For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मंगल गीत सुनाओ सखी री

मंगल गीत सुनाओ सखी री

ताशे ढोल बजाओ सखी री

हल्दी उबटन औ विविध विधि

गोरी रूप सजाओ सखी री

 

उत्सव की तैयारी हो रही

सबकी अब खरीदारी हो रही

भाई को शेरवानी मिली

छुटकी की साड़ी भारी हो रही

दुलहन लहंगा सबसे अनोखा

चाँद तारे जडाओ सखी री

 

द्वारे आये हैं दुल्हे राजा

साथ में लाये बाजा-गाजा

स्वागत को उत्सुक सभी घराती

घर में बना है लड्डू खाजा

दूल्हे को भाए विदेशी पिज्जा

लन्दन से मंगाओ सखी री

 

दूल्हा बराती औ सहबाला

बैठे हैं खिचड़ी पे बन लाला

कार इनोवा पर दूल्हा मटका

दूल्हे का बाप ऑटो वाला

दुल्हे का जूता गायब हुआ जी

बाते का मंगाओ सखी री

 

बाबुल की बेटी पराई हुई

थोड़ी सी सहमी लजाई हुई

माँ का अंगना हुआ बेगाना

नम आँखों से विदाई हुई

बेटी हुई सजन की सजनियाँ

मोह यों न बढ़ाओ सखी री

संजू शब्दिता मौलिक व अप्रकाशित  

Views: 1127

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by sanju shabdita on March 19, 2014 at 12:06pm

आपका बहुत बहुत धन्यवाद आ० सौरभ सर //


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 6, 2014 at 3:24am

हमारी परिपाटियाँ उत्सवधर्मी होती हैं. इसी कारण सामाजिक-पारिवारिक परंपराओं में गीतों और रंगों का ऐसा और इतना महत्त्व है.  गीत पर हुए प्रयास के लिए  हार्दिक बधाई, संजू जी..

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 4, 2014 at 11:30pm

अति सुंदर मनभावन गीत आदरणीया संजू जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 4, 2014 at 6:39pm

आदरणीया संजू जी , शादी  पर सुन्दर गीत रचना की है ॥ आपको बहुत बधाई ॥

Comment by Meena Pathak on February 4, 2014 at 12:53pm

बहुत सुन्दर ... मनभावन गीत ..बहुत बहुत बधाई 

Comment by coontee mukerji on February 4, 2014 at 3:13am

बहुत सुंदर आपकी रचना निखर गयी है..हार्दिक बधाई.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
3 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान की परिभाषा कर्म - केंद्रित हो, वही उचित है। आदरणीय उस्मानी जी, बेहतर लघुकथा के लिए बधाइयाँ…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया लघुकथा हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी दोनों सहकर्मी है।"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। कई…"
5 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय मिथिलेश जी, इतना ही कहूँ,   ... ' पहचान पता न चले। बस। ' रहस्य - रोमांच…"
6 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीय उस्मानी जी, लघुकथा की मार्मिकता की परख हेतु आपका दिली आभार। "
6 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा को मान देने हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीय, मिथिलेश जी। "
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"उस दफ़्तर में ये अविनाश है कौन? यह संकेत स्पष्ट नहीं हो सका। चपरासी है या बाबू? स्नेहा तो…"
13 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"कारण (लघुकथा): सरकारी स्कूल की सातवीं कक्षा में विद्यार्थी नये शिक्षक द्वारा ब्लैकबोर्ड पर लिखे…"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service