For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उचित निर्णय युक्त बनाना

सुधरे जो बनते हैं सबके अपने,
निशदिन दिखाते हैं नए सपने,
ऊपर-ऊपर प्रेम दिखाते,
भीतर सबका चैन चुराते,
ये लोगों को हरदम लूटते रहते हैं;
तब भी उनके प्रिय बने रहते हैं.
**************************************************
ये करते हैं झूठे वादे,
भले नहीं इनके इरादे,
ये जीवन में जो भी पाते,
किसी को ठग के या फिर सताके
ये देश को बिलकुल खोखला कर देते हैं;
इस पर भी लोग इन पर जान छिड़कते हैं.
*******************************************************
जब तक ऐसी जनता है,
तब तक ऐसे नेता हैं,
जिस दिन लोग जाग जायेंगे,
ऐसे नेता भाग जायेंगे,
अब यदि चाहो इन्हें हटाना,
चाहो उन्नत देश बनाना,
सबसे पहले अपने मन को,
उचित निर्णय युक्त बनाना.
*****************************उचित निर्णय युक्त बनाना.

Views: 238

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 12, 2011 at 6:19pm
शालिनी जी, बहुत ही विचारोतेजक रचना है , या यह कहे की तीखा प्रहार है आज के दोमुहों पर , बेहतरीन अभिव्यक्ति , बधाई स्वीकार करे , पुनः आपकी रचनाओं का इन्तजार रहेगा |
Comment by Ratnesh Raman Pathak on January 12, 2011 at 6:07pm
आपकी यह कविता अच्छी प्रहार कर रही है ,भ्रष्ट नेतावों पर जो भ्रष्टाचार के गंगोत्री में आज भी दुबकी लगाने से अच्छा कुछ भी नहीं समझते .खैर,भगवान करे यह श्रेष्ठ सन्देश लोगो के दिल तक जाये और उचित निर्णय उक्त बनाये !बहुत बहुत धन्यवाद आपको शालिनी जी.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service