For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

- - - -जब मुझे प्यार हो जायेगा - - - - -

आँखें भर आयेंगी, ये दिल भी रो जायेगा 

बदनामों में नाम हमारा भी हो जायेगा 
नींद भी जाएगी ,चैन भी खो जायेगा 
मुझे जब  किसी से  प्यार हो जायेगा 
             चाँद में कभी दाग मुझको नज़र आयेगा 
             पर ' वो ' हमेशा ही  बेदाग नजर आयेगा
             कभी रोशनी से उसकी चमकेगा जहां मेरा 
              रोशनी से उसकी कभी चाँद  भी लाज़ायेगा
चेहरा उसका खिलता गुलाब नजर आयेगा 
खिलता गुलाब कभी उदास नजर आयेगा 
झरनों सा बहता नज़र आयेगा कभी 'वो'
तो कभी "प्यासा बादल" सा नजर आयेगा 
               सामने उसके अपने भी पराये नजर आयेंगे 
               और ' वो पराया ' भी अपना नजर आयेगा  
               खुद कि परवाह कभी न करने वाला दिल ये 
               परवाह  में  उसकी  लापरवाह  हो  जायेगा 
फिर एक दिन अचानक  नींद खुल जाएगी 
सपनों का आसमां फिर जमीं पे आ जायेगा 
चंद पलों में बिखरता वो रिश्ता " आज़ाद "
आइना हकीकत का तुझको दिखा जायेगा ..
 
                              - - -  अजय आज़ाद 

Views: 381

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ajay Singh on June 14, 2012 at 6:13pm

Thnx for all.....

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 8, 2012 at 1:19pm

इश्क द लगया रोग.

बधाई.

Comment by UMASHANKER MISHRA on June 7, 2012 at 7:30pm

अजय जी बहुत सुन्दर गीत लिखा है आपने

"जब मुझे प्यार हो जायेगा"

अब इसकी जरुरत नहीं है आपको आपने प्यार होने के बाद के सारे

हादसों का वृतांत गीत में पिरो दिया है| केवल कल्पनाओं से प्यार का अनुभव नहीं

मिलाता है| इतनी सुन्दर   लय बद्ध गीतके लिए  बधाई

Comment by Rekha Joshi on June 7, 2012 at 5:53pm

Ajay ji 

  सामने उसके अपने भी पराये नजर आयेंगे 

               और ' वो पराया ' भी अपना नजर आयेगा  
               खुद कि परवाह कभी न करने वाला दिल ये 
               परवाह  में  उसकी  लापरवाह  हो  जायेगा ,bahut bahut  badhai ,bahut khuub likh hae apne 
Comment by Albela Khatri on June 7, 2012 at 3:58pm

वाह वाह अजय आज़ाद जी......
प्यार में भिगो कर  बड़ा प्यारा और सुन्दर गीत रचा आपने
बधाई


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 7, 2012 at 3:50pm

बहुत ही आजाद ख्याल में कही गई बात, बहुत खूब |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक राज कपूर साहब,  आपका तह- ए- दिल आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय देकर मेरी ग़ज़ल…"
2 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"जी आदरणीय गजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीया ऋचा जी ग़ज़ल पर आने और हौसला अफ़जाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
2 hours ago
Chetan Prakash commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय गिरिराज भंडारी जी । "छिपी है ज़िन्दगी मैं मौत हरदम वो छू लेगी अगर (…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service