For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

व्यंग रचना- अर्थ-तंत्र पर भारी

अर्थ-तंत्र पर भारी राज-तंत्र में गठबंधन सरकार,
गठबंधन-धर्म निभाने की मज़बूरी में यह सरकार |
 
ममता-सोनिया की डपट, कैसे करे दरकिनार,
उदासीन मनमोहन मौन हुए, संकट में सरकार |
 
लून,तेल,लकड़ी गायब हुए, बढ़ा तस्करी व्यापार,
आँख दिखाते पडौस के, हवा हुए सद्व्यवहार |
 
जन-हित से ऊपर हुआ, सत्ता-मद का मधुपान, 
सत्ता-मद के आगे नहीं, चाहे हो अमृत सोपान |

सच से कुछ मिलाता नहीं, झूठ में अम्रत प्याला,
सांचा  कुए पर प्यासा, झूठा जाता मधुशाला |
 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर  

Views: 737

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 4, 2012 at 6:21pm

 उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद महिमाश्रीजी

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला
Comment by MAHIMA SHREE on June 3, 2012 at 10:47pm

आदरणीय लक्ष्मण सर ..

वर्तमान सरकार की पोल खोलती समसामयिक और सटीक रचना के लिए आपको ढेरो बधाइयाँ

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 3, 2012 at 9:04am

सजरी संदीप कुमार पटेल जी और रेखा जोशीजी, धन्यवाद 

आप जैसे पारखी द्वारा व्यंग की सामयिक सार्थकता बताने 
पर मेरा उत्साह वर्धन हुआ है, हार्दिक आभार स्वीकारे | 
Comment by Rekha Joshi on June 2, 2012 at 9:03pm

लक्ष्मण जी ,बहुत बढ़िया रचना ,बधाई 

लून,तेल,लकड़ी गायब हुए, बढ़ा तस्करी व्यापार,
आँख दिखाते पडौस के, हवा हुए सद्व्यवहार |,bahut khub 
Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on June 2, 2012 at 6:46pm

मौजूदा परिवेश को देखते हुए एक सार्थक रचना के लिए बधाई आपको

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 2, 2012 at 2:22pm
श्री विश्वजीत यादवजी और आशीष यादव जी आपके उत्साह वर्धन के लिए 
हार्दिक धन्यवाद | -लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला, जयपुर    
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 2, 2012 at 2:18pm
डा. सूर्य बाली "सूरज" आपके उत्साह वर्धन के लिए शब्दों 
के चयन पर बधाई देते हुए हार्दिक धन्यवाद | आप जैसे 
सरस्वती के साधक के साथ मित्रता का वरद हस्त मुझे 
संबल प्रदान करेगा | स्वागत है | -लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला, जयपुर    
Comment by Bishwajit yadav on June 1, 2012 at 10:37pm
लक्ष्मण जी बहुत अच्छा लिखे है आप और आगे इससे भी अच्छी रचना लिखे
Comment by आशीष यादव on June 1, 2012 at 8:53pm
अच्छा वार है। सामयिक रचना
Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on June 1, 2012 at 7:27pm

लक्ष्मण जी आम आदमी की परेशानियों को उकेरती सुंदर रचना के लिए आपको बहुत बहुत बधाई !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Vikas is now a member of Open Books Online
13 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
yesterday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service