच संचालक
राणा प्रताप सिंह
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Replies to This Discussion

योगी जी आप की तारीफ से मन बहुत प्रसन्न और प्रफुल्लित हुआ है ,
ख़ास कर एक एक पंक्ति पे दी हुए प्रतिक्रिया वाकई आपने रचना के भावार्थ को बिलकुल सही प्रस्तुत किया है
वैसे होली के हुडदंग की हार्दिक शुभकामनाएं ..........
waise aapki tanha samajhne waali nasihat ko yaad rakhunga.

वर्मा साहिब, अच्छी ग़ज़ल कही है , बिलकुल सभी शे'र होली के रंग में सराबोर लगते है | 

 

अपनी ऐसी हालत देखकर लाला बोले भौजाई से
घर के बाहर मत जाना कोई हादसा हो जायेगा ll
हुडदंगियों के बीच तू ना शीला बनने की सोंच
बस दूर से देख ले सबका भला हो जायेगा  ll 
क्या बात है , आखिर शीला यहाँ भी आ ही गई, बहुत बहुत बधाई इस प्रस्तुति पर |
बागी जी तारीफ के लिए शुक्रिया........
होली की अग्रिम बधाई स्वीकार करें 

अभी रंग लगवा लो भौजी वरना तब पछताओगी
मयकशी और रंग का जब दुगुना नशा हो जायेगा ll

अपनी ऐसी हालत देखकर लाला बोले भौजाई से
घर के बाहर मत जाना कोई हादसा हो जायेगा ll

भौजियों की सामत आ गए है,मगर उनका भी कम न समझो भई लपेट पलेट के पनियईहें तो बुद्धि हेराय जाई
बहुत खूब लिखा है कमल वर्मा जी बधाई.
वाह वाह गुरूजी, क्या गुरुओं वाले शे’र निकाले हैं, मजा आ गया। बहुत बहुत बधाई

अब आपने मुआफी मांग ही ली है......वरना कई लोग खफा हो गए थे .........पर हमने उन्हें मना लिया..*(मजाक कर रहा हूँ)

 

कमाल के खयालात है...एकदम बेवडे टाइप के ...होली का असर लगता है....

 

आपको होली की शुभकामनाएं|

योगराज जी ये प्रीतो तो कोई सच की लगती है .....
नशे वाली तो नहीं ......
आपको कैसे पता चला हरकीरत जी ?
हरेक की हरकत जानती है हरकीरत जी :-)))))  क्यू सही कहा ना ?
बड़ों की बातों में टांग नहीं अड़ाया करते बगावती - गन्दी बात !!!
हा हा हा हा ...क्या बात क्या बात....लेकिन एक बात बताये आप लोग सब मेरे पर क्यों लगे हुए हैं....कोई बात नहीं होली है भाई होली है....

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