For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अँधेरे में डूबकर
सन्नाटे से बतियाता
वो वीराना
समय से दौड़ में पिछड़ा
वह बेबस, कर्महीन खंड है
जो आजकल
बड़ा घबराया हुआ है उस
विशिष्ट उजाले की आहट सुनकर
जो उसके भाग्य की कालिमा
को धोने नहीं बल्कि उसे दुनिया के
सामने उजागर कर उसका
मजाक उड़ाने आनेवाला है।

Views: 861

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on March 17, 2013 at 10:34am
आदरणीय गुरुदेव, आपको बार-बार धन्यवाद कह रहा हूँ।

जिन भावनाओं के साथ मैंने ये कविता लिखी थी, आपने पूरी तरह उनको समझा और अपनी प्रतिक्रिया में निरूपित किया है। आपके स्नेह से एकबार फिर प्रोत्साहित हुआ हूँ। बहुत-बहुत आभार।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 16, 2013 at 1:20am

अरे बाप रे.. .   क्या-क्या सोच लेते हो भाई.. .  रीढ़ में बर्फ़ की पिघलन महसूस हुई.

अविश्वास और अन्यमनस्कता की बढिया अभिव्यक्ति के लिए बधाई. 

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on March 14, 2013 at 8:03am

आपका हार्दिक स्वागत है आदरणीया वंदना तिवारी जी। रचना की सराहना हेतु आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on March 14, 2013 at 8:02am

बहुत दिनों बाद आपसे बात करने का मौका मिला आदरणीय योगी जी। आपका स्नेह पाकर मन प्रसन्न हुआ। बहुत-बहुत आभार।

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on March 14, 2013 at 8:00am

आपका स्नेह तो सदा प्रोत्साहित करता है आदरणीय लक्ष्मण सर। हार्दिक आभार।

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on March 14, 2013 at 7:59am

स्वागत है आपका आदरणीय विजय निकोर सर। बहुत-बहुत धन्यवाद। 

Comment by Vindu Babu on March 13, 2013 at 4:37pm
आदरणीय कुमार गौरव जी क्या समंजस्य बनाया है शब्दों और भावों के मध्य!
विशिष्ट उजाला....कालिमा को उजागर करने वाला ही नही बल्कि मजाक भी उड़ाने वाला...
बहुत सुन्दर!
सादर
Comment by Yogi Saraswat on March 13, 2013 at 2:22pm

बहुत सुन्दर भाव और उतने ही सुन्दर शब्द श्री कुमार गौरव जी

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 13, 2013 at 1:21pm

अच्छे भाव रचना के लिए बधाई श्री कुमार गौरव अजितेंदु जी, हार्दिक बधाई स्वीकारे 

Comment by vijay nikore on March 13, 2013 at 1:10pm

आदरणीय कुमार गौरव जी:

 

शूरू से अंत तक भाव आपस में बंधे हुए हैं,

रचना अच्छी बनी है।

 

सादर ,

विजय निकोर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185

परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 185 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
16 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुति पर आपसे मिली शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..  सादर"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ कर तरक्की जो सभा में बोलता है बाँध पाँवो को वही छिप रोकता है।। * देवता जिस को…See More
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Nov 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service