For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नवगीत : जैसे कोई नन्हा बच्चा छूता है पानी

मेरी नज़रें तुमको छूतीं

जैसे कोई नन्हा बच्चा

छूता है पानी

 

रंग रूप से मुग्ध हुआ मन

सोच रहा है कितना अद्भुत

रेशम जैसा तन है

जो तुमको छूकर उड़ती हैं

कितना मादक उन प्रकाश की

बूँदों का यौवन है

 

रूप नदी में छप छप करते

चंचल मन को सूझ रही है

केवल शैतानी

 

पोथी पढ़कर सुख की दुख की

धीरे धीरे मन का बच्चा

ज्ञानी हो जाएगा

तन का आधे से भी ज्यादा

हिस्सा होता केवल पानी

तभी जान पाएगा

 

जीवन मरु में तुम्हें हमेशा

साथ रखेगा जब समझेगा

अपनी नादानी

-------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 690

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on December 8, 2014 at 8:37pm

बहुत बहुत धन्यवाद Maheshwari Kaneri जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on December 8, 2014 at 8:37pm

तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ कल्पना रामानी जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on December 8, 2014 at 8:36pm

बहुत बहुत शुक्रिया annapurna bajpai जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on December 8, 2014 at 8:36pm

बहुत बहुत धन्यवाद Saurabh Mishra जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on December 8, 2014 at 8:36pm

बहुत बहुत धन्यवाद Chhaya Shukla जी

Comment by Maheshwari Kaneri on September 2, 2014 at 5:52pm

सुंदर गीत के लिए आपको हार्दिक बधाई

Comment by कल्पना रामानी on August 24, 2014 at 10:50pm

सुंदर गीत के लिए आपको हार्दिक बधाई

Comment by annapurna bajpai on August 14, 2014 at 11:50pm

सुंदर नवगीत , बधाई आपको 

Comment by Saurabh Mishra on August 12, 2014 at 3:35pm

Uttam

Comment by Chhaya Shukla on August 12, 2014 at 11:20am

बेहतरीन नवगीत के लिए हार्दिक बधाई धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"इस ग़ज़ल पर अच्छी चर्चा हुई है,उसे पढ़े बग़ैर आप ग़ज़ल की तारीफ़ कर रहे हैं? ये ओबीओ की परिपाटी नहीं है ।"
12 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"क्या आप भी ओबीओ की परिपाटी भूल गए,और बिना ग़ज़ल पर हुई चर्चा पढ़े बग़ैर टिप्पणी करदी?"
14 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जनाब आज़ी तमाम जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, लेकिन ग़ज़ल अभी समय चाहती है, गुणीजन के…"
17 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
22 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी आ सुधार किया गया है ग़ौर कीजियेगा हर शख़्स को मिली हैं यहाँ अपनी इक नज़र "क्यों देखें…"
30 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"बहुत बहुत शुक्रिया आ हौसला अफ़ज़ाई का"
36 minutes ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, तरही मिसरे पर मज़ाहिया ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें…"
55 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय आज़ी जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। चर्चा भी अच्छी हुई। "
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय मिथिलेश जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय दयाराम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय चेतन जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service