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नींबू अदरक लहसुना, सिरका-सेब जुटाय,

सारे रस लें भाग सम, मिश्रित कर खौलाय. 

मिश्रित कर खौलाय, बचे तीनों चौथाई.

तब मधु लें समभाग, मिला कर बने दवाई.

'अम्बरीष' नस खोल, हृदय दे, महके खुशबू.

नित्य निहारे पेय, तीन चम्मच भल नींबू..

--अम्बरीष श्रीवास्तव

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Comment by Ashok Kumar Raktale on August 24, 2012 at 11:59pm

आदरणीय अम्बरीश जी

                  सादर नमस्कार, कुछ दिन पहले फेस बुक पर गध्य रूप में इसे पढ़ा था आज कुंडलियों के रूप में इस हार्ट ब्लोकेज के नुस्खे को पढकर लगता है यदि सिर्फ इस कुंडलिया को ही पढ़ा जाए तो ब्लोकेज कि समस्या कुछ हद तक तो वैसे ही दूर हो जायेगी. सुन्दर याद रखने योग्य प्रस्तुति पर आपको हार्दिक बधाई.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 24, 2012 at 9:44am

आदरणीय अम्बरीश जी, सदर अभिवादन

पियो दवाई रहो मगन

खिल उठे सारा चमन

बधाई.

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 24, 2012 at 9:39am

जय हो जय हो आदरणीय !

Comment by Albela Khatri on August 23, 2012 at 7:37pm

सादर भाईजी.......

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 7:36pm

स्वागत है आदरणीय अलबेला जी !

Comment by Albela Khatri on August 23, 2012 at 6:35pm

सादर प्रणाम अम्बर जी.........

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 11:52am

धन्यवाद आदरेया रेखा जी ! यह नुस्खा यदि किसी के भी काम आ गया तो यह श्रम सार्थक समझूंगा ! सादर

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 11:51am

स्वागतम आदरेया राजेश कुमारी जी ! आको यह कुंडलिया उपयोगी लगी ...इस निमित्त सादर धन्यवाद !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 11:50am

सुप्रभात आदरणीय अलबेला जी ! इसे पसंद करने के लिए हार्दिक आभार मित्र !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 11:49am

स्वागत है डॉ० प्राची जी, कुंडलिया को पसंद करने व सराहने हेतु आपके प्रति हार्दिक आभार !

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