For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ब्रज की होली
---------------

भोला संग चली भवानी 

देखन ब्रज की होली 
नंदी थिरके सब गन थिरके 
देख राधा भोली 
देख राधा भोली भैया देख राधा भोली 
प्रेम से  सब कोई  खेलो 
 है ये ब्रज की होली 
भोला संग चली भवानी 
देखन ब्रज की होली 
संग बाराती जा पहुंचे 
यमुना तट पे भोला 
होली का हुडदंग मचा 
घोंट रहे भंग  गोला  
चहूँ  ओर लगी हाट सी 
पान लगावें तम्बोली 
पान लगायें तम्बोली भैया पान लगावें तम्बोली
प्रेम से  सब कोई  खेलो 
है ये ब्रज की होली 
भोला संग चली भवानी 
देखन ब्रज की होली 
रंग बिरंगी चुनरी ओढ़े 
नाच  रही थीं बाला 
भर पिचकारी कान्हा  मारें 
भीगी सबकी चोली 
भीगी सबकी चोली भैया भीगी सबकी चोली
प्रेम से  सब कोई  खेलो 
है ये ब्रज की होली 
भोला संग चली भवानी 
देखन ब्रज की होली
भवानी देख राधा मुस्कानी 
हर्षित भये मुनि गन ग्यानी 
बरसे पुष्प मनोहर वाणी 
शिवम शिवम्  वंशी बोली 
शिवम शिवम्  वंशी बोली भैया शिवम शिवम्  वंशी बोली 
प्रेम से  सब कोई  खेलो 
है ये ब्रज की होली 
भोला संग चली भवानी 
देखन ब्रज की होली
भर पिचकारी रंग डारें  ग्वाला 
झूम झूम नाचें ब्रज बाला 
पकड़ पकड़ कान्हा नचावें 
देख दशा यशोदा बोली 
देख दशा यशोदा बोली भैया देख दशा यशोदा बोली
प्रेम से  सब कोई  खेलो 
है ये ब्रज की होली  
भोला संग चली भवानी 
देखन ब्रज की होली
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा 
21-3-2013
मौलिक / अप्रकाशित 

Views: 441

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 12, 2013 at 6:14pm

आदरणीय लड़ी वाला जी 

सादर आभार असीम स्नेह हेतु. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 12, 2013 at 6:13pm

स्नेही पाठक जी 

आपके प्रोत्साहन देने पर आभार 

सादर 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 12, 2013 at 6:12pm

आदरणीय ब्रजेश जी 

सस्नेह 

प्रोत्साहन हेतु आभार 

सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 22, 2013 at 9:38pm

बृज की होली का आभास कराने के लिए बधाई श्री कुशवाहा जी 

Comment by ram shiromani pathak on March 22, 2013 at 2:36pm

होली के रंग से सराबोर करती इस रचना के लिए  बधाई स्वीकार करें आदरणीय!

Comment by बृजेश नीरज on March 21, 2013 at 11:45pm

होली के रंग से सराबोर करती इस रचना के लिए मेरा आभार व बधाई स्वीकार करें आदरणीय!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service