For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रिश्वत खाना पाप नहीं है बाबाजी

नयन लड़ाना पाप नहीं है बाबाजी
प्यार जताना पाप नहीं है बाबाजी

अगर पड़ोसन पट जाये तो उसके घर
आना -  जाना पाप नहीं है बाबाजी

बीवी बोर करे तो कुछ दिन साली से
काम  चलाना पाप नहीं है बाबाजी

पत्नी रंगेहाथ पकड़ ले तो उसके
पाँव दबाना पाप नहीं है बाबाजी

रोज़ सुबह उठ, अपनी पत्नी की खातिर
चाय बनाना पाप नहीं है बाबाजी

वेतन से यदि कार खरीदी न जाये
रिश्वत खाना पाप नहीं है बाबाजी

'अलबेला' हर व्यक्ति यहाँ दुखियारा है
इन्हें हँसाना  पाप नहीं है  बाबाजी

-अलबेला खत्री

Views: 964

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on July 17, 2012 at 12:06am

bhramar ji ki jai ho
saadar

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 16, 2012 at 11:22pm

आदरणीय और प्रिय अलबेला जी ,भाई  उमाशंकर मिश्र जी और  प्रिय संदीप जी आप सब को चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक १५ में प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान ले विजयी रहने पर हार्दिक और लख लख बधाइयाँ 

भ्रमर ५ 
Comment by Albela Khatri on July 16, 2012 at 12:08pm

आदरणीय राज कुमार रोलिया जी,
सादर प्रणाम
ये सच है कि  यह रचना बकवास है, महा फ़ालतू है  बल्कि इसे कचरा कहना भी कचरे का अपमान करना है और ये बात अगर आप पाँच रूपये का स्टाम्प ले आओ तो मैं उस पर भी लिख कर देने को तैयार हूँ........मैंने कब कहा  कि ये कोई साहित्यिक उपलब्धि है इस युग की........

और आपको भी क्यों उम्मीद करनी चाहिए कि  हर रचना श्रेष्ठ ही होगी....अरे भाई  इत्ता भी नहीं जानते,  जो गाय दो टाइम  दूध देत्ती  है वो  दस टाइम गोबर भी करती है, जिन्हें शुद्ध दूध पीना हो, उन्हें गोबर भी उठाना पड़ता है

आपने  समय निकाल कर मेरी तुकबन्दी बांची और उस पर अपने स्नेहसिक्त  शब्द  लिखे उसके प्रति आपका हार्दिक आभार और धन्यवाद

सादर

Comment by Raj Kumar Rohilla on July 16, 2012 at 12:05pm

aaa

Comment by Raj Kumar Rohilla on July 16, 2012 at 11:54am

lagta hai apne sirf isliye likha ki likhna tha.koi srijanta isme dikhai nahin deti.

is rachna me wo baat nahin hai jiske liye aapka intjaar rahta hai.

bakwas

Comment by Albela Khatri on July 14, 2012 at 10:56pm

जय हो जय हो

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 14, 2012 at 10:54pm

आज लगता है बाबा अपनी किरपा बर्षा रहे है बाबा जी के लिए कोई पाप नहीं है जी

जो चाहो वो  कर जाओ बाबा जी .....नेता जी और बाबा जी .....खुली छूट है भाई ..सारे  जहाँ से अच्छा  हिन्दुस्थान  तुम्हारा

हम बुल बुले हैं इसके ....ये गुलिस्तां तुम्हारा .....जय हो ....

Comment by Albela Khatri on July 14, 2012 at 10:21pm

धन्यवाद  भाई अरुण जी....
स्वागत  है

Comment by Arun Sri on July 14, 2012 at 8:19pm

नयन लड़ाना पाप नहीं है बाबाजी
प्यार जताना पाप नहीं है बाबाजी

'अलबेला' हर व्यक्ति यहाँ दुखियारा है
इन्हें हँसाना  पाप नहीं है  बाबाजी  ............. इस बार दाद इन्ही दोनों पर दूँगा बस ! मैं "भला आदमी" बाकी बातों को पाप ही मानता हूँ ! (अब नही भी मानता तो यहाँ बताने की क्या जरूरत ?) जय हो खत्री साहब ! पाप की  नई परिभाषा मुबारक हो !:-)) :-))

Comment by Albela Khatri on July 14, 2012 at 7:40pm

आपका कोटि कोटि धन्यवाद रेखा जी........
सादर !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
26 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post काश कहीं ऐसा हो जाता
"आदरणीय अमन सिन्हा जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर। ना तू मेरे बीन रह पाता…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on दिनेश कुमार's blog post ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही )
"आदरणीय दिनेश कुमार जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। इस शेर पर…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई। गौरैया के झुंड का, सुंदर सा संसार…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post यह धर्म युद्ध है
"आदरणीय अमन सिन्हा जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"वाह वाह वाह... क्या ही खूब शृंगार का रसास्वाद कराया है। बहुत बढ़िया दोहे हुए है। आखिरी दोहे ने तो…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Ashok Kumar Raktale's blog post कैसे खैर मनाएँ
"आदरणीय अशोक रक्ताले जी, बहुत शानदार गीत हुआ है। तल्ला और कल्ला ने मुग्ध कर दिया। जो पेड़ों को काटे…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"आपकी ज़िंदगी ओबीओ  मेरी भी आशिकी ओबीओ  इस समर में फले कुछ समर ऐ समर ये खुशी…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं। सादर।"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया प्रस्तुति। हार्दिक बधाई। आख़री दोहे में  गोल गोल ये रोटियां,…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय सुशील सरना जी, मयखाने से बढ़िया दोहे लेकर आए हैं। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर।"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया दोहा छंद की प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। इस दोहे…"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service