For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैं शून्य का उपासक हूँ

मैं शून्य का उपासक हूँ
मुझे मेले में भी सब अकेले लगते हैं
इसीलिए सबसे मिल के हँस बोल लेता हूँ
न जाने हंगाम के हंगामे में
कब मुझे मेरा इष्ट (खुदा) मिल जाए
मुकम्मल रास्ते इख्तियार करता हूँ
मंजिल तक जाने के लिए
हर बार सोचता हूँ
ये सही है हाँ ये सच में सही है
चल देता हूँ
सारी शब् चलता हूँ
ठोकरें खाता
सम्हलता
चाँद की रौशनी तक नहीं भाति मुझे 
तारों से इर्ष्या करता हूँ
चिल्लाता हूँ
एक दिन देखना मैं आऊंगा
तब तुमको बताऊंगा
हँस लो
काले बादल मुझे अच्छे लगते हैं
वही तो बरसते हैं
कपास की तरह दूधिया बादल
बस देखने के खूबसूरत
एक बूँद ठंडक न दी कभी
बस ललचा गए
छा गए दिमाग में
अमावश बेहतर होती है
एक दम अकेला होता हूँ
मार्ग वीरान होता है
आने वाले तूफ़ान से बेफिक्र
कुछ भी नहीं दिखता
सिवाए चलने के
सहर होते ही रुक जाता हूँ
क्यूंकि मुझे एकाकी रहना भाता है
और सुबह होते ही
एक साया है जो मेरा पीछा नहीं छोड़ता
निरंकुश है
कहना मानता ही नहीं
कभी आगे कभी पीछे
कभी दायें कभी बाएं
छी ..........ध्यान भंग कर देता है
शून्य की उपासना में खलल डाल देता है
मेरा इष्ट दूर हो जाता है
रात भर की खोज
सुबह होते ही
फिर मजबूर कर देती है
नए रास्ते की तलाश के लिए
लेकिन मंजिल एक ही है
रास्ता दुर्गम और सहज दोनों ही

 
संदीप पटेल "दीप"

Views: 390

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on July 28, 2012 at 6:46pm

बहुत खूब संदीप जी.

Comment by Rekha Joshi on July 27, 2012 at 10:40pm

एक दम अकेला होता हूँ 
मार्ग वीरान होता है 
आने वाले तूफ़ान से बेफिक्र 
कुछ भी नहीं दिखता 
सिवाए चलने के 
सहर होते ही रुक जाता हूँ 
क्यूंकि मुझे एकाकी रहना भाता है ,सदीप जी ,अति सुंदर भाव लिए हुए रचना ,बधाई 

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 27, 2012 at 3:32pm

वाह बेहतरीन बहुत उम्दा संदीप बधाई.....

Comment by Albela Khatri on July 27, 2012 at 3:19pm

जय हो संदीप जी........

एक साया है जो मेरा पीछा नहीं छोड़ता
निरंकुश है
कहना मानता ही नहीं
कभी आगे कभी पीछे
कभी दायें कभी बाएं
छी ..........ध्यान भंग कर देता है

__क्या बात है

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इस बार…See More
2 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
yesterday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service