For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 73899

Reply to This

Replies to This Discussion

a very very happy birthday to you. May god almighty give all the happiness in the whole universe. GOD BLESS U

 

 

मैं परसों से जुटा हुआ था और तीन दिन में ओ बी ओ लाईव तरही मुशायरा को भाग १ से १९ तक पूरा फिर से पढ़ डाला
कमेन्ट दर कमेन्ट बहुत सारे खट्टे मीठे पल आखों के सामने से गुजरे

खुद सहित सभी लोग की ओ बी ओ में शुरुआत से अब तक का सफ़र फिर से पढ़ा और दिल खुश हो गया

कुछ लोग इस बीच ओ बी ओ मंच छोड़ कर चले गये उनकी याद आई
कुछ लोग जाते हुए अपनी रचनाये भी डिलीट कर गये थ्रेड में उनकी रचना का न होना आखर गया :(

मगर होली की हुडदंगई से ले कर एक से बढ़ कर एक लाजवाब शेर पढ़ कर मन आनंदित हो गया

सोचा ये बात आप सभी से शेयर की जाये :))))))

जो टूट गये फिर कहाँ मिले, पर बोलो टूटे तारों पर कब अम्बर शोर मचता है.. . जो बीत गयी सो बात गयी.

महत्त्वपूर्ण यह नहीं, भाईजी, कि कौन रहा, कौन गया.. या, किस-किस ने क्या कहा, किस-किस ने क्या किया.   बल्कि,  महत्त्वपूर्ण तो यह है कि, जो हैं और हृदय से संलग्न हैं, उनमें से कितनों के प्रयास में सकारात्मकता है, कितनों के प्रयास में अपेक्षित सुधार है.  अगर कहीं कमी है तो जानकरों द्वारा बिना अन्यान्य सोचे ध्यान और प्रयास दोनों दिये जाने की आवश्यकता है.  यही महती उपलब्धि होगी इस मंच की.

वरिष्ठों और जानकारों द्वारा नये शायरों और नये रचनाकारों,  जो अपने प्रयास के लिहाज से वस्तुतः गंभीर हैं,  को आवश्यक माहौल मिलना चाहिये, यही सद्-प्रयास हो. 

महत्त्वपूर्ण तो यह है कि, जो हैं और हृदय से संलग्न हैं, उनमें से कितनों के प्रयास में सकारात्मकता है,

सच बात ...

साथियों, बहुत ही व्यथित ह्रदय से सूचित करना पड़ रहा है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार कार्यकारिणी के सदस्य श्री संजय मिश्रा "हबीब" जी की माता जी का आकस्मिक निधन ह्रदय गति अवरुद्ध होने से कल दिनांक १७ अप्रैल १२ को हो गया | ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे तथा संजय जी के पुरे परिवार को इस अपार दुःख सहने की शक्ति दे |

परमपिता परमेश्वर से यही प्रार्थना है कि भाई संजय हबीब जी की माताजी की आत्मा को परमशांति प्रदान करें. 

ईश्वर भाई संजय हबीब जी को मानसिक संबल प्रदान करें. अभी-अभी उनसे टेलिफोनिक बात हुई. वे सांस्कारिक रूप से पूर्ण संयत और मानसिक रूप से निस्पृह हैं.

ओबीओ का परिवार इन विकल करती घड़ियों में भाई संजय हबीब के साथ है.

 

इस  दुखद समाचार को सुन कर मन  को बहुत गहरा धक्का लगा. माँ खोने का गम क्या होता है, मैं उस से भली भांति परिचित हूँ. बहरहाल, इस  दुःख की घड़ी मी पूरा ओबीओ परिवार भाई संजय भाई के साथ खड़ा है. परम पिता परमेश्वर माता जी की आत्मा को अपने चरणों में निवास दे तथा  पूरे परिवार को इस असहनीय दुःख सहने की शक्ति बख्शी.



इस विकट एवं दुःखद घडी में संजय जी के साथ मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं| ईश्वर उनकी माता जी को जन्नत बख्शे तथा संजय जी और उनके परिवार को इस अपार दुःख को सहने का संबल| आमीन!

शोक की इस घड़ी में हम सब भाई संजय मिश्र जी के साथ हैं ! ईश्वर उनकी माँ की आत्मा को शांति प्रदान करे तथा संजय जी के सम्पूर्ण परिवार को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति दे !



अत्यंत दुखद ........ मुझे थोड़ी देर पहले आदरणीय गणेश जी से मालुम हुआ . ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शान्ति प्रदान करें .  मैं उनकी पुण्य स्मृति को सादर नमन करता हूँ ... और इस दुःख की घड़ी में अपने मित्र हबीब साहेब के साथ हूँ

इस विकट घडी में संपूर्ण ओ बी ओ परिवार की और से मैं परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि श्री हबीब जी को इस आघात को सहने कि शक्ति प्रदान करे तथा उनकी माताजी कि आत्मा को शांति मिले... ॐ शांति..

 हम संजय मिश्र हबीब जी के इस दुखद समय में उनके साथ हैं उनकी माता जी को हमारी कोटि कोटि श्रधांजलि .

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
2 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"ऐसे ऐसे शेर नूर ने इस नग़मे में कह डाले सच कहता हूँ पढ़ने वाला सच ही पगला जाएगा :)) बेहद खूबसूरत…"
10 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा

.ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा, मुझ को बुनने वाला बुनकर ख़ुद ही पगला जाएगा. . इश्क़ के…See More
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय रवि भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो  कर  उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. नीलेश भाई , ग़ज़ल पर उपस्थिति  और  सराहना के लिए  आपका आभार  ये समंदर ठीक है,…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"शुक्रिया आ. रवि सर "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. रवि शुक्ला जी. //हालांकि चेहरा पुरवाई जैसा मे ंअहसास को मूर्त रूप से…"
yesterday
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"वाह वाह आदरणीय नीलेश जी पहली ही गेंद सीमारेखा के पार करने पर बल्लेबाज को शाबाशी मिलती है मतले से…"
yesterday
Ravi Shukla commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु भाई ग़ज़ल की उम्दा पेशकश के लिये आपको मुबारक बाद  पेश करता हूँ । ग़ज़ल पर आाई…"
yesterday
Ravi Shukla commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय अमीरूद्दीन जी उम्दा ग़ज़ल आपने पेश की है शेर दर शेर मुबारक बाद कुबूल करे । हालांकि आस्तीन…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service