For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माँ अभी तक काम से नहीं लौटी थी ।आठ साल कि बिरजू , दरवाजे पर बैठी, सामने आकाश में छूटती रंग- बिरंगी आतिशबाजी को मुग्ध भाव से देख रही थी । जिधर नज़र जाती दूर तक दीपों , मोमबत्तियों और बिजली की झालरों की कतारें दिखाई पड़ती थीं । अचानक बिरजू के दिमाग में एक विचार कौंधा। वह उठीं । अपने जमा किये पांच रुपये निकाले और दूकान से कुछ दीये खरीद लायी । झोपड़ी के कोने में बने चूल्हे के पास में रखी बोतल से सरसों का तेल निकाल कर उसने सारे दीयों में भर दिया । खाली बोतल वहीँ छोड़ कर उसने दियासलाई उठाई । तेल भरे दीयों को झोपड़ी की दीवार पर सजा कर, दियासलाई से एक- एक कर के जला दिया । दीयों की रौशनी से झोपड़ी जगमगा उठी । बिरजू मुग्ध सी अपनी झोपड़ी - अपने घर को निहारने लगी । इस समय न उसे आकाश में छूटती रंग- बिरंगी आतिशबाजी याद थी, न ही वह अपनी माँ का इंतज़ार कर रही थी । वह तो सिर्फ अपने घर को मंत्र मुग्ध सी देख रही थी -
" क्या यह इतना सुंदर घर मेरा है ?"

माँ ने दीपों से जगमगाती अपनी झोपड़ी को दूर से देख लिया था । वह तेज कदमो से झोपड़ी कि ओऱ बढ़ी । बिरजू माँ को देख कर ख़ुशी से उछलने लगी-
" देखो माँ !! अपना घर कितना सुंदर लग रहा है ।"
" ये दीये तू कहाँ से लाई ?"
" किसना कि दुकान से, माँ । "
" तेल कहाँ से मिला ?"
"माँ , जो शीशी में था न , चूल्हे के पास ......."
' तड़ाक ', एक जोरदार तमाचा बिरजू के गाल पर पड़ा ।
" कलमुँही , अब साग कैसे बनेगा ? " एक तमाचा और पड़ा बिरजू के गाल पर । माँ ने फूंक फूक कर सारे दीये बुझा दिए। ' करमजली , दीवाली मनाएगी ' दीयों का बचा - खुचा तेल फिर से बोतल में उलटते हुए माँ रो पड़ी । आकाश में रंग -बिरंगी आतिशबाजियां अब भी छूट रही हैं मगर बिरजू सुबकते - सुबकते सो चुकी है ।

मौलिक एवं अप्रकाशित
अरविन्द भटनागर'शेखर '

Views: 906

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil.Joshi on November 9, 2013 at 5:30am

बहुत ही मार्मिक लघु कथा है आ0 अरविंद जी.... लेकिन हक़ीकत बयान करती हुई.....बधाई हो...

Comment by ARVIND BHATNAGAR on November 8, 2013 at 9:37pm

dhanyawad , aadarniya Meena ji

Comment by Meena Pathak on November 8, 2013 at 7:45pm

बहुत मार्मिक लघुकथा | बधाई आप को 

Comment by ARVIND BHATNAGAR on November 8, 2013 at 8:53am

dhanyawad aadarniya Gopal Narain Ji

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 7, 2013 at 5:20pm

MARMSPARSHI.  CAREEBON KO SAPNE DEKHNE KA HAQ NAHEEN.   WEELL DERIVED.CONGRATS.

Comment by ARVIND BHATNAGAR on November 6, 2013 at 9:47pm

आदरणीय राम शिरोमणि पाठक  जी   ,बहुत बहुत धन्यवाद्  ...

Comment by ARVIND BHATNAGAR on November 6, 2013 at 9:45pm

परम  आदरणीय सौरभ पाण्डेय  जी   , आपकी सलाह और टिपण्णी मेरे लिए बहु मूल्य होती है , आगे से सुधारने की  कोशिश करूँगा , लघु कथा अच्छी लगी ,बहुत बहुत धन्यवाद्  ...

Comment by ARVIND BHATNAGAR on November 6, 2013 at 9:41pm

 आदरणीय अरुण कुमार निगम जी   ,बहुत बहुत धन्यवाद्  ...

Comment by ARVIND BHATNAGAR on November 6, 2013 at 9:40pm

 आदरणीय विजय निकोर जी  ,लघुकथा पर आपकी टिप्पणी से उत्साहवर्धन हुआ  ,बहुत बहुत धन्यवाद्  ...

Comment by ARVIND BHATNAGAR on November 6, 2013 at 9:34pm

 आदरणीय गिरिराज भाई ,लघुकथा आपको अच्छी लगी मेरा प्रयास सार्थक हुआ ,बहुत बहुत धन्यवाद्  ...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आयोजन की सफलता हेतु सभी को बधाई।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। वैसे यह टिप्पणी गलत जगह हो गई है। सादर"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार।"
7 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)

बह्र : 2122 2122 2122 212 देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिलेझूठ, नफ़रत, छल-कपट से जैसे गद्दारी…See More
8 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आपने अन्यथा आरोपित संवादों का सार्थक संज्ञान लिया, आदरणीय तिलकराज भाईजी, यह उचित है.   मैं ही…"
9 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी बहुत शुक्रिया आपका बहुत बेहतर इस्लाह"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर बागपतवी जी, आपने बहुत शानदार ग़ज़ल कही है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय जयहिंद जी, अपनी समझ अनुसार मिसरे कुछ यूं किए जा सकते हैं। दिल्लगी के मात्राभार पर शंका है।…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service