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होली, का त्योहार

रंगो का त्योहार है होली आओ मिलकर खेले

भेद भाव सब दूर भगाकर आओ होली खेले ॥

जो अपने भूले भटके हैं

धर्म दीवारों से बिछड़े हैं

और दूर देश में अटके हैं

कड़वी पर यह सच्चाई है

एक प्यार भरा संदेशा है

यह आज सुनहरा मौका है

रंगो का त्योहार है होली आओ मिलकर खेले

भेद भाव सब दूर भगाकर आओ होली खेले ॥

दुख सुख का यह जीवन है

यहाँ मिलकर सबको रहना है

हमें जीवन बाधा से लड़ना है

दुश्मन से देश को बचाना है

हमें मिलकर आगे बढ़ना है

यह आज सुनहरा मौका है

रंगो का त्योहार है होली आओ मिलकर खेले

भेद भाव सब दूर भगाकर आओ होली खेले ॥

देश हमारा एक गुलशन है

माली उपवन का रक्षक है

 

फूलों से बाग की शोभा है

काँटों का बाग पे पहरा है

पर भौरें अमृत रस पीते हैं

और सुखमय जीवन जीते हैं

रंगो का त्योहार है होली आओ मिलकर खेले

भेद भाव सब दूर भगाकर आओ होली खेले ॥

यह उपवन हमारा महका है

वृक्षों पर चिड़ियाँ  चहकी हैं

बसंत का सुहाना मौसम है

हाथ में रंग भरी पिचकारी है

ये मस्त अलबेलों की टोली है

आज रंग गुलाल की होली है

रंगो का त्योहार है होली आओ मिलकर खेले

भेद भाव सब दूर भगाकर आओ होली खेले ॥

मौलिक एवं अप्रकाशित 

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Comment by रामबली गुप्ता on March 18, 2016 at 7:39pm
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