For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - इतनी आसाँ ज़िंदगी होगी नहीं !

(मात्रिक विन्यास -- २१२२ २१२२ २१२ )


इतनी आसाँ ज़िंदगी होगी नहीं
मुश्किलों से दोस्ती होगी नहीं |

दर्द से कागज़ पे करना रौशनी
हर किसी से शाइरी होगी नहीं |

रुक न पाया सिलसिला जो बाँध का
कल के दिन भागीरथी होगी नहीं |

इस तरह कुचला गया जो हर गुलाब
फिर किसी घर में कली होगी नहीं |

मुद्दतों के बाद याद आया कोई
मेरे घर अब तीरगी होगी नहीं |


- आशीष नैथानी 'सलिल'
(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 766

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on September 23, 2013 at 10:02am

तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय Saurabh Pandey जी !!!

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on September 23, 2013 at 10:01am

बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय vijay nikore जी !

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on September 23, 2013 at 10:01am

तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय Dr.Prachi Singh  जी !!!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 1, 2013 at 12:30am

एक अच्छी ग़ज़ल हुई है. बहुत बहुत बधाई स्वीकारें

शुभ-शुभ

Comment by vijay nikore on August 30, 2013 at 11:43am

सुन्दर गज़ल के लिए बधाई।

 

 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 27, 2013 at 9:10pm

इस तरह कुचला गया जो हर गुलाब 
फिर किसी घर में कली होगी नहीं |............वाह !

पूरी गज़ल सुन्दर हुई है , इस शेर नें जैसे रोक ही लिया. बहुत बहुत बधाई 

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on August 26, 2013 at 8:38pm

आपकी टिप्पणी पाकर दिल प्रसन्न हुआ भाई राम शिरोमणि जी....
बहुत बहुत शुक्रिया !!!

Comment by ram shiromani pathak on August 26, 2013 at 8:33pm

इस तरह कुचला गया जो हर गुलाब 
फिर किसी घर में कली होगी नहीं |

मुद्दतों के बाद याद आया कोई//
मेरे घर अब तीरगी होगी नहीं |वाह भाई ज़ोरदार

 बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें। सादर

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on August 26, 2013 at 8:20pm

जर्रा नवाजी के लिए तहेदिल से शुक्रिया भाई Kewal Prasad जी !!!

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on August 26, 2013 at 8:19pm

बहुत बहुत शुक्रिया Sonam Saini जी !!!

बहुत बहुत शुक्रिया विजय मिश्र जी !!!

बहुत बहुत शुक्रिया shubhra sharma जी !!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
5 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
5 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
8 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
8 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
8 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
8 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
8 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service