For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिस प्रकार एक स्वस्थ शरीर के लिए संतुलित एवं पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार एक स्वस्थ व्यक्तित्व के लिए सात्विक एवं आशावादी विचारों का होना अति आवश्यक है। विचारों में बहुत शक्ति होती है। सात्विक एवं प्रेरणादायी विचार एक ऐसे व्यक्तित्व को जन्म देते हैं जो किसी भी विषम परिस्तिथि का सामना कर सकता है। विचारों का प्रवेश हमारे मन में दो तरह से होता है

  • एक तो जो हम सुनते हैं
  • दूसरा जो हम पढ़ते हैं

हम जो भी विचार इन दो मार्गों से ग्रहण करते है वो हमारे मष्तिष्क से होते हुए हमारे अवचेतन मन में प्रवेश कर जाते हैं। यही विचार धीरे धीरे हमारे व्यक्तित्व का का हिस्सा बन जाते हैं। अतः यह अति आवश्यक है की हम विचारों के अधिग्रहण के प्रति सचेत रहें। जिस प्रकार दूषित भोजन शरीर के लिए हानिकारक हैं उसी प्रकार दूषित विचार हमारे व्यक्तित्व का नाश करते हैं।

हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं. [स्वामी विवेकानंद]


विचार एक बीज के सामान हमारे अंतर्मन में रहते हैं जो समय के साथ अंकुरित होते हैं। हम जैसे बीज बोयेंगे वैसा ही हमारा व्यक्तित्व होगा। अतः यह आवश्यक है कि हम केवल शुद्ध एवं सकारात्मक विचारों को ही अपने ह्रदय में स्थान दें। हम जैसा सोचेंगे हमारा व्यक्तित्व भी वैसा ही होगा।

सदैव सकारात्मक सोंच अपनाएं। सकारात्मक सोंच हमें आगे बढ़ने में सहायता करती है। इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति चाहें वह किसी भी परिस्तिथि में क्यों न हो बड़ी से बड़ी बाधा को पार कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति जीवन के प्रति निराशावादी दृष्टिकोण रखता है तो चाहे वह कितनी भी अच्छी स्तिथि में क्यों न हो कुछ नहीं कर सकता है।

याद रखें हम वही हैं जो हम अपने बारे में सोंचते हैं। यदि हम अपने विचार शुद्ध रखेंगे तथा आशावादी दृष्टिकोण अपनाएंगे तो हम अपने व्यक्तित्व में आत्मविश्वास का अनुभव करेंगे।

कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है. ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है.अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं.[ स्वामी विवेकानंद] 

विचारों के अधिग्रहण में ही नहीं वरन उनके सम्प्रेषण में भी सावधानी बरतनी चाहिए। जिस प्रकार हम दो तरीकों से कोई विचार ग्रहण करते हैं वैसे ही दो रास्तों से हम इन्हें संप्रेषित कर सकते हैं

  • संभाषण द्वारा
  • लेखन द्वारा

यह आवश्यक है की हम सकारात्मक एवं सात्विक विचारों को ही दूसरों तक पहुंचाएं। विचारों के माध्यम से एक व्यक्ति का कायाकल्प हो सकता है। व्यक्तियों के सुधार से सम्पूर्ण समाज में नई ऊर्जा का संचार किया जा सकता है।

विचारों में बहुत शक्ति होती है। व्यक्ति का अंत हो जाता है किन्तु उसके विचार अमर रहते है जो उसके जाने के बाद आने वाली पीढ़ियों को रास्ता दिखाते हैं। अतः विचारों की शक्ति को पहचान कर अच्छे विचारों का सम्प्रेषण करें।

हमारा कर्तव्य है कि हम हर किसी को उसका उच्चतम आदर्श जीवन जीने के संघर्ष में प्रोत्साहन करें ; और साथ ही साथ उस आदर्श को सत्य के जितना निकट हो सके लाने का प्रयास करें .

[ स्वामी विवेकानंद]

Views: 3327

Replies to This Discussion

विचारों के माध्यम से एक व्यक्ति का कायाकल्प हो सकता है। व्यक्तियों के सुधार से सम्पूर्ण समाज में नई ऊर्जा का संचार किया जा सकता है।

विचारों में बहुत शक्ति होती है। व्यक्ति का अंत हो जाता है किन्तु उसके विचार अमर रहते है जो उसके जाने के बाद आने वाली पीढ़ियों को रास्ता दिखाते हैं। अतः विचारों की शक्ति को पहचान कर अच्छे विचारों का सम्प्रेषण करें।..........बहुत सुन्दर बात साँझा की है 

स्वामी विवेकानंद जी "विचारों की शक्ति" के बारे में जिस प्रकार का दर्शन रखते थे उसे इस आलेख में साँझा करने के लिए आभार आशीष त्रिवेदी जी

DHANYAWAAD

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Tuesday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service