For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हाइकु....
-----------
तेवर भी है
अंग-अंग सोने सा
जेवर भी है.
-------------
नही सूरत
सोच बदल डालो
है जरुरत.
----------
जान बचाओ
खतरे ही खतरे 
बाज तो  आओ.
-----------
मुर्गी क़े लिए
लड़ते बदस्तूर
कुर्सी क़े लिए
-------------
लड़कियां हैं
ताजगी साथ लायें 
खिड़कियाँ हैं.
---------------
ये तेवर हैं
कोई शक ही  नही 
पेशेवर हैं.
-------------
मुझे गुमान
ओ! मेरे हिंदुस्तान
मेरी मुस्कान.
--------------
अविनाश बागडे....

Views: 562

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 15, 2012 at 12:20pm

samtukaant haaiku sabhi ek se badhkar ek badhaai baagde ji.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 14, 2012 at 10:54am

नही सूरत

सोच बदल डालो
है जरुरत.
आदरणीय अविनाश जी, सादर , बहुत खूब . बधाई.
Comment by AVINASH S BAGDE on June 14, 2012 at 10:25am

 डॉ. सूर्या बाली "सूरज" ji..

Bishwajit yadav ji

bhai  कुमार गौरव अजीतेन्दु 

UMASHANKER MISHRA ji

सभी स्नेही-जनों का ह्रदय से आभार.

Comment by AVINASH S BAGDE on June 14, 2012 at 10:19am

 

आदरणीय अलबेला जी ,
मेरे हाइकु पसंद आये
आपकी जर्रा नवाजी.
Comment by AVINASH S BAGDE on June 14, 2012 at 10:18am

डॉ. प्राची जी, बहुत-बहुत धन्यवाद बारीकी से मेरी रचना को समय देने हेतु साथ ही एक भूल पे ध्यान दिलाने हेतु. वस्तुत:डायरी में मैंने लिखा- "बाज तो आओ खतरे ही खतरे जान बचाओ." पोस्ट करते वक़्त ऊपर की लाइन नीचे की और"तो"राह गया. फिर एक बार आभार आपका. 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 14, 2012 at 8:54am
सुन्दर हाइकू आ. अविनाश बागडे जी
"जान बचाओ
खतरे ही खतरे 
बाज आओ."
इसके अंतिम पद को पुनः देख लें...
हार्दिक बधाई इन गेय समतुकांत हाइकूओं के लिए.
Comment by Albela Khatri on June 14, 2012 at 12:13am

jai ho avinash ji..............

kya kahne,,,,,,,,,,,,,,

badhaai !

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 13, 2012 at 11:12pm
आदरणीय अविनाश सर, बड़े अच्छे हाइकु। पहला खासतौर से।
Comment by Bishwajit yadav on June 13, 2012 at 10:59pm
प्रणाम अविनाश जी
अच्छा है
कुछ नया सिखने को मिला
Comment by UMASHANKER MISHRA on June 13, 2012 at 10:44pm

ये हाइकु हमारी कल्पना को अनेक रंग दे रहे हैं

बहुत सुन्दर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
22 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
22 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
22 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
22 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
22 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"आ. भाई आजी तमाम जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post काश कहीं ऐसा हो जाता
"आदरणीय अमन सिन्हा जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर। ना तू मेरे बीन रह पाता…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on दिनेश कुमार's blog post ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही )
"आदरणीय दिनेश कुमार जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। इस शेर पर…"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service