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उडी पतंग

छूट गयी जो डोर

कटी पतंग ।

कोख में मारा

बेटी को, जन्मे कैसे

कोई भी लाल ।

 

मेघों की दौड़

थक कर चूर, तो

बरसें कैसे ।

 

इच्छा किनारा

ज़िन्दगी की नदी में

आशा की नाव

 

संसार सार

जीवन है, सब हैं

शेष नि:स्सार

 

... मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by Naveen Mani Tripathi on July 31, 2018 at 10:18pm

आ0 उपाध्याय जी बहुत सुंदर हाइकु हुए हैं आपको हार्दिक बधाई ।

Comment by Neelam Upadhyaya on July 23, 2018 at 12:59pm

आदरणीय समर कबीर जी, बहुत बहुत आभार। 

Comment by Neelam Upadhyaya on July 23, 2018 at 12:58pm

आदरणीय तेजवीर सिंह जी, बहुत बहुत आभार। 

Comment by Neelam Upadhyaya on July 23, 2018 at 12:58pm

आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी, आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार।

Comment by Neelam Upadhyaya on July 23, 2018 at 12:54pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी। 

Comment by Samar kabeer on July 22, 2018 at 11:40am

मुहतरमा नीलम उपाध्याय जी आदाब,अच्छे हाइकू हुए,बधाई स्वीकार करें,जनाब आरिफ़ भाई की बातों का संज्ञान लें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 21, 2018 at 12:06pm

हार्दिक बधाई आदरणीय नीलम जी। बहुत शानदार हाइकू।

Comment by Mohammed Arif on July 20, 2018 at 5:56pm

आदरणीया नीलम उपाध्याय जी आदाब,

                                      अच्छे हाइकु । एक बात कहना चाहूँगा कि हाइकु का जितना शिल्प मारक होगा वह उतना प्रभावशाली बनेगा । हाइकु में शिल्प बहुत मायने रखते हैं । केवल अक्षर गणना करना भर नहीं होता है । इप मेरे कहने का आशय समझ गई होगी । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Shyam Narain Verma on July 20, 2018 at 12:35pm
सुंदर रचना के लिए बहुत बधाई सादर

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"जय हो.. "
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"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
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"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
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"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
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"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
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"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
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"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
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"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
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"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
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