For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सरकार नहीं यह चेत रही......

एक प्रयास 'मत्त सवैया' यानी 'राधेश्यामी छंद' का......

सरकार नहीं यह चेत रही, महँगाई जान जलाती है |
रोटी भी मुश्किल होय रही, दिन रात रुलाई आती है | |
हर पक्ष - विपक्ष नहीं अपना, सब अपना काम बनाते हैं |
हैं दुश्मन सबय गरीबन के, सब लूट - लूट के जाते हैं | |

Views: 450

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on October 22, 2012 at 8:50pm

आपके इस स्नेह के लिये हृदय से आभारी हूं सुरेन्द्र भाई जी........!!!

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on September 30, 2012 at 1:12am

हैं दुश्मन सबय गरीबन के, सब लूट - लूट के जाते हैं |

नैन छुपा ये हँसते हैं और मखमल चैन से सोते हैं 

प्रिय विशाल जी ..सुन्दर ....जनता का दर्द उमड़ पडा 

अपना स्नेह बनाये रखें 
भ्रमर ५ 
प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच
भ्रमर का दर्द और दर्पण 
जय श्री राधे 

 

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on September 26, 2012 at 12:24am

बहुत  - बहुत शुक्रिया सन्दीप भाई !!!!

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 25, 2012 at 9:27am

बढ़िया बहुत सुन्दर भाई जी
बधाई हो इस छंद रचना हेतु

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on September 25, 2012 at 12:20am

धन्यवाद सारिका जी..........!!!!

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on September 25, 2012 at 12:19am

दिल से शुक्र्गुजार हूं आपका भावेश राज्पाल भाई........सही कहा आपने..........बडी सोचनीय स्थिति से गुजर रहा है देश.......!!!

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on September 25, 2012 at 12:17am

हृदय से आभारी हूं आपका बृजेश कान्त भाई........!!!!!

Comment by Gul Sarika Thakur on September 24, 2012 at 11:10pm

teekshna kataksha ...

Comment by Bhawesh Rajpal on September 24, 2012 at 4:34pm
विशाल जी  , बहुत बहुत बधाई ! यही कटु सत्य है , न पक्ष रहा न विपक्ष , सबको अपने घर भरने से फुर्सत नहीं , 
जनता की कौन सोचे  !
Comment by Brajesh Kant Azad on September 23, 2012 at 11:59pm

आपका प्रयास पूर्ण रूप से सफल हुआ है विशाल जी, बहुत बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Sep 30
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Sep 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Sep 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service