For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहा -चुनाव (प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा)

नारी नेता जीव दो, लीला अपरम्पार
नेता देश उजाड़ते, रचती घर को नार

नेता हमको चाहिए, बूझे जन की बात
सूरज बन चमका करे, दिन हो या फिर रात

वोट जरूरी है बहुत, देना सोच विचार
निर्भय हो मत डालना, जन्म-सिद्ध अधिकार

धर्म-कर्म के नाम पर, मत डालो तुम वोट
गरल बहुत हम पी चुके, रहे न कोई खोट

सात बजे से शुरू हो, छः पर होता अंत
कार्य करें सब समय से, रखते गुण यह संत

साथ-साथ हम सब चलें, पावन यह त्यौहार
योग्य व्यक्ति को ही चुनें, हो स्थिर नव-सरकार

लाइन लंबी देखकर, लौट न आना भ्रात
बहुत जरूरी दान ये, होगा नया प्रभात

प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
मौलिक / अप्रकाशित
२०.०४.२०१४

Views: 682

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 2, 2014 at 3:32pm

आदरणीय श्री सौरभ जी 

सादर 

फिर प्रयास जारी, आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने हेतु . 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 2, 2014 at 1:47am

आपके दोहे कथ्य और शिल्प के पटल पर सटीक सधे हुए हैं, आदरणीय प्रदीपजी.

इस गहन अभ्यास के लिए दिल से शुभकामनाएँ और सादर बधाइयाँ.

सादर

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 1, 2014 at 11:55am

आदरणीया प्राची जी 

सादर 

अब सीखने  की प्रक्रिया में आया हूँ. 

मार्ग प्रशस्त करते रहिये. 

तकनीकी जानकारी कहाँ मिलेगी ? सादर 

आभार 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 30, 2014 at 7:28pm

मतदान को प्रेरित करते सुन्दर सार्थक दोहे आ० प्रदीप कुशवाहा जी 

सात बजे से शुरू हो, छः पर होता अंत ................................हो शुरू ( विषम चरण का अंत १२ से होना चाहिए यहाँ २२ हो रहा है)
कार्य करें सब समय से, रखते गुण यह संत.........................वक्त से( यहाँ भी वाचन में स्वर भार अंत में २२ बन रहा है; इसलिए समय को वक़्त कर लेने पर १२ से विषम चरण का अंत प्रवाह को निर्बाध रखेगा)

साथक प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 23, 2014 at 2:31pm

स्नेही जीत जी 

सादर 

प्रोत्साहन हेतु आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 23, 2014 at 2:31pm

आदरणीय श्री सत्य नारायण जी 

सादर 

प्रोत्साहन हेतु आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 23, 2014 at 2:30pm

आदरणीय श्री भंडारी जी 

सादर 

प्रोत्साहन हेतु आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 23, 2014 at 2:29pm

आदरणीया कल्पना जी 

सादर 

प्रोत्साहन हेतु आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 23, 2014 at 2:28pm

सादर आभार 

आदरणीय श्री श्याम नारायण वर्मा जी 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 23, 2014 at 2:28pm

आदरणीय श्री ब्रजेश जी 

सादर 

आपकी प्रसन्नता ही मेरी सफलता की सीढी है. 

प्रोत्साहन हेतु आभार 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service