For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कौरवों के साथ में धृतराष्ट्र अँधा है

कौरवों के साथ में धृतराष्ट्र अँधा है
धर्म है पाखंड सा हर दिल दरिंदा है

हिंद में ही लुट रही क्यूँ लाज हिंदी की
पश्चिमी रंग में रंगा हर एक बंदा है

ना हया ना शर्म है आदम के अन्दर अब
औ सनातन धर्म भी मंदिर में धंधा है

आज तक अच्छा किया ना एक नेता ने
जो करे अच्छा यहाँ वो ही तो गन्दा है

फिक्र तुझको हो रही जो आज रुखसत की
खानदानी ना सही यारों का कन्धा है

भीख ना मिलती गरीबों के लिए कुछ भी
"दीप" गुंडा फिर रहा लेता जो चंदा है

संदीप पटेल "दीप"

Views: 673

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 17, 2012 at 7:41pm

aapka bahut bahut aabhari hun aadarniyaa rajesh kumari ji apne jo meri is ghazal ko padha aur haushalafajai ki uske liye tahe dil se shukriya aapka

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 17, 2012 at 7:38pm

aapka bahut bahut shukriya aur saadar aabhari hun @bhawesh ji .........

Comment by Bhawesh Rajpal on May 10, 2012 at 10:14am
आज की राजनीति व्  सामजिक  वातावरण पर चोट  !
छल-प्रपंच ,जोड़-तोड़, नेता का मकसद  वोट  !
बहुत-बहुत  बधाई ! 

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 9, 2012 at 5:40pm

आज की परिस्थतियों पर अच्छा कटाक्ष किया है दीप जी बहुत खूब 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 7, 2012 at 10:23pm

आपका तहे दिल से शुक्रिया इस हौशलाफजाई के लिए dilbag virk जी

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 7, 2012 at 10:22pm

ह्रदय से आभारी हूँ आपका Arun Kumar Pandey 'Abhinav जी
अपना स्नेह और आशीर्वाद यूँ ही बनाये रखिये

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 7, 2012 at 10:21pm

बहुत बहुत शुक्रिया इस हौशलाफजाई के लिए CHOTU SINGH जी

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 7, 2012 at 10:20pm

आपका बहुत बहुत शुक्रिया और सादर आभार ganesh lohani जी

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 7, 2012 at 10:19pm

ह्रदय से आभारी हूँ आपका, बहुत बहुत शुक्रिया इस हौशलाफजाई के लिए MAHIMA SHREE जी

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 7, 2012 at 10:16pm

आपका तहे दिल से शुक्रिया इस हौशलाफजाई के लिए PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
3 hours ago
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
20 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service