For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शिल्पी और धूप

सदा सच से दूर भागते

धूप ताप सब सह जाते

भगवान की मूर्ति बनाते

पूजा के हैं नियम बनाते

धर्म के पीछे ढोग रचाते

धूप दीप और नैवेद चढ़ाते

हवन के नाम अन्न जलाते

पत्थर पर हैं दूध पिलाते

भूखे बालक दूध न पाते

शिल्पी इनको जरा न भाते

उसे मूर्ति को छूने नहीं देते

मूर्ति को भगवान बताते  

मंत्रो का उच्चारण करते

सुबह शाम आरती करते

शंख मजीरा ढ़ोल बजाते

सदा सुख की आशा करते  

नारायण की कथा सुनाते

फल फूलों का भोग लगाते

प्रभु दर्शन को पंक्ति बनाते

घंटों धूप में खड़े रह जाते

अज्ञानी किस्मत को रोते

ढ़ोगी को सब धन दे देते

मूर्ख श्राप का धौस जमाते  

झूठों की सब बात मानते,

सभी जगह साथ निभाते

जान की भी बाजी लगाते

गलत को सब सही बताते

पैसे के बल न्याय खरीदते

साम, दाम, दंड, भेद लगाते

दिन दोपहर को रात बताते

न्यायाधीश को पैसे पकड़ाते

सदा सच से सब दूर भागते

 

  मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 442

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ram Ashery on March 13, 2016 at 5:04pm

आपको सहृदय  धन्यवाद ,अपना अमूल्य समय मेरी रचना को पढ़ने के लिए दिया 

Comment by Samar kabeer on March 13, 2016 at 2:58pm
जनाब राम अशरी जी आदाब,इस प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Ram Ashery on March 11, 2016 at 7:21pm

मेरी रचना को पढ़ने और बधाई संदेश लिखने के लिए आपको मेरी ओर से सहृदय धन्यवाद 

Comment by Dr.varsha choubey on March 11, 2016 at 3:17pm
बधाई आपको
Comment by Ram Ashery on March 11, 2016 at 11:53am

सहृदय धन्यवाद मेरी रचना को लोगों तक पहुँचने के लिए । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service