For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कलम (अन्नपूर्णा बाजपेई)

मूक नहीं है वो लिखते जाना ही उसकी जात है ,

तम की स्याही से वो लिखती नित्य नव प्रभात है ।  

 

उजियारा फैलाने को रोज नया सूरज वो लाती है ,

जो मूक हो जीते है उनकी जुबान वो बन जाती है ।  

 

पढ़ लिख कर सम्मान की अलख वो जगाती है ,

झूठे हो चाहे जितने पर सच्चाई की धार लगाती है ।

 

अज्ञानता के घोर तमस को समूल उखाड़ भगाती है,

होती जिसके हाथ कलम ज्ञान भंडार लगाती है॰ 

 

पैनी कितनी भी हो तलवारें पर भीत नहीं ये खाती है,

परचम  सच्चाई  का  नित्य  नया  लहराती  है।

 

टेकते  अँगूठों  को  मुड़ना  ये बतलाती  है,

अंगूठा टेको को अक्सर लिखना सिखलाती है ।

अप्रकाशित एवं मौलिक 

Views: 600

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 6, 2014 at 9:36pm

  बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति पर। हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर,

Comment by savitamishra on March 6, 2014 at 7:10pm

खुबसुरत व्याख्या

Comment by annapurna bajpai on March 6, 2014 at 3:42pm

आ0 सरिता जी , आ0 माहेश्वरी कनेरी जी , आ0 कल्पना जी , आ0 कुशवाहा जी एवं जितेंद्र जी आप सबका हार्दिक आभार । आपको रचना पसंद आई मेरा सौभाग्य । 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 5, 2014 at 11:49pm

कलम के महत्व को बहुत सुन्दरता से बयां करती रचना, बधाई आदरणीया अन्नपूर्णा जी

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 5, 2014 at 4:44pm

टेकते  अँगूठों  को  मुड़ना  ये बतलाती  है,

अंगूठा टेको को अक्सर लिखना सिखलाती है ।

बधाई आदरणीया जी सादर 

Comment by kalpna mishra bajpai on March 4, 2014 at 5:30pm

 bahut sundar anju di bahut bahut badhai ........

Comment by Maheshwari Kaneri on March 4, 2014 at 4:40pm

कलम के  की खुबसुरत व्याख्या  की आप ने..इस सुंदर प्रस्तुति पर सादर बधाई...

Comment by Sarita Bhatia on March 4, 2014 at 3:36pm

वाह कलम के गुणों की खुबसुरत व्याख्या की है आपने 

Comment by annapurna bajpai on March 4, 2014 at 1:39pm

आपका हार्दिक आभार आ0 मीना दी , आ0 श्याम नारायण जी । 

Comment by Shyam Narain Verma on March 4, 2014 at 11:06am
आपकी इस सुंदर प्रस्तुति पर सादर बधाई...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
48 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
4 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
8 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
9 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान की परिभाषा कर्म - केंद्रित हो, वही उचित है। आदरणीय उस्मानी जी, बेहतर लघुकथा के लिए बधाइयाँ…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया लघुकथा हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी दोनों सहकर्मी है।"
11 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service